मेरी नानी का घर पर निबंध: मेरी नानी का घर गांव में है, जहां चारों तरफ हरियाली और ताज़गी भरा वातावरण है। घर के सामने एक बड़ा सा आंगन है, जिसमें आम और न
Essay on Nani ka Ghar in Hindi (मेरी नानी का घर पर निबंध) For Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7 & 8
मेरी नानी का घर पर निबंध: मेरी नानी का घर, गांव में है, जहां चारों तरफ हरियाली और ताज़गी भरा वातावरण है। घर के सामने एक बड़ा सा आंगन है, जिसमें आम और नीम के पेड़ हैं। आंगन में अक्सर पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देती है, जो वहां के वातावरण को और भी जीवंत बना देती है। बचपन में मैं गर्मी की छुट्टियों में नानी के घर जाया करता था। जैसे ही स्कूल की छुट्टियाँ होती, मैं मम्मी-पापा से नानी के घर जाने की जिद करता। नानी के घर पहुँचते ही मैं उनकी गोदी में बैठ जाता, जो मेरे लिए एक सुखद और प्यारा एहसास था।
नानी का प्यार और स्वादिष्ट पकवान
नानी के हाथों का खाना, मुझे आज भी याद है। उनके हाथों से बनी खीर, पूड़ी, और आलू के पराठे का स्वाद ऐसा था जिसे शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है। नानी हमेशा मुझे अपने हाथों से खाना खिलाती और कहती, "पेट भर के खाओ, तभी ताकत आएगी।" नानी के हाथों का खाना सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं, बल्कि उनके अपार प्रेम और स्नेह से भी भरा होता था।
नानी के साथ बिताए अनमोल पल
नानी के घर जाते ही शैतानियों का दौर शुरू हो जाता था। हम कभी दीवार पर चढ़ते, तो कभी आंगन में दौड़ते-भागते। नानी मेरी हर शरारत पर मुस्कुरा देतीं और डांटने के बजाय प्यार से समझातीं। जब भी मैं किसी चीज के लिए जिद करता, तो नानी उसे तुरंत पूरा करतीं।
रात को खाना खाने के बाद, नानी हम सभी को कहानियां सुनाती। उनकी कहानियां राजा-रानी, परियों और जादू से भरी होतीं। उनकी कहानियां सुनते-सुनते हम कब सो जाते, पता ही नहीं चलता। उनकी कहानियों में ऐसा जादू था, जो आज भी मेरे मन में बसा हुआ है।
नानी का अनमोल प्यार
निष्कर्ष
नानी का घर मेरे बचपन की यादों का वह खजाना है जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता। वहां बिताए गए पल मेरी यादों में हमेशा रहेंगे। नानी का प्यार, उनकी कहानियां, और उनके हाथों का खाना मेरे बचपन की सबसे अनमोल यादें हैं। नानी का घर मेरे लिए एक ऐसी जगह है, जहां सिर्फ खुशी, प्यार और अपनापन मिलता है।
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