भारत का राष्ट्रीय झंडा तिरंगा पर निबंध: भारत का राष्ट्रीय ध्वज, जिसे तिरंगा के नाम से भी जाना जाता है, देश की आन, बान और शान का प्रतीक है। यह तिरंगा न
भारत का राष्ट्रीय झंडा तिरंगा पर निबंध (Essay On Indian National Flag in Hindi)
भारत का राष्ट्रीय झंडा तिरंगा पर निबंध: भारत का राष्ट्रीय ध्वज, जिसे तिरंगा के नाम से भी जाना जाता है, देश की आन, बान और शान का प्रतीक है। यह तिरंगा सिर्फ एक कपड़े का टुकड़ा नहीं है, बल्कि लाखों भारतीयों की आशाओं, आकांक्षाओं और त्याग का प्रतीक है। यह झंडा भारत की संस्कृति, विरासत और एकता का प्रतीक है।
तिरंगा तीन रंगों - केसरिया, सफेद और हरे से बना है, जिनका अपना-अपना महत्व है। सबसे ऊपर केसरी रंग साहस और बलिदान का प्रतीक है। यह हमारे स्वतंत्रता संग्राम के वीरों के बलिदान को याद दिलाता है। बीच का सफेद रंग शांति और सत्य का प्रतीक है। यह हमारे देश के आदर्शों को दर्शाता है। सबसे नीचे हरा रंग समृद्धि और उर्वरता का प्रतीक है। यह हमारे देश की प्राकृतिक संपदा को दर्शाता है। झंडे के बीच में नीले रंग का चक्र है, जिसे अशोक चक्र कहते हैं। यह धर्मनिरपेक्षता और प्रगति को दर्शाता है।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास काफी समृद्ध है। भारत की स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, तिरंगा राष्ट्रीय आंदोलन का प्रतीक बन गया था। कई स्वतंत्रता सेनानियों ने तिरंगे को फहराते हुए अंग्रेजी शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। 22 जुलाई, 1947 को, संविधान सभा ने तिरंगे को भारत का राष्ट्रीय ध्वज घोषित किया।
राष्ट्रीय ध्वज हमारे देश की एकता और अखंडता का प्रतीक है। यह हमें हमारे देश के इतिहास और संस्कृति से जोड़ता है। जब हम तिरंगा फहराते हैं, तो हम अपने देश के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करते हैं। राष्ट्रीय ध्वज का महत्व केवल एक प्रतीक से कहीं अधिक है। यह हमें एकता, भाईचारे और राष्ट्रीय गौरव की भावना से जोड़ता है। यह हमें याद दिलाता है कि हम सभी भारतीय हैं और हमारे देश की एक ही पहचान है।
तिरंगा फहराने के नियम
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के लिए कुछ विशिष्ट नियम निर्धारित किए गए हैं। इन नियमों का पालन करना सभी नागरिकों के लिए अनिवार्य है। कुछ प्रमुख नियम निम्नलिखित हैं:
- ध्वजारोहण का समय: तिरंगा को सुबह सूर्योदय के समय फहराया जाता है और सूर्यास्त के समय अवश्य उतार लिया जाता है।
- ध्वज का सम्मान: तिरंगे को हमेशा सम्मान के साथ फहराया जाना चाहिए। इसे कभी भी जमीन पर नहीं रखना चाहिए और न ही किसी भी प्रकार की अशोभनीय स्थिति में रखना चाहिए।
- ध्वज का क्षतिग्रस्त होना: यदि ध्वज क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो उसे सम्मानपूर्वक नष्ट कर दिया जाना चाहिए।
- ध्वज का उपयोग: तिरंगे का उपयोग केवल सार्वजनिक अवसरों और राष्ट्रीय पर्वों पर किया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय ध्वज भारत की आत्मा है। यह देश के गौरव और गरिमा का प्रतीक है। तिरंगे का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। हमें हमेशा तिरंगे को आदर के साथ देखना चाहिए और इसका अपमान नहीं करना चाहिए। तिरंगा फहराते समय हमें राष्ट्रीय गान गाना चाहिए और राष्ट्रीय ध्वज संहिता का पालन करना चाहिए।
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