शुकनास का चरित्र-चित्रण: अवन्ति में उज्जयिनी के राजा तारापीड का प्रधानमंत्री शुकनास का चरित्र अपने विशिष्ट गुणों के कारण सर्वश्रेष्ठ है। शुकनास की बुद
शुकनास का चरित्र-चित्रण (Shuknas Ka Charitra Chitran)
शुकनास का चरित्र-चित्रण: अवन्ति में उज्जयिनी के राजा तारापीड का प्रधानमंत्री शुकनास का चरित्र अपने विशिष्ट गुणों के कारण सर्वश्रेष्ठ है। शुकनास की बुद्धि बड़े-बड़े कार्यों के संकट में भी स्थिर रहती थी। राजा तारापीड प्रजा को निश्चिन्त करके राज्य का भार मंत्री शुकनास के ऊपर डालकर सुख से रहने लगा था। शुकनास ने अपनी बुद्धि के बल से उस महान राज्य के भार को सरलता से धारण कर लिया था। वह धीर- गम्भीर, विद्वान एवं राज्य संचालन में कुशल ब्राह्मण था । वह महाराज तारापीड का विश्वास पात्र था।
निर्भीक एवं कर्त्तव्यनिष्ठ- शुकनास के चरित्र की मुख्य विशेषता उसकी कर्त्तव्यनिष्ठता है । वह राज्य की सेवा को अपना परम धर्म मानता है वह समयानुसार राज्य के हित में निर्णय लेता है और अपने कार्य से राज्य का हित करता है। वह लगन एवं पूर्ण निष्ठा के साथ राज्य के समस्त कार्यों का संपादन करता है। निर्भीक स्वभाव, विवेकशीलता, दूरदर्शिता, अनुभव परिपक्वता का दर्शन उस समय स्पष्ट परिलक्षित होता है जब वह युवराज चन्द्रापीड को अनेक प्रकार के उपदेश देकर उसे सावधान करता है। वह उसे राजा का कर्तव्य सिखाता है।
राज्य के प्रति समर्पित- प्रधानमंत्री शुकनास राज्य एवं राजा के प्रति एकनिष्ठ एवं समर्पित है। वह राज्य एवं प्रजा के कल्याण में सदैव संलग्न रहता है । चन्द्रापीड़ के जन्म के अवसर पर उसकी प्रसन्नता देखने लायक होती है। युवराज पद पर जब चन्द्रापीड का राज्याभिषेक किया जाता है तो वह उसे बहुविधि उपदेश देकर भविष्य में लोकप्रिय राजा के रूप में तैयार करता है। उसके उपदेशों, सम्बोधन, चेतावनी से उसकी राज्यभक्ति परिलक्षित होती हैं।
महाराज तारापीड का विश्वासपात्र - प्रधानमंत्री शुकनास महाराज तारापीड का पूर्ण विश्वासपात्र मंत्री है। चन्द्रापीड को शिक्षा पूर्ण होने पर गुरु आश्रम से वापस लाने के लिए प्रबन्धमंत्री शुकनास ही करता है। चन्द्रापीड को इस सन्दर्भ में राजा के पत्र के साथ मंत्री शुकनास का भी पत्र मिलता है। इस उदाहरण से शुकनास की गरिमा एवं विश्वासपात्रता का परिचय मिलता है। राजा तारापीड राज्य संचालन का भार शुकनास पर डालकर चिन्ता रहित हो जाते हैं।
धीर-गंभीर स्वभाव- ब्राह्मण मंत्री शुकनास सम्पूर्ण राज्य संचालन की शक्ति पाकर भी अत्यन्त सरल, विनम्र, राजा एवं प्रजा का कल्याण चाहने वाला सचरित्र व्यक्ति ही सिद्ध होता है। वह राजनैतिक संकट प्रकट होने पर भी अविचलित रहता है। वह सभी समस्याओं का समाधान अपने विवेक एवं बुद्धि कौशल से करता है।
दूरदृष्टिवाला - प्रधानमंत्री शुकनास अनुभवी एवं दूरदर्शी है। वह धन-वैभव से उत्पन्न बुराई को समझता है । लक्ष्मी के प्रभाव से व्यक्ति दूषित विचारवाला हो जाता है। इसलिए युवराज चन्द्रापीड को लक्ष्मी की विशेषताओं से अवगत कराता है । शुकनासोपदेश इसका सर्वोत्तम उदाहरण है।
इस आधार पर हम कह सकते हैं कि शुकनास के चरित्र में वे सभी गुण मौजूद हैं जो एक राजभक्त मंत्री में होना चाहिए। वह धैर्यवान, निर्भीक, निस्पृह, बुद्धिमान और निष्ठावान मंत्री है।
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