कादंबरी का चरित्र चित्रण: कादंबरी बाणभट्ट कृत 'कादंबरी' की प्रमुख स्त्री पात्र है। वह गन्धवों के राजा चित्ररथ की एकमात्र पुत्री हैं। कादंबरी चन्द्रापी
कादंबरी का चरित्र चित्रण (Kadambari ka Charitra Chitran)
कादंबरी का चरित्र चित्रण: कादंबरी बाणभट्ट कृत 'कादंबरी' की प्रमुख स्त्री पात्र है। वह गन्धवों के राजा चित्ररथ की एकमात्र पुत्री हैं। कादंबरी चन्द्रापीड की प्रेमिका, महाश्वेता की सखी और सम्पूर्ण कलाओं में दक्ष स्त्री है। उसके चरित्र की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:-
प्रमुख नायिका: कादंबरी के नाम पर ही रचना का नामकरण होने से ही यह स्पष्ट हो जाता है कि कादंबरी मुख्य स्त्री-पात्र है। यद्यपि यह कथानक के आदि में ही हमारे सामने आती है और महाश्वेता के मुख से ही हमें उसका परिचय मिलता है, किन्तु नायक चन्द्रापीड की प्रिया होने के कारण तथा बाद के कथानक में सर्वत्र मुख्य रूप से उपस्थित होने से वही इस आख्यायिका की नायिका है।
सच्ची प्रेमिका: वह चन्द्रापीड को पहली बार देखते ही उस पर अनुरक्त हो जाती है और सदैव उनके पास रहना चाहती है, 'हे सखि ! महाश्वेते, "दर्शनादारभ्य शरीरस्याप्ययमेव प्रभुः किमुत भवनस्य परिजनस्य वा।" एकान्त में चन्द्रापीड के बारे में सोचना और पत्रलेखा के द्वारा चन्द्रापीड को सन्देश भेजना इसके प्रमाण हैं। पत्रलेखा चन्द्रापीड से कादंबरी की मनोभावना का वर्णन करती हुई कहती है- वह चन्द्रापीड के मरने पर उसके साथ सती होना चाहती है, किन्तु आकाशवाणी के द्वारा पुनर्मिलन का सन्देश दिये जाने पर यह सब कुछ छोड़कर अच्छोद सरोवर के किनारे ही उसके मृत शरीर की रक्षा और सेवा करती हुई एक तपस्विनी का जीवन व्यतीत करने लगती है।
संकोची: कादंबरी अत्यन्त लज्जाशीला और संकोची स्वभाव की है। इसी कारण से महाश्वेता के बार-बार आग्रह करने पर भी वह चन्द्रापीड को अपने हाथ से पान देने में संकोच करती है और महाश्वेता के मुख से अपनी दृष्टि हटाये बिना ही उसे पान देती है। इसी कारण ही विभिन्न प्रकार से चन्द्रापीड के द्वारा पूछे जाने पर भी स्पष्ट रूप से अपने प्रेम को प्रकट नहीं करती ।
प्रिय सखी: कादंबरी महाश्वेता की प्रिय सखी है। वह महाश्वेता से प्रेम करती है और महाश्वेता इससे प्रेम करती है। महाश्वेता कादंबरी का परिचय कराती हुई चन्द्रापीड से कहती है- 'सरलहृदया महानुभावा च कादंबरी ।'
सम्पूर्ण कलाओं में दक्ष: वह संगीत, चित्रकारी, श्रृंगार आदि सम्पूर्ण कलाओं में दक्ष है। इस प्रकार कादंबरी के चरित्र में अनेक विशेषताएँ दृष्टिगोचर होती हैं।
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