जब मुझे पहली बार पुरस्कार मिला पर निबंध: जीवन में कई ऐसे पल आते हैं जो हमारे मन में एक खास जगह बना लेते हैं। मेरे लिए ऐसा ही एक पल था जब मुझे पहली बार
जब मुझे पहली बार पुरस्कार मिला पर निबंध (Jab Mujhe Pehli Baar Puraskar Mila Essay in Hindi)
जीवन में कई ऐसे पल आते हैं जो हमारे मन में एक खास जगह बना लेते हैं। मेरे लिए ऐसा ही एक पल था जब मुझे पहली बार पुरस्कार मिला था। यह पुरस्कार मुझे एक सुलेख प्रतियोगिता में मिला था।
मुझे बचपन से ही लिखने का बहुत शौक था। मैं घंटों बैठकर अलग-अलग तरह के अक्षर लिखता रहता था। मेरी माँ हमेशा मुझे प्रोत्साहित करती थी और कहती थी कि मेरी लिखावट बहुत अच्छी है। वे मुझे सुंदर-सुंदर अक्षर लिखने के लिए प्रेरित करती थीं।
हमारे स्कूल में हर साल सुलेख प्रतियोगिता का आयोजन होता था। मैं हमेशा इस प्रतियोगिता में भाग लेता था। लेकिन हर बार मैं दूसरे स्थान पर ही रह जाता था जिससे मैं बहुत निराश होता था।
एक दिन, मैंने अपने शिक्षक से पूछा कि मैं सुलेख में कैसे बेहतर कर सकता हूँ। उन्होंने मुझे बताया कि मुझे नियमित अभ्यास करना चाहिए और अलग-अलग तरह से अक्षरों को लिखने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने मुझे कुछ सुझाव भी दिए, जिनका मैंने पालन किया।
इस वर्ष भी सुलेख प्रतियोगिता हुई। इस प्रतियोगिता में पूरे जिले के स्कूलों के छात्र भाग ले रहे थे। मैं भी इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए बहुत उत्साहित था। मैंने दिन-रात मेहनत करके अपनी लिखावट को सुधारा। प्रतियोगिता के दिन मैं बहुत घबराया हुआ था लेकिन मैंने अपनी पूरी कोशिश की।
कुछ दिन बाद, जब परिणाम घोषित हुए तो मैं बहुत खुश हुआ। मुझे पहला पुरस्कार मिला, तो मानो सपना साकार हो गया। मुझे एक ट्रॉफी और एक प्रमाण पत्र भी मिला। मुझे आज भी याद है, जब मुझे पुरस्कार मिला था तो मैं कितना खुश था। मैंने अपनी माँ को गले लगाया और उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने मुझे बहुत बधाई दी और कहा कि मेरी मेहनत रंग लाई है।
यह पुरस्कार मेरे लिए बहुत मायने रखता है। इसने मुझे आत्मविश्वास दिया कि अगर मैं मेहनत करूँ तो मैं कुछ भी हासिल कर सकता हूँ। इस घटना के बाद से मैंने कई अन्य प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया और हर बार मैंने अच्छा प्रदर्शन किया। मुझे उम्मीद है कि मैं भविष्य में भी इसी तरह के कई पुरस्कार जीतूंगा। मैं चाहता हूँ कि मैं अपनी प्रतिभा का उपयोग करके कुछ अच्छा कर सकूँ।
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