चन्द्रापीड का चरित्र चित्रण: ‘कादंबरी' महाकवि बाण की श्रेष्ठ गद्य-काव्यात्मक रचना है। चन्द्रापीड इस गद्य-काव्य का धीरोदात्त नायक हैं। उसके चरित्र में
चन्द्रापीड का चरित्र चित्रण (Chandrapida ka Charitra Chitran)
चन्द्रापीड का चरित्र चित्रण: ‘कादंबरी' महाकवि बाण की श्रेष्ठ गद्य-काव्यात्मक रचना है। चन्द्रापीड इस गद्य-काव्य का धीरोदात्त नायक हैं। उसके चरित्र में निम्नलिखित विशेषताएँ दिखायी पड़ती हैं-
रूपवान्: चन्द्रापीड सुन्दर राजकुमार है। जब उसमें यौवन आता है तब तो उसका अंग-प्रत्यंग निखर उठता है। शिक्षा प्राप्त कर जब वह घर आता है, तब नवयौवन उसके सौन्दर्य को दोगुना कर देता है।
बुद्धिमान् और गुणवान्: चन्द्रापीड की बुद्धि बहुत तीव्र है। विद्या मन्दिर में वह आचार्यों द्वारा पढ़ायी गयी सम्पूर्ण विद्याओं को बहुत थोड़े समय में ग्रहण कर लेता है। सभी शास्त्रों, शस्त्रविद्या, घोड़े और हाथी पर सवारी, पक्षियों की भाषा का ज्ञान आदि सभी में वह पारंगत हो जाता है।
वीर: चन्द्रापीड महान् वीर तथा पराक्रमी भी है। वह युवराज बनकर दिग्विजय करने के लिए चलता है, तो चारों दिशाओं को जीतकर सबको अपने अधीन कर लेता है।
सच्चा मित्र: चन्द्रापीड सच्चा मित्र है। अपने मित्र वैशम्पायन के बिना वह रह नहीं सकता। चाहे विद्यालय में पढ़ने जाय अथवा दिग्विजय के लिए प्रस्थान करे, मित्र उसके साथ रहता है। चन्द्रापीड का विश्वास है कि कठिनाई के समय मित्र ही मित्र के काम आता है। चन्द्रापीड को जब यह पता चलता है कि महाश्वेता के शाप से वैशम्पायन मर गया हैं, तब अपने मित्र के शोक में व्याकुल चन्द्रापीड प्राण त्याग देता है।
सच्चा प्रेमी: चंद्रापीड कादंबरी से प्रेम करता है। कादंबरी के प्रथम दर्शन में ही उसके हृदय में प्रेम प्रवाहित हो जाता हैं। उसका प्रेम निःस्वार्थ और वासनारहित हैं। कादंबरी से मिलन के लिए वह आकुल होता है। उज्जयिनी से वर्षा आँधी में चलकर भी वह कादंबरी के पास पहुँचने का प्रयास करता है। कादंबरी की प्रत्येक इच्छा को वह पूर्ण करना चाहता है। उसके प्रेम में कहीं भी स्वार्थ अथवा वासना की गंध नहीं है।
दिव्य पुरुष: चन्द्रापीड यद्यपि राजा तारापीड का पुत्र अर्थात् लौकिक मनुष्य है, परन्तु वास्तव में वह लोकपाल चन्द्रमा है। शाप के कारण वह पहले चन्द्रापीड के रूप में और फिर राजा शूद्रक के रूप में जन्म लेता है। शापमुक्त होकर वह फिर चन्द्रलोक, हेमकूट और उज्जयिनी पर शासन करता है।
संक्षेप में, चन्द्रापीड चन्द्रमा का अवतार है। वह वीर, बुद्धिमान् तथा गुणवान् राजकुमार के रूप में पृथ्वी पर अवतरित हुआ है।
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