चांदनी रात में नौका विहार पर निबंध: प्रकृति ने मानव को अनेक उपहार दिए हैं, जिनमें से एक है चाँदनी रात। चाँदनी रात में प्रकृति का सौंदर्य अपने चरम पर ह
चांदनी रात में नौका विहार पर निबंध (Chandni Raat Mein Nauka Vihar Hindi Nibandh)
प्रकृति ने मानव को अनेक उपहार दिए हैं, जिनमें से एक है चाँदनी रात। चाँदनी रात में प्रकृति का सौंदर्य अपने चरम पर होता है। चाँदनी रात में नौका विहार का अनुभव शब्दों में बयान करना मुश्किल है। यह एक ऐसा अनुभव है जिसे जीवन में एक बार अवश्य अनुभव करना चाहिए। ऐसा ही एक अनुभव मुझे पिछले वर्ष एक चाँदनी रात में नौका विहार करते हुए हुआ था।
चांदनी रात में नौका विहार का अनुभव
चांदनी रात में नौका विहार एक अविस्मरणीय अनुभव था। जैसे ही नाव आगे बढ़ती, पानी में चांद की किरणें टूट-टूट कर बिखर जातीं। हर तरफ एक चांदी सी चमक थी। आसमान में तारे टिमटिमा रहे थे। ऐसा लग रहा था कि वे मुझसे बात कर रहे हों। मैंने कभी इतने सारे तारे एक साथ नहीं देखे थे। शांत वातावरण में केवल नौका के पतवार की आवाज सुनाई देती है।
मैंने नाव को थोड़ा सा और आगे बढ़ाया, मैं नदी के बीच में रोक दिया और पानी में अपना हाथ डाला। पानी ठंडा और ताज़ा था। मैंने अपने हाथ को पानी में घुमाया और फिर उसे अपने चेहरे पर लगाया। मुझे ऐसा लगा कि मेरी सारी थकान दूर हो गई है।
मैंने आसमान की ओर देखा। आसमान में चाँद तारों के साथ खेल रहा था। चाँद इतना बड़ा और चमकदार लग रहा था कि मैं अपनी नज़रें उससे हटा नहीं पा रहा था। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे चाँद मेरे लिए ही चमक रहा हो। मैंने चाँद को इतने करीब से कभी नहीं देखा था। मैंने आसपास के पेड़ों और पौधों को देखा। चाँद की रोशनी में वे बहुत ही खूबसूरत लग रहे थे। हवा में ताज़गी थी और मैं इस शांत वातावरण का आनंद ले रहा था।
मैंने नौका को फिर से चलाया और नदी के बीच में बहने लगा। मुझे ऐसा लगा कि मैं समय के प्रवाह में बह रहा हूं। मैं अपने सभी चिंताओं और परेशानियों को भूल गया था। मैं सिर्फ उस पल का आनंद ले रहा था।
जब हम नाव से उतरे तो मुझे ऐसा लगा जैसे मैं स्वर्ग से लौटा हूँ। चांदनी रात में नौका विहार एक अविस्मरणीय अनुभव था। यह एक ऐसा अनुभव था जो मुझे शांति, सुकून और आनंद का अहसास कराता है। मैं हमेशा इस अनुभव को याद रखूंगा।
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