बढ़ती आबादी विकट समस्या पर निबंध: विश्व में तेजी से बढ़ती जनसंख्या आज एक गंभीर समस्या बन चुकी है। यह समस्या केवल विकासशील देशों तक सीमित नहीं है, बल्क
बढ़ती आबादी विकट समस्या पर निबंध (Badhti Abadi Vikat Samasya par Nibandh)
बढ़ती आबादी विकट समस्या पर निबंध: विश्व में तेजी से बढ़ती जनसंख्या आज एक गंभीर समस्या बन चुकी है। यह समस्या केवल विकासशील देशों तक सीमित नहीं है, बल्कि विकसित देशों के लिए भी चिंता का विषय है। बढ़ती जनसंख्या संसाधनों पर दबाव डाल रही है, जिससे खाद्य, जल, ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवाएँ और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता प्रभावित हो रही है। यदि इस समस्या पर शीघ्र नियंत्रण नहीं पाया गया, तो भविष्य में इसके दुष्परिणाम और अधिक विकट हो सकते हैं।
बढ़ती आबादी के प्रमुख प्रभाव:
संसाधनों पर अत्यधिक दबाव: बढ़ती आबादी के कारण जल, खाद्य, ऊर्जा और भूमि जैसे संसाधनों की भारी कमी हो रही है। किसानों को अधिक उत्पादन करने के लिए रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग बढ़ाना पड़ रहा है, जिससे मिट्टी की उर्वरता नष्ट हो रही है।
बेरोजगारी और आर्थिक असंतुलन: बढ़ती जनसंख्या के कारण रोजगार के अवसर सीमित हो रहे हैं। प्रत्येक वर्ष लाखों युवा श्रम बाजार में प्रवेश कर रहे हैं, लेकिन नौकरियों की संख्या उतनी नहीं बढ़ रही। परिणामस्वरूप, बेरोजगारी और अपराध दर में वृद्धि हो रही है।
- पर्यावरणीय क्षरण: आबादी बढ़ने के कारण जंगलों की अंधाधुंध कटाई, औद्योगिकीकरण और शहरीकरण बढ़ रहे हैं, जिससे प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता की हानि जैसी गंभीर समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं।
गरीबी और जीवन स्तर में गिरावट: बढ़ती आबादी के कारण गरीब परिवारों की संख्या में वृद्धि हो रही है, जिससे खाद्य संकट, स्वास्थ्य समस्याएँ और शिक्षा की कमी जैसी चुनौतियाँ बढ़ रही हैं। एक बड़े परिवार को पर्याप्त सुविधाएँ न मिलने के कारण जीवन स्तर लगातार गिरता जा रहा है।
ऐतिहासिक संदर्भ और उदाहरण:
चीन की जनसंख्या नीति: 1979 में चीन ने "एक संतान नीति" लागू की थी, जिससे देश की जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण पाया गया और आर्थिक विकास को गति मिली। हालांकि, बाद में इसके सामाजिक और जनसांख्यिकीय प्रभावों को देखते हुए नीति में बदलाव किया गया।
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का दृष्टिकोण: भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम ने भी जनसंख्या नियंत्रण और शिक्षा के महत्व पर बल दिया था। उनका मानना था कि भारत को जनसंख्या को संसाधन में बदलने के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार पर ध्यान देना चाहिए।
बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने के उपाय:
शिक्षा का प्रसार: विशेष रूप से महिलाओं की शिक्षा पर ध्यान दिया जाना चाहिए। यह देखा गया है कि शिक्षित महिलाएँ छोटे परिवार को प्राथमिकता देती हैं।
परिवार नियोजन और जागरूकता: सरकार को परिवार नियोजन कार्यक्रमों को और प्रभावी तरीके से लागू करना चाहिए, ताकि लोग छोटे परिवार के लाभों को समझ सकें।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: उचित चिकित्सा सुविधाएँ और गर्भनिरोधक साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए, ताकि अनियोजित गर्भधारण को रोका जा सके।
रोजगार के अवसर बढ़ाना: यदि लोगों को बेहतर रोजगार अवसर मिलेंगे, तो वे अधिक जागरूक होकर छोटे परिवार को प्राथमिकता देंगे।
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