अगर सागर न होता तो निबंध: कल्पना कीजिए कि एक ऐसी धरती जहां नीला सागर नहीं है। जहां कहीं तक नजर जाए, बस ज़मीन ही ज़मीन दिखे। यह सोचने में ही कितना अजीब
अगर सागर न होता तो निबंध (Agar Sagar Na Hota To Nibandh in Hindi)
अगर सागर न होता तो निबंध: कल्पना कीजिए कि एक ऐसी धरती जहां नीला सागर नहीं है। जहां कहीं तक नजर जाए, बस ज़मीन ही ज़मीन दिखे। यह सोचने में ही कितना अजीब लगता है! लेकिन अगर वाकई में सागर न होता, तो हमारी दुनिया कैसी होती? आइए इस बारे में थोड़ा सोचते हैं।
यदि सागर न होते तो पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व भी न होता। समुद्र ही वह जगह है जहां जीवन की शुरुआत हुई थी। समुद्र में अनेक प्रकार के जीव-जंतु और पौधे पाए जाते हैं जो खाद्य श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। सागर के बिना, मछली, केकड़े, झींगे, शंख, सीप और अन्य समुद्री जीवों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। इसके परिणामस्वरूप, समुद्री पक्षियों और अन्य जीवों की भी मृत्यु हो जाएगी जो समुद्री जीवों पर निर्भर हैं।
समुद्र दुनिया की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। लाखों लोगों के लिए समुद्र आजीविका का साधन है। मछली पकड़ना, समुद्री परिवहन और तेल एवं गैस का उत्पादन जैसे कई उद्योग समुद्र पर ही निर्भर हैं। समुद्र के माध्यम से ही देशों के बीच व्यापार होता है। बड़े-बड़े जहाज समुद्र के रास्ते एक देश से दूसरे देश में सामान ले जाते हैं। अगर सागर न होते तो इन उद्योगों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाता और लाखों लोग बेरोजगार हो जाते।
सागर पृथ्वी के तापमान को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे सूर्य की गर्मी को सोख लेते हैं और धीरे-धीरे उसे छोड़ते हैं। इस तरह वे पृथ्वी के तापमान को स्थिर रखते हैं। अगर सागर न होते, तो पृथ्वी पर बहुत अधिक गर्मी हो जाती, या फिर बहुत अधिक ठंड। मौसम में अचानक बदलाव आते रहते, और जीवन के लिए यह बहुत मुश्किल हो जाता।
अगर सागर न होते, तो हमारी दुनिया बिल्कुल अलग होती। जीवन संभव नहीं होता, मौसम अस्थिर होता, व्यापार रुक जाता, और हमारी सभ्यता -संस्कृति भी प्रभावित होती। इसलिए हमारे लिए सागरों का संरक्षण करना बहुत ज़रूरी है। हमें प्रदूषण को रोकना चाहिए, और समुद्र में कचरा फेंकना बंद करना चाहिए।
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