अगर मैं एक तितली होती हिंदी निबंध: कभी-कभी सोचती हूँ, कैसा होता अगर मैं एक तितली होती? कोमल धूप में नहाते हुए रंगीन पंख फैलाना, फूलों के बीच मंडराना औ
अगर मैं एक तितली होती हिंदी निबंध - Agar main Titli Hoti Essay in Hindi
कभी-कभी सोचती हूँ, कैसा होता अगर मैं एक तितली होती? कोमल धूप में नहाते हुए रंगीन पंख फैलाना, फूलों के बीच मंडराना और उनकी मीठी खुशबू में खो जाना - सिर्फ कल्पना ही मन को रोमांचित कर देती है। अगर मैं सचमुच तितली होती, तो मेरा जीवन कैसा होता? क्या करती मैं अपने रंगीन पंखों से?
यदि मैं तितली होती, तो हर सुबह सूर्य की पहली किरणों के साथ जागती। फूलों की मीठी खुशबू मुझे बगीचे में बुलाती। मैं रंग-बिरंगे फूलों पर मँडराती, उनसे मकरंद इकट्ठा करती और प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेती। पूरे दिन मैं आसमान में उड़ती, हवाओं के साथ खेलती। कभी किसी पेड़ पर बैठकर विश्राम करती, तो कभी किसी तालाब के किनारे पानी पीती। मैं फूलों से दोस्ती करती, उनके साथ गपपे मारती और उनकी कहानियां सुनती।
यदि मैं तितली होती, मेरे पंखों पर होते रंगों की अनगिनत छटाएं, जो हर किसी को मोहित कर लेतीं। हरे, नीले, पीले, लाल - हर रंग का अपना ही अनोखा आकर्षण होता। लोग मुझे देखकर रुक जाते, और मेरी सुंदरता की तारीफ करते। मनुष्यों को रंगीन कपड़े पहनने की जरूरत होती है, लेकिन मुझे प्रकृति ने पहले से ही सुंदरता प्रदान की होती। मेरे पंख ही मेरे कपड़े होते, जो मुझे सबसे खूबसूरत बनाते। मुझे किसी और चीज की जरूरत नहीं होती, और मैं प्रकृति के प्रति कृतज्ञ होती।
यदि मैं तितली होती, तो मेरा जीवन छोटा होता। लेकिन शायद छोटे से जीवन में ही प्रेम, खुशी और रंगों की भरमार होती है। हर पल को जीना, हर फूल से प्यार करना, हर खुशबू में खो जाना - ये ही शायद तितली जीवन का सार है। इसलिए यदि मैं तितली होती तो मैं भी हर पल का आनंद लेती, खुशियाँ बांटती। मैं प्रकृति की सच्ची साथी होती, और सबको सिखाती कि जीवन कितना खूबसूरत है।
अगर मैं तितली होती तो मैं कई बगीचों की सैर पर निकलती। हरे-भरे पेड़ों के बीच उड़ते हुए, मैं प्रकृति की खूबसूरती को निहारती। हरे-भरे पेड़ों के बीच से गुजरती हुई, मैं रंग-बिरंगी तितलियों के झुंड से मिलती हूँ। शायद तितलियों की अपनी एक भाषा होगी, जिसमे हम आपस में बातें करेंगी। विभिन्न प्रकार के पक्षियों का कलरव, मधुमक्खियों का गुंजन, और तितलियों का नाच - यह सब मेरे जीवन को खुशियों से भर देता।
लेकिन मैं एक इंसान हूँ, तितली नहीं। मेरे पास रंगीन पंख नहीं हैं, लेकिन मेरे पास कल्पना है। और कल्पना के पंख मुझे कहीं भी ले जा सकते हैं। मैं फूलों की खुशबू महसूस कर सकता हूँ, सूरज की किरणों को अपने तन पर महसूस कर सकता हूँ। मैं अपनी कल्पना में उड़ सकता हूँ, रंगों से खेल सकता हूँ, और खुशियाँ बांट सकता हूँ।
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