सेल्फी का बढ़ता बुखार पर निबंध: आज के युवाओं में सेल्फी का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। हर पल, हर जगह, हर परिस्थिति में, सेल्फी लेने का यह जुनून एक तरह क
सेल्फी का बढ़ता बुखार पर निबंध - Selfie ka Badhta Bukhar Nibandh in Hindi
आज के डिजिटल युग में, सेल्फी एक आम आदत बन गई है, खासकर युवाओं के बीच। सेल्फी लेना और सोशल मीडिया पर शेयर करना एक ऐसा चलन है जो तेजी से बढ़ रहा है। इस निबंध में, हम सेल्फी के बढ़ते बुखार के पीछे के कारणों और इसके सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों का तर्कपूर्ण विश्लेषण करेंगे।
सेल्फी का बढ़ता बुखार पर निबंध: आज के युवाओं में सेल्फी का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। हर पल, हर जगह, हर परिस्थिति में, सेल्फी लेने का यह जुनून एक तरह का सामाजिक रोग बन गया है। सोशल मीडिया पर सेल्फी की बाढ़ आ गई है, जहां हर कोई अपनी छवि को बेहतर दिखाने की होड़ में लगा हुआ है। हालांकि, सेल्फी का बढ़ता बुखार कई खतरों को भी जन्म दे रहा है, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
दिखावे की दुनिया में लोग इस कदर खो गए हैं कि सेल्फी लेने के चक्कर में अपनी जान की भी परवाह नहीं करते हैं। खतरनाक जगहों पर सेल्फी लेने की ललक कई बार युवाओं की जान ले लेती है। ऊंची इमारतों पर चढ़कर, तेज रफ्तार वाहन के सामने, या जंगली जानवरों के साथ सेल्फी लेने की कोशिशें खतरनाक हो सकती हैं।
कुछ युवा सोशल मीडिया पर अपनी सेल्फी को लेकर अत्यधिक ध्यान देने लगते हैं, जिससे उन्हें नकारात्मक टिप्पणियों और आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है। सोशल मीडिया पर मिलने वाली प्रतिक्रियाओं के आधार पर खुद को आंकना, अपनी खूबसूरती को "लाइक" और "कमेंट्स" से जोड़कर देखना गलत है। ये आदतें अवसाद, चिंता और आत्म-सम्मान में कमी जैसी गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकती हैं।
सेल्फी लेना गलत नहीं है, लेकिन यह ज़रूरी है कि इसे जिम्मेदारी से लिया जाए। खतरनाक जगहों पर सेल्फी लेने से बचें। सोशल मीडिया पर अपनी छवि के प्रति ज़्यादा सचेत न रहें, और ज़रूरत से ज़्यादा "लाइक" और "कमेंट्स" की चिंता न करें। याद रखें, आपकी असली खूबसूरती आपकी आंतरिक सुंदरता और आपके व्यक्तित्व में है।
सेल्फी का बढ़ता बुखार पर अनुच्छेद
सेल्फी आज के समय में एक ऐसा शब्द हैं जिससे दुनिया के सारे लोग अच्छी तरह से वाकिफ हैं। सेल्फी एक सेल्फ प्रोटेट फोटोग्राफ है जिसे स्मार्टफ़ोन के फ्रंट कैमरा से लिया जाता है। आजकल सेल्फी खींचना लोगों की आदत में शुमार हो गया है। चाहे बच्चे हों, बूढ़े हों या जवान हों, सभी इस आदत से ग्रसित हैं। दिन में दो या तीन सेल्फी लेना एक सामान्य बात है परन्तु कुछ लोग 0 से 20 बार तक डेल्फी लेते हैं। ऐसे लोग सेल्फाइटिस नामक बीमारी के आसानी से शिकार बन जाते हैं। कई बार सेल्फी लेना लापारवाही का कारण भी बनता है जिससे आयेदिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। लोग सेल्फी के चक्कर में अपनी जान को जोखिम में दाल देते हैं। इसलिए हमें यह समझना चाहिए कि सेल्फी लेना अच्छी बात है परन्तु अति किसी भी चीज की बुरी है।
COMMENTS