मेरे मोहल्ले की दुकान पर निबंध: मेरे मोहल्ले में एक छोटी सी किराना दुकान है, जिसे "गुप्ता जनरल स्टोर" कहा जाता है। यह दुकान मेरे घर से कुछ ही कदमों की
मेरे मोहल्ले की दुकान पर निबंध - Mere Mohalle ki Dukan par Nibandh
मेरे मोहल्ले की दुकान पर निबंध: मेरे मोहल्ले में एक छोटी सी किराना दुकान है, जिसे "गुप्ता जनरल स्टोर" कहा जाता है। यह दुकान मेरे घर से कुछ ही कदमों की दूरी पर है। यह सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक खुली रहती है। यहाँ सुबह से शाम तक लोगों की भीड़ लगी रहती है। दुकानदार, श्री गुप्ता जी, बड़े ही मिलनसार और दयालु व्यक्ति हैं। वे अपने हर ग्राहक को नाम से जानते हैं और उनकी हर जरूरत का ध्यान रखते हैं।
गुप्ता जी की दुकान पर आपको किराने की हर चीज मिल जाएगी। आटा, चावल, दाल, तेल, मसाले, दूध, ब्रेड, अंडे साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट और अन्य आवश्यक वस्तुएं यहाँ मिलती है। गुप्ता जी कभी भी मुनाफाखोरी नहीं करते हैं, और वे बाजार से कम कीमत पर सामान बेचते हैं। कई बार जब किसी के पास पैसे नहीं होते हैं, तो गुप्ता जी उधार सामान भी दे देते हैं। वे कभी भी किसी को निराश नहीं लौटाते हैं। जरूरत पड़ने पर वे होम डिलीवरी भी दे देते हैं।
सुबह के समय, जब लोग काम पर जाने से पहले जल्दी-जल्दी नाश्ते का सामान खरीदने आते हैं, तो दुकान पर काफी भीड़ होती है। गुप्ता जी बड़ी फुर्ती से सबका सामान निकालते हैं और हँसते-मुस्कुराते लोगों से बातें करते हैं। दिन भर दुकान में लोगों का आना-जाना लगा रहता है। वे हमेशा अपने ग्राहकों का ध्यान रखते हैं और उन्हें बेहतरीन सेवा प्रदान करने का प्रयास करते हैं।
गुप्ता जी सिर्फ एक दुकानदार ही नहीं, बल्कि एक परोपकारी व्यक्ति भी हैं। अगर घर पर को बीमार हो जाए तो सामान घर पर ही पहुँचवा देते हैं। वे हमेशा बच्चों से प्यार करते हैं और उन्हें मुफ्त में टॉफी और बिस्किट देते हैं। वे मोहल्ले के लोगों की हर खुशी और गम में शामिल होते हैं।
मेरे मोहल्ले की यह दुकान सिर्फ एक दुकान नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा स्थान है जहां लोग एक-दूसरे से मिलते हैं, गपशप करते हैं और एक-दूसरे का हाल-चाल जानते हैं। इस दुकान में सिर्फ सामान ही नहीं बल्कि प्यार और अपनापन भी मिलता है। सच कहूँ तो गुप्ता जी जैसे दुकानदार आजकल कम ही देखने को मिलते हैं। उनकी दयालुता और ईमानदारी ने उन्हें मोहल्ले के लोगों का दिल जीत लिया है।
आपके लिए कुछ महत्वपूर्ण सवाल:
1. मान लीजिए, आपको शाम के समय अचानक से एक खास मसाले की जरूरत पड़ गई। आप क्या करेंगे?
ऑनलाइन ऑर्डर देकर अगले दिन इंतजार करना या फिर अपने पड़ोस की गुप्ता स्टोर जैसी दुकान पर जाकर तुरंत वह मसाला प्राप्त कर लेना? कभी-कभी जरूरतें पलभर में आ जाती हैं, ऐसे में क्या तत्काल चीजों की उपलब्धता ज्यादा मायने नहीं रखती?
2. अचानक से आपके घर मेहमान आने वाले हैं। आप जल्दी से जल्दी कुछ मिठाई और स्नैक्स लेना चाहते हैं। आप क्या करेंगे?
ऑनलाइन ऑर्डर देकर घंटों इंतजार करना या फिर गुप्ता स्टोर जैसी किसी दुकान पर जाकर ताजा मिठाई और पैक्ड स्नैक्स ले लेना?
3. लोकल दुकानों और ऑनलाइन स्टोर से खरीदारी में क्या अंतर है?
कभी गौर किया है कि ऑनलाइन शॉपिंग करते समय आप कितने सामानों पर क्लिक कर लेते हैं, जिनकी आपको असल में ज़रूरत नहीं होती? लोकल दुकान पर आप चीज़ों को देख-परख सकते हैं, दुकानदार से सलाह ले सकते हैं और उतना ही सामान खरीद सकते हैं, जितनी आपको ज़रूरत है। इससे न सिर्फ आपका पैसा बचता है, बल्कि चीज़ों को कम ख़रीदने से आप बचत करते हैं।
4. तो क्या अब मैं सिर्फ लोकल दुकानों से ही ख़रीददारी करूँ?
यह पूरी तरह आपके ऊपर है! जरूरी चीज़ों के लिए लोकल दुकानों को ज़रूर सपोर्ट करें। वहीं, अगर आप कोई खास ब्रांड का सामान लेना चाहते हैं, तो आप ऑनलाइन खरीद सकते हैं। बस इतना ध्यान रखें कि हर ख़रीददारी के पीछे छिपी हुई लागत और फायदे को ज़रूर समझें।
COMMENTS