बिबिया का चरित्र चित्रण: महादेवी वर्मा का "बिबिया" रेखाचित्र स्त्री जीवन की त्रासदी और धोबी समाज की रूढ़ियों का मार्मिक चित्रण प्रस्तुत करता है। बिबिय
बिबिया का चरित्र चित्रण - Bibiya Ka Charitra Chitran
महादेवी वर्मा का "बिबिया" रेखाचित्र स्त्री जीवन की त्रासदी और धोबी समाज की रूढ़ियों का मार्मिक चित्रण प्रस्तुत करता है। बिबिया, एक युवा धोबिन, जिसके जीवन में अनेक उतार-चढ़ाव आते हैं, समाज के पाखंड और स्त्रियों के प्रति अन्याय को उजागर करती है। बिबिया के चारित्रिक विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
मेहनती और कर्मठ: बिबिया एक अत्यंत मेहनती और कर्मठ स्त्री है। वह दिन-रात काम करती रहती है और दूसरों का भी काम करने में उसे आनंद मिलता है। वह दादी के हाथ से झाडू छीनकर झाड़ू लगाती, भौजाई के हाथ से लोई छीनकर रोटी बनाती, भाई के हाथों से स्त्री छीनकर कपड़े स्त्री करती।
अभागी: बिबिया जब पांच वर्ष की थी तब उसका ब्याह हो गया, गौना होने से पहले ही पति की मृत्यु हो गई। बिबिया की जब दूसरी शादी रमई के साथ होती है तब बिबिया के चरित्र पर ही संशय लिया जाता है। असल में उसका पति रमई शराबी और जुआरी है। उससे तंग आकर बिबिया भाग जाती है। जाति-बिरादरी में फैली बदनामी के कारण उसका भाई कन्हई उसकी तीसरी शादी एक विधुर अधेड़ और पाँच बच्चों के बाप के साथ करता है। वहाँ भी बिबिया को अपने चरित्र को लेकर भला-बुरा सुनना पड़ता है।
सुन्दर वस्त्रों की शौक़ीन: बिबिया को सुंदर कपड़े पहनना अच्छा लगता है। जब उसे अच्छे कपड़े पहनने का मौका नहीं मिलता, तो वह चतुराई से ग्राहकों के कपड़े पहनकर अपने इस शौक को पूरा कर लेती है।
आकर्षक: बिबिया एक सुन्दर और आकर्षक युवती थी। वह गेहूंए रंग की, बड़ी-बड़ी आंखों एक सुंदर महिला है। छोटे छोटे सफेद दांतों से उसकी बत्तीसी निकली ही रहती थी अर्थात वह हंसमुख स्वभाव की थी। उसका शरीर सुडौल व गठिला था।
साहसी: बिबिया साहसी है. वह पुरुष प्रधान समाज के खिलाफ आवाज़ उठाने से नहीं डरती. उसका दूसरा पति रमई शराबी और जुआरी होता है, जिससे तंग आकर बिबिया भाग जाती है। फिर उसका विवाह झनकू नाम के विधुर धोभी से होता है। एक दिन उसके झनकू के बड़े बेटे भीखन से जो स्वभाव से आवारा था कहा, "हम तोहार बाप कर मेहरारू अही. अब भाखा-कुभाखा सुनब तो तोहार पिठिया के चमड़ी न बची।"
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