राजेश्वरी का चरित्र चित्रण: विनोद रस्तोगी द्वारा रचित एकांकी "बहू की विदा" में राजेश्वरी एक महत्वपूर्ण पात्र हैं। वह जीवनलाल की पत्नी है। राजेश्वरी बह
राजेश्वरी का चरित्र चित्रण (Rajeshwari ka Charitra Chitran)
विनोद रस्तोगी द्वारा रचित एकांकी "बहू की विदा" में राजेश्वरी एक महत्वपूर्ण पात्र हैं। वह जीवनलाल की पत्नी है। राजेश्वरी बहुत अच्छे एवं नेक स्वभाव की औरत है। राजेश्वरी एक ऐसी सास है जो अपनी बहू से बेटी के समान व्यवहार करती है। आइए उनके चरित्र की विशेषताओं को थोड़ा और विस्तार से देखें:
दहेज प्रथा की विरोधी: राजेश्वरी दहेज प्रथा की कट्टर विरोधी हैं। उन्हें पता है कि यह समाज के लिए कितनी हानिकारक है। जब राजेश्वरी को यह पता चलता है कि पाँच हजार रुपये के अभाव में कमला अपनी ससुराल से अपने मायके नहीं जा पाएगी, तो वह कमला को तिजोरी की चाभी देकर पाँच हजार रुपये लाने को कहती है। राजेश्वरी प्रमोद से कहती है कि ये रुपये लालची जीवनलाल के मुँह पर मार कर अपनी बहन को विदा करा ले।
प्रेमपूर्ण और दयालु: कमला के प्रति उनका स्नेह और ममता स्पष्ट है। वे उसे अपनी बेटी की तरह ही प्यार और ममता देती हैं। उनके लिए रिश्ते दहेज से नहीं, बल्कि स्नेह और सम्मान से बनते हैं। जब जीवनलाल कमला को विदा करने से इंकार करते हैं, तो राजेश्वरी उन्हें कड़ी फटकार लगाती हैं। वे बेटी और बहू के बीच भेदभाव को कतई बर्दाश्त नहीं करतीं।
समझदार: राजेश्वरी एक समझदार महिला हैं। जब जीवनलाल गौरी को विदा न किये जाने पर गुस्सा होता है, तो राजेश्वरी उसे समझाती हैं कि क्या वे कमला को विदा न करके कमला के घरवालों का अपमान नहीं कर रहे हैं। वह कहती हैं कि "जब तक वे बेटी और बहू के प्रति समान व्यवहार नहीं करेंगे उन्हें न सुख मिलेगा न शांति।"
स्पष्टवादी: जब जीवनलाल कमला को विदा करने से इंकार करते हैं, तो राजेश्वरी उन्हें कड़ी फटकार लगाती हैं। वे बेटी और बहू के बीच भेदभाव को कतई बर्दाश्त नहीं करतीं। अपने सटीक तर्कों और सवालों से वह जीवनलाल को उनकी गलती का एहसास करा देती हैं। राजेश्वरी के लिए न्याय सर्वोपरि है और वह सच बोलने से नहीं हिचकिचातीं।
संक्षेप में, राजेश्वरी एक ऐसी महिला हैं जो कठिन परिस्थितियों में भी मजबूत स्तंभ की तरह खड़ी रहती हैं। उनका चरित्र पाठकों को यह सीख देता है कि सच्चा सुख दहेज में नहीं बल्कि परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और समान व्यवहार में निहित होता है।
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