पंचलाइट कहानी के मुख्य पात्र गोधन का चरित्र-चित्रण: फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी "पंचलाइट" का नायक गोधन, महतो टोली का एक युवा है। वह एक अत्यंत भोला और अल
पंचलाइट कहानी के मुख्य पात्र गोधन का चरित्र-चित्रण
गोधन का चरित्र-चित्रण: फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी "पंचलाइट" का नायक गोधन, महतो टोली का एक युवा है। वह एक अत्यंत भोला और अल्हड़ युवक है, जिसे समाज के लोग बहिष्कृत कर देते हैं। गोधन के स्वभाव में आयुजनित विद्रोह तथा भावुकता दोनों का ही सम्मिश्रण है। गोधन के चरित्र की निम्नलिखित विशेषताएं हैं:-
योग्य और गुणवान: गोधन शिक्षित भले ही न हो, लेकिन वह अत्यंत कुशल और प्रतिभाशाली है। पूरे गाँव में केवल वही है जो पेट्रोमैक्स जलाना जानता है। उसकी यह विशेषज्ञता ही उसे गाँव के लोगों के लिए महत्वपूर्ण बनाती है।
जिज्ञासु और जुगाड़ू: गोधन नई तकनीकों में रुचि रखता है और समस्याओं का समाधान ढूंढने में माहिर है। वह पंचलाइट जलाने के लिए महंगे स्पिरिट की जगह सस्ते गरी के तेल का उपयोग करके अपनी समझदारी का परिचय देता है।
निडर और प्रेमपूर्ण: गोधन सामाजिक रूढ़ियों और वर्ग-भेद से बंधा हुआ नहीं है। वह मुनरी के प्रति अपने प्रेम को खुलकर व्यक्त करने से नहीं डरता, चाहे इसके लिए उसे समाज से विरोध झेलना पड़े। गाँव के उस रूढ़िग्रस्त माहौल में गोधन मुनरी को देखकर 'सलीमा' का गाना भी गाता है जिसकी शिकायत करने पर गोधन का हुक्का पानी बन्द कर दिया जाता है।
समाज के प्रति समर्पण: अपने विद्रोही स्वभाव के बावजूद गोधन अपने समाज के प्रति समर्पित है। जब गाँव की प्रतिष्ठा दांव पर लगती है, तो वह अपने व्यक्तिगत गुस्से को भुलाकर पंचलाइट जलाने के लिए तैयार हो जाता है। यह दर्शाता है कि वह अपने विद्रोही स्वभाव के बावजूद अपने समाज के हितों को भी महत्व देता है।
निष्कर्ष: गोधन का चरित्र ग्रामीण परिवेश में पनपने वाली विद्रोही प्रतिभा और मानवीय मूल्यों का प्रतीक है। वह अपनी योग्यता और विवेक से समाज में सम्मान का स्थान प्राप्त कर सकता है। वह एक ऐसा युवा है जो अपनी योग्यता, विवेक, निडरता और वर्ग-भेद से परे सोच रखने के लिए जाना जाता है।
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