लछमा का चरित्र चित्रण (Lachma ka Charitra Chitran) महादेवी वर्मा का "लछमा" रेखाचित्र समाज के यथार्थ चित्रण और स्त्री जीवन की मार्म...
लछमा का चरित्र चित्रण (Lachma ka Charitra Chitran)
महादेवी वर्मा का "लछमा" रेखाचित्र समाज के यथार्थ चित्रण और स्त्री जीवन की मार्मिक कहानी प्रस्तुत करता है। इस रेखाचित्र की नायिका लछमा अपने अदम्य साहस, अटूट संकल्प और निःस्वार्थ प्रेम के कारण पाठकों के मन में एक अविस्मरणीय छाप छोड़ती है। लछमा की चारित्रिक विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:-
1. निडर और साहसी: लछमा एक निडर और साहसी महिला है। वह पहाड़ों की गोद में पली-बढ़ी है, जहाँ अंधेरी रातों में भी वह दराती लेकर जंगल पार कर सकती है। उसका साहस न केवल बाहरी परिस्थितियों का सामना करने में दिखाई देता है, बल्कि अपने जीवन के फैसलों को लेने और उन पर दृढ़ रहने में भी स्पष्ट रूप से झलकता है।
2. दृढ़ निश्चयी: लछमा अपने जीवन के लक्ष्यों और निर्णयों के प्रति अटूट संकल्प रखती है। जब उसे अपने पति के साथ रहने का अवसर मिलता है, तो वह अपनी ससुराल जाने से इंकार कर देती है। वह चाहती है कि उसका पति अपने भाइयों से संपत्ति का बंटवारा करके उसके पास आए। यह फैसला लेने में और उस पर अडिग रहने में लछमा की दृढ़ इच्छाशक्ति स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है।
3. सहनशील और समर्पित: लछमा अपने पति और परिवार के प्रति अत्यंत समर्पित है और उनके लिए हर कष्ट सहने को तैयार है। उसका पति मानसिक रूप से विकसित नहीं है, फिर भी लछमा उसके प्रति समर्पण और प्रेम का भाव रखती है। वह अपनी ससुराल में रहकर संपत्ति पाने के लालच से बचना चाहती है, जो उसके त्याग और निःस्वार्थ भाव को दर्शाता है।
4. क्षमाशील: लछमा में क्षमा करने की अद्भुत क्षमता है। यह गुण उसे समाज की अन्य महिलाओं से अलग बनाता है। 'लछमा' का विवाह एक ऐसे व्यक्ति से हुआ था, जिसका मानसिक विकास एक बालक के विकास से अधिक नहीं हुआ था। वह जानती है कि उसके पति के व्यवहार के पीछे उसकी मानसिक स्थिति है। इसलिए वह उसे किसी भी प्रकार का दोष नहीं देती, बल्कि उसे क्षमा कर देती है।
5. आत्मनिर्भरता: लछमा एक स्वतंत्र और आत्मनिर्भर महिला है। वह अपनी देखभाल खुद करने में सक्षम है और परिस्थितियों से जूझने का हौसला रखती है। ससुराल में जाने से इंकार करना उसकी स्वतंत्र इच्छा और आत्मनिर्भरता का प्रमाण है।
6. निस्वार्थ: लछमा के जीवित हो जाने का समाचार पाकर जब ससुरालवाले उसके अबोध पति को लेकर उसे बुलाने आये तब उसने जाने से इन्कार किया । उसने अपने बालक बुद्धि पति से अनुरोध किया कि वह अपने भाईयों को सब कुछ सौंपकर आये और उसी के पास रहे ।
7. ईमानदार: लछमा एक ईमानदार और सच्ची महिला है। वह हमेशा सत्य का मार्ग अपनाती है और किसी भी प्रकार के लालच में नहीं फंसती। संपत्ति के लोभ से ससुराल जाने के बजाय वह अपने पति के साथ रहना पसंद करती है, जो उसकी ईमानदारी और सच्चाई को दर्शाता है।
निष्कर्ष: लछमा का चरित्र साहित्य में स्त्री प्रतिमा का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। वह एक ऐसी महिला है जो अपनी शक्ति, साहस और दृढ़ संकल्प के माध्यम से समाज में अपनी जगह बनाती है। लछमा की कहानी हमें जीवन में कठिनाइयों का सामना करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है।
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