जीवनलाल का चरित्र चित्रण: जीवनलाल "बहू की विदा" एकांकी का एक प्रमुख पात्र है। वह राजेश्वरी का पति तथा रमेश का पिता है। जीवनलाल अहंकारी, दिखावटी तथा अत
जीवनलाल का चरित्र चित्रण (Jivanlal ka Charitra chitran)
जीवनलाल "बहू की विदा" एकांकी का एक प्रमुख पात्र है। वह राजेश्वरी का पति तथा रमेश का पिता है। जीवनलाल अहंकारी, दिखावटी तथा अत्यंत लोभी व्यक्ति है। आइए, उसके चरित्र का गहराई से विश्लेषण करें: (character sketch of jeevanlal in bahu ki vida in hindi)
धन का लोभी: जीवनलाल एक धनी व्यक्ति है, लेकिन धन के प्रति उसका अत्यधिक लोभ उसे अंधा बना देता है। वह बेटे की पत्नी कमला को दहेज के लिए परेशान करता है और उसे पहले सावन मायके जाने से रोकता है। आशा के अनुरूप दहेज न मिलने के कारण वे रमेश के ससुराल वालों से नाराज़ थे।
अहंकारी और दिखावटी स्वभाव: जीवनलाल दिखावे का बहुत शौकीन है। वह दहेज प्रथा का कट्टर समर्थक भी है। वह दहेज की मात्रा को ही शादी की सफलता का पैमाना मानता है। कमला को उसके मायके नहीं भेजने और प्रमोद को नीचा दिखाने का कारण भी यही है। अपनी बेटी गौरी की शादी में किए गए भारी खर्च का भी वह बखान करता है, जो उसके अहंकार को दर्शाता है।
बेटी-बहू में भेदभाव: जीवनलाल बेटी और बहू के बीच स्पष्ट भेदभाव करता है। अपनी बेटी गौरी के विवाह में उसने खूब धन खर्च किया, लेकिन कमला के दहेज से असंतुष्ट रहता है। जीवनलाल बहू को पहले सावन पर मायके तभी भेजना चाहते थे यदि उन्हें पूरा दहेज दिया जाए।
कठोर और क्रोधी स्वभाव: जीवनलाल स्वभाव से कठोर और क्रोधी है। प्रमोद के विनम्र अनुरोधों को भी वह ठुकरा देता है और क्रोध में लड़कीवालों को भी बुरा-भला कहता है। प्रमोद अपनी माँ की स्वास्थ की दुहाई देकर कमला को भेजने का अनुरोध करता है । परंतु दहेज का लोभी जीवनलाल उसकी कोई बात नहीं सुनता।
परिवर्तनशील: कहानी के अंत में जब जीवनलाल को पता चलता है कि उसकी बेटी गौरी को भी दहेज के कारण विदा नहीं किया गया, तो वह क्रोधित होकर शराफत और इंसानियत की बात करना है। राजेश्वरी द्वारा फटकारे जाने पर उसे अपनी गलती का एहसास होता है। राजेश्वरी कहती है कि अपनी ओर देखिए, रमेश की शादी में कमला के घरवालों ने अपनी सामर्थ्य के अनुसार भरपूर दिया परन्तु आपको फिर भी संतोष नहीं हुआ। वह बेटी और बहू के बीच भेदभाव करने की अपनी कमजोरी समझता है। वह अपने किये पर लज्जित होता है और पत्नी से कहता है कि बहू की विदाई की तैयारी करो ।
निष्कर्ष: जीवनलाल एक जटिल चरित्र है। वह लालची, अहंकारी और दिखावटी है, लेकिन अंत में उसे अपनी गलती का एहसास होता है। यह चरित्र दर्शाता है कि सामाजिक बुराइयों में फंस कर इंसान गलत रास्ते पर जा सकता है, लेकिन समय रहते सुधार की गुंजाइश भी रहती है।
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