गरुड़ध्वज’ नाटक के आधार पर नायिका ‘मलयवती’ का चरित्रांकन कीजिए: लक्ष्मीनारायण मिश्र के नाटक 'गरुड़ध्वज' में मलयवती से अधिक आकर्षक पात्र खोजना कठिन है।
गरुड़ध्वज’ नाटक के आधार पर नायिका ‘मलयवती’ का चरित्रांकन कीजिए।
लक्ष्मीनारायण मिश्र के नाटक 'गरुड़ध्वज' में मलयवती से अधिक आकर्षक पात्र खोजना कठिन है। वह केवल अपनी अलौकिक सुंदरता के कारण ही नहीं, बल्कि अपनी प्रतिभा, विनोदप्रिय स्वभाव और दृढ़ प्रेम के कारण भी पाठकों का ध्यान खींचती हैं।
1. सौंदर्य और कलात्मकता का मिश्रण: मलयवती मलय देश की राजकुमारी हैं, और उनका रूप-सौंदर्य नाटक में बार-बार वर्णित किया गया है। विदिशा के राजप्रासाद के उपवन में उनकी खिली हुई छवि इतनी मनमोहक है कि कुमार विषमशील भी उनके प्रति आसक्त हो जाते हैं। लेकिन मलयवती केवल सुंदर ही नहीं हैं, बल्कि कला में भी निपुण हैं। ललित कलाओं को सीखने के लिए ही वह विदिशा आती हैं। वहां वह न केवल मलय देश की कलाओं का प्रदर्शन करती हैं, बल्कि विदिशा की चित्रकला, संगीतकला आदि को भी आत्मसात कर लेती हैं।
2. विद्रोही स्वर वाली राजकुमारी: मलयवती एक आदर्श राजकुमारी की परिभाषा को तोड़ती हैं। उनमें शाही शिष्टाचार और मर्यादा विद्यमान है, लेकिन वह किसी भी तरह से रुढ़िवादी नहीं हैं। जब एक राजभृत्य उन्हें बताता है कि महाकवि कह रहे थे कि मलयवती और वासन्ती दोनों को ही राजकुमारी के स्थान पर राजकुमार होना चाहिए था, तो उनका जवाब चंचलता के साथ-साथ एक विद्रोही स्वर लिए होता है। वह कहती हैं कि "सभी कुमारियाँ कुमार हो जाएँ, तब तो अच्छी रही।" यह कथन उस समय के रूढ़ समाज में राजकुमारी के लिए एक असामान्य बात है। यह दर्शाता है कि वह एक स्वतंत्र चेतना वाली महिला हैं, जो लिंग आधारित भेदभावों को चुनौती देने का साहस रखती हैं।
3. अटूट प्रेम की धारिका: मलयवती के चरित्र का सबसे महत्वपूर्ण पहलू उनका प्रेम है। कुमार विषमशील के प्रति उनका प्रेम अगाध और अटूट है। एक बार उन्हें मन से वरण कर लेने के बाद, वह केवल उन्हीं के बारे में सोचती हैं। उनका प्रेम ईमानदारी और निष्ठा से भरा हुआ है। वह स्वप्न में भी किसी अन्य पुरुष की कल्पना नहीं कर सकती हैं। यह प्रेम ही उन्हें परिस्थितियों से लड़ने और विषमशील के साथ विवाह करने की शक्ति देता है।
निष्कर्ष: मलयवती का चरित्र बहुआयामी है। वह एक सुंदर, कला-प्रेमी, विनोदी और दृढ़ प्रेमिका होने के साथ-साथ एक विद्रोही भी हैं। वह उस समय की रूढ़ियों को तोड़ने का साहस रखती हैं और अपने प्रेम के लिए दृढ़ता से खड़ी रहती हैं। उनका चरित्र पाठकों को न केवल मनोरंजन देता है, बल्कि यह भी प्रेरित करता है कि वे अपनी प्रतिभा को निखारें, सच्चे प्रेम का सम्मान करें और सामाजिक रूढ़ियों का विरोध करें।
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