अशिक्षित का हृदय' कहानी का उद्देश्य बताइये: विश्वंभरनाथ शर्मा 'कौशिक' द्वारा रचित 'अशिक्षित का हृदय' एक उद्देश्य पूर्ण कहानी है। कहानी में शिक्षा के म
अशिक्षित का हृदय' कहानी का उद्देश्य बताइये।
विश्वंभरनाथ शर्मा 'कौशिक' द्वारा रचित 'अशिक्षित का हृदय' एक उद्देश्य पूर्ण कहानी है। कहानी में शिक्षा के महत्व को भी दर्शाया गया है। यदि मनोहर सिंह शिक्षित होते तो शायद उन्हें ठाकुर शिवपाल के शोषण का शिकार नहीं होना पड़ता। 'अशिक्षित का हृदय' कहानी का उद्देश्य कई महत्वपूर्ण सामाजिक और मानवीय मुद्दों को उजागर करना है।
प्रकृति के साथ मनुष्य के भावात्मक संबंध: यह कहानी मनुष्य और प्रकृति के बीच गहरे संबंधों को दर्शाती है। मनोहर सिंह का अपने नीम के पेड़ के प्रति अटूट लगाव इस बात का प्रमाण है कि मनुष्य के जीवन में भौतिक सुख-सुविधाओं के अलावा प्रकृति का भी महत्वपूर्ण स्थान है। नीम का पेड़ मनोहर सिंह के लिए केवल एक पेड़ नहीं है, बल्कि यह उनके बचपन की यादों, उनके पिता की स्मृतियों और उनके जीवन का अभिन्न अंग है।
जमींदारी प्रथा पर चोट: कहानी में ठाकुर शिवपाल के चरित्र के माध्यम से जमींदारी प्रथा की कुरीतियों को उजागर किया गया है। शिवपाल मनोहर सिंह जैसे गरीब किसानों का शोषण करते हैं और उनसे ऊंचे ब्याज पर कर्ज देते हैं। जब मनोहर सिंह कर्ज चुकाने में असमर्थ होते हैं, तो शिवपाल उनका नीम का पेड़ कटवाने की धमकी देते हैं।
नि:स्वार्थ प्रेम: इस कहानी में कहानीकार ने तेजा सिंह के माध्यम से यह स्पष्ट किया है कि इस संसार में कुछ ऐसे मनुष्य भी होते हैं जो निःस्वार्थ होकर दूसरों की मदद करते हैं। तेजा सिंह का चरित्र कहानी में निस्वार्थ प्रेम और सहानुभूति का प्रतीक है। वह शिक्षित नहीं है, लेकिन उसके हृदय में गरीबों और लाचारों के प्रति गहरी सहानुभूति है। जब वह मनोहर सिंह की परेशानी देखता है, तो वह उनकी हर संभव मदद करने का प्रयास करता है।
सारांश: इस प्रकार कहानीकार ने इस कहानी के माध्यम से मनुष्य के प्रकृति के साथ भावात्मक संबंधों, जमींदारी प्रथा पर चोट और नि:स्वार्थ प्रेम की भावना को प्रकट किया है।
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