आषाढ़ का एक दिन’ नाटक के आधार पर मल्लिका का चरित्र चित्रण कीजिये: मोहन राकेश द्वारा रचित नाटक "आषाढ़ का एक दिन" में मल्लिका, कालिदास की प्रेमिका, एक
आषाढ़ का एक दिन’ नाटक के आधार पर मल्लिका का चरित्र चित्रण कीजिये
मोहन राकेश द्वारा रचित नाटक "आषाढ़ का एक दिन" में मल्लिका, कालिदास की प्रेमिका, एक जटिल और बहुआयामी चरित्र है। वह प्रेम की तीव्रता, स्वतंत्र विचारधारा और करुणा की भावना का संगम है। मल्लिका के चरित्र में प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:-
स्वतंत्र चिंतन
मल्लिका एक ऐसी युवती है जो सामाजिक बंधनों को तोड़कर अपनी स्वतंत्र पहचान बनाना चाहती है। वह अपनी माँ की रूढ़िवादी सोच का विरोध करती है और कालिदास के प्रति अपने प्रेम को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करती है। यह उस समय के लिए एक साहसी कदम है, जहां प्रेम को पारंपरिक विवाह के दायरे में ही स्वीकार किया जाता था। वह कहती है, "क्या कहते हैं वे? क्या अधिकार है उन्हें कुछ कहने का? मल्लिका का जीवन उसकी अपनी संपत्ति है।"
प्रेम-भावना:
मल्लिका का प्रेम किसी स्वार्थी लेन-देन से परे है। वह कालिदास की प्रतिभा को पहचानती है और उसे सफलता के शिखर तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास करती है। यहां तक कि वह अपने प्रेमी को उससे दूर उज्जयिनी जाने के लिए भी प्रोत्साहित करती है, यह जानते हुए भी कि इससे उन्हें दूर रहना पड़ेगा। उसका प्रेम त्याग और निस्वार्थ भाव का प्रतीक है, "मैं जानती हूँ कि तुम्हारे चले जाने पर मेरे अंतर को एक रिक्तता छा लेगी... फिर भी मैं अपने साथ छल नहीं कर रही। मैं हृदय से कहती हूँ तुम्हें जाना चाहिए..."
आत्मसम्मान की रक्षा करने वाली:
मल्लिका एक स्वाभिमानी युवती है। वह किसी पर आश्रित रहना पसंद नहीं करती। प्रियंगुमंजरी द्वारा दी गई दान की वस्तुओं को स्वीकार करने से इनकार कर वह अपने स्वाभिमान की रक्षा करती है। वह कहती है, "आप इस विषय में चर्चा न ही करें तो अच्छा होगा।"
करुणा की मूर्ति मल्लिका:
मल्लिका के चरित्र में प्रेम और विद्रोह के साथ ही करुणा का भाव भी कूट-कूट कर भरा है। वह घायल हिरण के बच्चे को ममता देती है और उसे अपनी छाती से लगा लेती है। यह दर्शाता है कि उसका प्रेम सिर्फ कालिदास तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उसमें सार्वभौमिक करुणा का भाव भी मौजूद है।
कर्तव्यनिष्ठा और प्रेम का द्वंद्व:
मल्लिका का चरित्र प्रेम और कर्तव्य के द्वंद्व को भी रेखांकित करता है। वह कालिदास से प्रेम करती है, लेकिन साथ ही वह यह भी जानती है कि उसकी सफलता के लिए उज्जयिनी जाना जरूरी है। इसलिए वह अपने प्रेम से अधिक उसके भविष्य को महत्व देती है। यह कर्तव्यनिष्ठा और त्याग की भावना को दर्शाता है।
निष्कर्ष:
मल्लिका "आषाढ़ का एक दिन" की एक प्रेरणादायक पात्र है। वह प्रेम, स्वतंत्रता, करुणा और कर्तव्यनिष्ठा के सम्मिश्रण का प्रतीक है। सामाजिक बंधनों को चुनौती देते हुए, वह अपने प्रेम के लिए लड़ती है और परिस्थितियों से समझौता करते हुए कर्तव्य का निर्वाह भी करती है। मल्लिका का चरित्र पाठकों को प्रेम के मार्ग पर चलने और सामाजिक रूढ़ियों का विरोध करने का साहस देता है।
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