विद्यालय के मुख्य द्वार पर बैठे खोमचे वालों की शिकायत करते हुए प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए। सेवा में, प्रधानाचार्य महोदय, इस पत्र के माध्यम से मैं विद
विद्यालय के मुख्य द्वार पर बैठे खोमचे वालों की शिकायत करते हुए प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए
सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय/महोदया,
अ.ब.स. महाविद्यालय
इंदिरा नगर, लखनऊ।
प्रधानाचार्य महोदय/महोदया,
विषय: विद्यालय के मुख्यद्वार पर बैठे खोमचेवालों की शिकायत
माननीय प्रधानाचार्य महोदय/महोदया,
मैं, [आपका नाम], कक्षा 10 का छात्र/छात्रा हूँ। इस पत्र के माध्यम से मैं विद्यालय के मुख्यद्वार पर बैठे खोमचेवालों की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता/चाहती हूँ।
जैसा कि आप जानते हैं, हमारे विद्यालय का मुख्यद्वार सड़क के किनारे स्थित है। इस सड़क पर कई खोमचे लगे हुए हैं, जिनसे छात्र/छात्राएं जंक फूड, चिप्स, और शीतल पेय जैसी अस्वास्थ्यकर चीजें खरीदते हैं।
यह छात्रों/छात्राओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। इन खाद्य पदार्थों से मोटापा, मधुमेह, और हृदय रोग जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
इसके अलावा, इन खोमचेवालों के कारण विद्यालय के आसपास गंदगी और अव्यवस्था फैलती है। छात्र/छात्राएं इन खोमचेवालों से सामान खरीदकर सड़क पर ही खाना खाते हैं, जिससे कूड़ा-कचरा इधर-उधर फैल जाता है।
अतः, आपसे विनम्र निवेदन है कि विद्यालय के मुख्यद्वार पर बैठे खोमचेवालों को हटाने की कृपा करें।
भवदीय,
[आपका नाम]
कक्षा 10
अ.ब.स. महाविद्यालय।
अपने विद्यालय के मुख्य द्वार पर बैठे खोमचे वालों की शिकायत हेतु प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए
परीक्षा भवन,
नई दिल्ली।
दिनांक: 22/12/20XX
सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय,
अ.ब.स. विद्यालय
रोहिणी दिल्ली।
विषय खोमचेवालों की शिकायत हेतु पत्र।
महोदय,
निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय की दसवीं कक्षा का छात्र हूँ। मैं आपका ध्यान विद्यालय के द्वार पर खड़े खोमचेवालों की ओर दिलाना चाहता हों।
महोदय, विद्यालय की छुट्टी के समय अनेक खोमचेवाले- आइसक्रीम, छोले-कुलचे, टॉफ़ी-चूरन, चनेवाले आदि अपनी-अपनी रेहड़ी लेकर विद्यालय के मुख्य द्वार पर खड़े हो जाते हैं। इससे हम सभी को आने-जाने में असुविधा होती है; कई बार तो दुर्घटना भी हो जाती है।
इतना ही नहीं, इनके द्वारा लाया गया सामान भी पूरी तरह से स्वास्थ्यवर्धक और स्वच्छ नहीं होता। ये खाद्य सामग्री को ढककर भी नहीं रखते जिससे उस पर मक्खियाँ भिनभिनाती रहती हैं। व्यक्तिगत रूप से कई बार मना करने पर भी ये नहीं सुनते।
अतः आपसे अनुरोध है कि आप इनके खिलाफ कोई सख्त कदम उठाएं।
सधन्यवाद
आपका आज्ञाकारी शिष्य
क.ख.ग.
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