आपके जीवन में घटी किसी विशेष घटना के संबंध में बताते हुए अपने मित्र को एक पत्र लिखिए: प्रिय मित्र, मुझे उम्मीद है तुम स्वस्थ और खुश होगे। मैं तुम्हें
आपके जीवन में घटी किसी विशेष घटना के संबंध में बताते हुए अपने मित्र को एक पत्र लिखिए
52 बी, केशवपुरम
त्रिवेणी नगर,
आगरा।
प्रिय मित्र,
नमस्ते!
मुझे उम्मीद है तुम स्वस्थ और खुश होगे। मैं तुम्हें यह पत्र एक विशेष घटना बताने के लिए लिख रहा हूं जो मेरे साथ दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के दौरान घटी थी।
जिस दिन गणित का पेपर था, मैं सुबह देर से उठा। मैं घबरा गया क्योंकि मुझे पता था कि अगर मैं समय पर परीक्षा केंद्र नहीं पहुंचा तो मुझे परीक्षा देने का मौका नहीं मिलेगा। मैं जल्दी-जल्दी तैयार हुआ और बाहर निकल गया।
लेकिन मेरी किस्मत खराब थी। मुझे कोई ऑटो या बस नहीं मिल रही थी। मैं सड़क किनारे खड़ा होकर इंतजार कर रहा था। तभी, एक पुलिस वाले अंकल अपनी बाइक पर आये। मुझे परेशान देखकर उन्होंने पूछा कि क्या हुआ है। मैंने उसे बताया कि मैं परीक्षा देने के लिए लेट हो रहा हूं।
उन्होंने मेरी परेशानी समझी और मुझे अपनी बाइक पर लिफ्ट दे दी। उसने मुझे परीक्षा केंद्र तक सुरक्षित और समय पर पहुंचा दिया। मैंने उनका तहे दिल से धन्यवाद दिया, उन्होंने भी मुझे परीक्षा के लिए शुभकामनाएँ।
इस घटना से मैंने सीखा कि मुश्किल समय में भी हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए और ईश्वर पर पूर्ण भरोसा रखना चाहिये।
तुम्हारा मित्र,
अ.ब.स.
आपके जीवन में घटी किसी विशेष घटना का वर्णन करते हुए अपने मित्र को एक पत्र लिखिए
38 बी, श्याम नगर,
नागपुर।
दिनांक: 25/03/20XX
प्रिय मित्र,
आशा है तुम स्वस्थ और खुश होगे। मैं तुम्हें यह पत्र एक हास्यास्पद घटना सुनाने के लिए लिख रहा हूं जो आज मेरे साथ घटी।
आज सुबह मैं बस से अपने ऑफिस जा रहा था। तभी मैंने महसूस किया कि मेरा क्रेडिट कार्ड गायब है। मैं बहुत परेशान हो गया क्योंकि उसमें मेरे बैंक खाते से जुड़े सभी पैसे थे। मैंने सोचा कि शायद मैं बस में ही अपना कार्ड भूल गया हूँ।
मैंने तुरंत बस के कंडक्टर को बताया और उनसे पूछा कि क्या उन्हें मेरा कार्ड मिला है। उन्होंने ना में सिर हिलाया और कहा कि उन्होंने ऐसा कोई कार्ड नहीं देखा है। मैं बहुत निराश हो गया और सोचने लगा कि अब क्या होगा।
मैंने अपने घर वालों को फोन किया और उन्हें बताया कि मेरा कार्ड चोरी हो गया है। वे भी बहुत चिंतित हो गए। उन्होंने मुझे शांत करने की कोशिश की। कुछ देर बाद मुझे घर से वापस फोन आया। फोन पर मेरी माँ थीं। उन्होंने बताया कि उन्हें मेरा कार्ड घर पर ही मिला है।
यह सुनकर मुझे बहुत सुकून मिला और मुझे हंसी भी आई। मैं इतना परेशान हो गया था, जबकि मेरा कार्ड घर पर ही था। इस दिन मुझे सीख मिली कि जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए।
तुम्हारा मित्र,
अ.ब.स.
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