विद्यालय की पत्रिका में अपनी रचना छपवाने के लिए छात्र संपादक प्रभारी को पत्र लिखिए: सेवा में, छात्र संपादक प्रभारी, वार्षिक विद्यालय पत्रिका, महोदय/मह
विद्यालय की पत्रिका में अपनी रचना छपवाने के लिए छात्र संपादक प्रभारी को पत्र लिखिए
सेवा में,
छात्र संपादक प्रभारी,
वार्षिक विद्यालय पत्रिका,
क.ख.ग. विद्यालय
अजमेर, राजस्थान।
विषय: विद्यालय पत्रिका में रचना प्रकाशित करने का अनुरोध
माननीय महोदय/महोदया,
मैं, अरमान वर्मा, कक्षा 10 'अ' का छात्र/छात्रा हूँ। मैं आपसे अनुरोध करता/करती हूँ कि आप मेरी रचना "वृक्ष हमारे मित्र" को विद्यालय पत्रिका में प्रकाशित करने पर विचार करें।
मेरी रचना "वृक्ष हमारे मित्र" वृक्षारोपण पर आधारित है। मैंने इस रचना में ब्रिक्षों की भूमिका को बड़ी ही खूबसूरती से प्रस्तुत किया है। मेरी भाषा सरल और सहज है, और साथ ही साथ बहुत ही प्रभावशाली भी है। यह रचना छात्रों को अवश्य ही वृक्षारोपण के लिए प्रेरित करेगी।
मुझे विश्वास है कि मेरी रचना विद्यालय पत्रिका के लिए एक मूल्यवान योगदान होगा। यह निश्चित रूप से विद्यालय के छात्रों और शिक्षकों को पसंद आएगी।
मैं आपसे अनुरोध करता/करती हूँ कि आप मेरी रचना "वृक्ष हमारे मित्र" को विद्यालय पत्रिका में प्रकाशित करने के लिए विचार करें।
आपका आभारी,
अरमान वर्मा,
कक्षा 10 'अ'
विद्यालय की वार्षिक पत्रिका में अपनी रचना छपवाने के लिए छात्र संपादक प्रभारी को पत्र लिखिए
सेवा में,
छात्र संपादक प्रभारी,
विद्यालय पत्रिका,
अ.ब.स. पब्लिक स्कूल।
विषय: विद्यालय पत्रिका में रचना प्रकाशन के लिए अनुरोध
माननीय महोदय/महोदया,
मैं, अनुपम मिश्र, कक्षा 11 'ब' का छात्र हूँ। मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि आप मेरी रचना "प्यारे बापू" को विद्यालय पत्रिका में प्रकाशित करने के लिए विचार करें।
मेरी रचना "प्यारे बापू" गांधीवादी विचारधारा पर आधारित है। मैंने इस रचना में सत्य और अहिंसा का महत्व स्पष्ट किया है। मुझे विश्वास है कि यह रचना आपके पाठकों को पसंद आएगी।
मैंने अपनी रचना को बहुत ही ध्यानपूर्वक लिखा है। मैंने भाषा, व्याकरण और वर्तनी पर विशेष ध्यान दिया है। मुझे विश्वास है कि यह रचना विद्यालय पत्रिका के स्तर के अनुरूप है।
मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि आप मेरी रचना को प्रकाशन के लिए विचार करें। यदि आप मेरी रचना को प्रकाशित करने का निर्णय लेते हैं, तो मैं आपको अपनी रचना का मुद्रित संस्करण शीघ्र ही भेज दूंगा।
आपका आभारी,
अनुपम मिश्र,
कक्षा 11 'ब'
अपनी लिखी कविता को अपने विद्यालय की पत्रिका में छपवाने के लिए छात्र संपादक प्रभारी को पत्र लिखिए
सेवा में,
माननीय संपादक प्रभारी,
वार्षिक विद्यालय पत्रिका,
क.ख.ग. विद्यालय
उदयपुर, राजस्थान।
विषय: स्वरचित कविता को विद्यालय की पत्रिका में छपवाने हेतु
माननीय छात्र संपादक प्रभारी,
मैं अ.ब.स., कक्षा 12 'अ' का छात्र/छात्रा हूँ, और इस पत्र के माध्यम से मैं अपनी मूल कविता "जल ही जीवन है" विद्यालय की आगामी वार्षिक पत्रिका में प्रकाशित करने के लिए प्रस्तुत कर रहा/रही हूँ।
"जल ही जीवन है" कविता जल के महत्व और जल संरक्षण पर केंद्रित है। आज के समय में, जलवायु परिवर्तन और अत्यधिक दोहन के कारण जल संकट एक गंभीर मुद्दा बन गया है। मेरी कविता का उद्देश्य न केवल जल के जीवनदायी गुणों को उजागर करना है, बल्कि पाठकों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित करना भी है।
कविता प्रकृति का वर्णन करते हुए शुरू होती है, जहाँ जल जीवन का स्रोत है। यह पेड़-पौधों को हरा-भरा रखता है और सभी जीवों के लिए अस्तित्व का आधार है। कविता धीरे-धीरे जल संरक्षण की आवश्यकता की ओर मुड़ती है, पाठकों से आग्रह करती है कि वे जल को बर्बाद न करें और इसे बचाने के लिए सार्थक कदम उठाएं।
मैंने कविता को सरल और सहज भाषा में लिखा है, ताकि सभी आयु वर्ग के छात्र इसे आसानी से समझ सकें। कविता में लय और तुकबंदी का प्रयोग किया गया है, जो इसे पढ़ने में मनोरंजक बनाता है।
विश्वास है कि मेरी यह कविता विद्यालय की पत्रिका में प्रकाशित होने पर पाठकों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करेगी।
मैंने कविता को संलग्न कर दिया है। आपके मूल्यवान समय के लिए धन्यवाद। आपके निर्णय की प्रतीक्षा में।
भवदीय,
अ.ब.स.
कक्षा: 12 'अ'
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