बाढ़ पीड़ितों की सहायता हेतु पिताजी से अनुमति मांगते हुए पत्र लिखिए: आदरणीय पिता जी, सादर चरण स्पर्श। । मैं आपको यह बताने के लिए लिख रहा/रही हूँ कि मै
बाढ़ पीड़ितों की सहायता हेतु पिताजी से अनुमति मांगते हुए पत्र लिखिए
परीक्षा भवन
नई दिल्ली
20 मार्च 20XX
विषय: बाढ़ पीड़ितों की सहायता हेतु
आदरणीय पिता जी
सादर चरण स्पर्श।
आशा है आप स्वस्थ होंगे। मैं आपको यह बताने के लिए लिख रहा/रही हूँ कि मैं अपने विद्यालय के कुछ छात्र-छात्राओं के साथ बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए जाना चाहता/चाहती हूँ।
जैसा कि आप जानते हैं, हाल ही में बाराबंकी और इसके आस-पास के कई क्षेत्रों में भयंकर बाढ़ आई है। लाखों लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं और उन्हें भोजन, पानी, कपड़े और दवाओं जैसी बुनियादी आवश्यकताओं की आवश्यकता है।
मैं और मेरे कुछ सहपाठी बाढ़ पीड़ितों की मदद करने के लिए एक अभियान चलाना चाहते हैं। हमने पहले ही कुछ धन और सामग्री इकट्ठा कर ली है, और अब हम उन्हें पीड़ितों तक पहुंचाना चाहते हैं।
हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य जी ने भी इस अभियान को मंजूरी दे दी है। वे हमें आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे।
मुझे विश्वास है कि यह अभियान न केवल बाढ़ पीड़ितों के लिए मददगार होगा, बल्कि यह हमें सामाजिक सेवा और ज़िम्मेदारी की भावना भी सिखाएगा।
मैं आपसे अनुरोध करता/करती हूँ कि आप मुझे इस अभियान में भाग लेने की अनुमति प्रदान करें। मैं आपको विश्वास दिलाता/दिलाती हूँ कि मैं अपनी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखूंगा/रखूंगी।
आपका प्रिय पुत्र/पुत्री,
सक्षम रस्तोगी
कक्षा: 12 'अ'
आप अपने विद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए जाना चाहते हैं। इसके लिए अनुमति माँगते हुए अपने पिता जी को पत्र लिखिए।
परीक्षा भवन
नई दिल्ली
25 जुलाई 20XX
पूज्य पिता जी
सादर चरण स्पर्श।
मैं यहाँ सकुशल रहकर आशा करता हूँ कि आप भी सकुशल होंगे। मैं आप सब की कुशलता हेतु प्रार्थना करता हूँ। पिता जी, आपको तो पता ही होगा कि आजकल फैज़ाबाद और उसके आसपास के क्षेत्र में बाढ़ आई हुई है। इससे वहाँ रहने वालों का जीवन संकट में पड़ गया है। इन बाढ़ पीड़ितों की मदद से हमारे विद्यालय से एक दल राहत सामग्री, दवाइयाँ और कपड़े लेकर जा रहा है। इसमें हमारी कक्षा के छात्र-छात्राएँ भी जा रहे हैं। मनुष्यता की सेवा के इस पावन काम में मैं भी हाथ बँटाना चाहता हूँ। इसके लिए आपकी अनुमति की आवश्यकता है।
पूज्या माता जी को चरण स्पर्श और शैली को प्यार। शेष सब ठीक है। पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में,
आपका प्रिय पुत्र
चंदन कुमार
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