दुर्योधन' का चरित्र चित्रण: 'सत्य की जीत' खण्डकाव्य में दुर्योधन का चरित्र एक तुच्छ शासक का चरित्र है। वह असत्य, अन्याय तथा अनैतिकता का आचरण करता है।
सत्य की जीत' खण्डकाव्य के आधार पर 'दुर्योधन' का चरित्र चित्रण कीजिये।
दुर्योधन' का चरित्र चित्रण: 'सत्य की जीत' खण्डकाव्य में दुर्योधन का चरित्र एक तुच्छ शासक का चरित्र है। वह असत्य, अन्याय तथा अनैतिकता का आचरण करता है। वह छल विद्या में निपुण अपने मामा शकुनि की सहायता से पाण्डवों को द्यूतक्रीड़ा के लिए आमंत्रित करता है और उनका सारा राज्य जीत लेता है। दुर्योधन चाहता है कि पाण्डव द्रौपदी सहित उसके दास - दासी बनकर रहे। वह द्रौपदी को सभा के बीच में वस्त्रहीन करके अपमानित करना चाहता है। उसके चरित्र की निम्नलिखित विशेषताएँ
1. शस्त्रबल का पुजारी: दुर्योधन सत्य, धर्म और न्याय में विश्वास नहीं रखता। वह शारीरिक तथा तलवार के बल में आस्था रखता है। आध्यात्मिक एवं आत्मिक बल की उपेक्षा करता है। दुःशासन के मुख से शस्त्रबल की प्रशंसा और शास्त्रबल की निन्दा सुनकर वह प्रसन्नता से खिल उठता है।
2. अनैतिकता का अनुयायी: दुर्योधन न्याय और नीति को छोड़कर अनीति का अनुसरण करता है। भले-बुरे का विवेक वह बिल्कुल नहीं करता। अपने अनुयायियों को भी अनीति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करना ही उसकी नीति है। जब दुःशासन द्रौपदी का चीरहरण करने में असमर्थ जाता है तो दुःशासन की इस असमर्थता को वह सहन नहीं कर पाता है और अभिमान में गरज कर कहता है-
कर रहा क्या, यह व्यर्थ प्रलाप, भय वश था दुःशासन वीर।
कहा दुर्योधन ने उठ गरज, खींच क्या नहीं खिंचेगी चीर॥
3. मातृद्वेषी: दुर्योधन बाह्य रूप में पाण्डवों को अपना भाई बताता है किन्तु आन्तरिक रूप से उनकी जड़ें काटता है। वह पाण्डवों का सर्वस्व हरण करके उन्हें अपमानित और दर-दर का भिखारी बनाना चाहता है। द्रौपदी के शब्दों में-
किंन्तु भीतर-भीतर चुपचाप, छिपाये तुमने अनगिन पाश।
फँसाने को पाण्डव निष्कपट, चाहते थे तुम उनका नाश॥
4. असहिष्णुता: दुर्योधन स्वभाव से बड़ा ईर्ष्यालु है। पाण्डवों का बढ़ता हुआ यश तथा सुख-शांतिपूर्ण जीवन उसकी ईर्ष्या का कारण बन जाता है। वह रात-दिन पाण्डवों के विनाश की ही योजना बनाता रहता है। उसके ईर्ष्यालु स्वभाव का चित्रण देखिए-
ईर्ष्या तुम को हुई अवश्य, देख जग में उनका सम्मान।
विश्व को दिखलाना चाहते, रहे तुम अपनी शक्ति महान्॥
निष्कर्षतः, हम कह सकते हैं कि दुर्योधन का चरित्र एक साम्राज्यवादी शासक का चरित्र है।
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