बॉक्सर विद्रोह की असफलता के क्या कारण थे: बॉक्सर विद्रोह, जिसे义和团运动 (Yihetuan Yundong) भी कहा जाता है, चीन में 1900 में हुआ एक बड़ा विद्रोह था। यह विद
बॉक्सर विद्रोह की असफलता के क्या कारण थे?
बॉक्सर विद्रोह, जिसे义和团运动 (Yihetuan Yundong) भी कहा जाता है, चीन में 1900 में हुआ एक बड़ा विद्रोह था। यह विद्रोह पश्चिमी शक्तियों और ईसाई धर्म के खिलाफ था। विद्रोहियों को "बॉक्सर" कहा जाता था क्योंकि वे मुक्केबाजी और मार्शल आर्ट में कुशल थे।
यह विद्रोह जितनी तेजी से फैला, उतनी तेजी से कुचल दिया गया। बॉक्सर विद्रोहियों के पास शक्ति व संसाधनों की कमी नहीं थी। चीन की सरकार व जनता भी विद्रोहियों का सहयोग कर रही थी। इन सब कारणों के बावजूद बॉक्सर विद्रोह असफल हो गया।
बॉक्सर विद्रोह की असफलता के कारण (Causes behind the Failure of Boxer Revolt)
1. विद्रोहियों को कई बड़े पदाधिकारियों व सरकारी कर्मचारियों के विश्वासघात का सामना करना पड़ा। चीन का भूपति एवं सरकारी कर्मचारी वर्ग शुरुआत से ही बॉक्सर विद्रोहियों के विरोध में था किन्तु विद्रोहियों की बढ़ती शक्ति से डरकर सरकारी कर्मचारियों ने विद्रोहियों के साथ सहानुभूति दर्शाने का ढोंग किया ताकि विद्रोह को विदेशियों के विरुद्ध केन्द्रित करके अपने अस्तित्व की रक्षा की जा सके। चीन का कुलीन वर्ग बॉक्सर विद्रोहियों के मूल उद्देश्यों से परिचित था और उसे भय था कि विदेशियों के चीन से भागने के बाद बॉक्सर विद्रोहियों का अगला निशाना कुलीन वर्ग ही होगा। अतः कुलीन वर्ग ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से विदेशियों की मदद की।
2. चीन की जनता विद्रोहियों के साथ सहानुभूति रखती थी किन्तु वह बॉक्सर विद्रोह को पर्याप्त जनाधार प्रदान करने में असफल रही। चीन की जनता में अभी राष्ट्रवाद जैसी अवधारणा का पूर्ण विकास नहीं हो पाया था और वह राष्ट्र एकता के सूत्र में नहीं बँध पायी थी। मांचू शासकों एवं कुलीन वर्ग का सहयोग लेने पर विद्रोही नेताओं के प्रति जनता में गलत सन्देश गया और जनता ने उदासीनता का रवैया अपना लिया। दूसरे, बॉक्सर विद्रोही ताओवादी चमत्कारों में आस्था रखते थे जिसके कारण कन्फ्यूशियसवादी व बौद्ध अनुयायी उनके साथ घनिष्ठता से नहीं जुड़ सके। पश्चिमीकरण का विरोध करने के कारण चीन का सुधारवादी वर्ग भी विद्रोहियों के साथ नहीं आया।
3. पश्चिमी शक्तियों को अपराजेय मानने की चीनी मानसिकता ने भी बॉक्सर विद्रोहियों का मनोबल ऊँचा नहीं उठने दिया । अनेक चीनी पदाधिकारी पश्चिमी शक्तियों पर विजय पाना असम्भव मानते थे और इसी कारण विद्रोहियों व चीनी सेना में पर्याप्त उत्साह व मारकता का भाव पैदा नहीं कर सके । विद्रोहियों का लक्ष्य भी सीमित था क्योंकि वे चीन की व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन नहीं बल्कि मात्र विदेशियों को चीन से भगाना चाहते थे । इस सीमित लक्ष्य ने भी विद्रोही सैनिकों के उत्साह को ठंडा कर दिया था ।
4. चीन का अवसरवादी शासक वर्ग भी बॉक्सर विद्रोह की असफलता हेतु उत्तरदायी माना जा सकता है। मांचू शासकों ने बॉक्सर विद्रोहियों का समर्थन इसलिए किया था ताकि जनता का ध्यान एवं विद्रोहियों की गतिविधियों को राजशाही का कमजोरियों के बजाय विदेशी शक्तियों पर केन्द्रित किया जा सके। बॉक्सर विद्रोहियों व मांचू शासकों का गठजोड़ स्थायी उद्देश्यों व दीर्घकालीन हितों पर आधारित नहीं था। मांचू शासक विद्रोहियों की ताकत बने रहने तक ही उनके साथ रहे किन्तु जब विदेशी सेवाओं का पलड़ा भारी होता गया तो वे विद्रोहियों के विरोध में आदेश जारी करने लगे। मांचू शासकों को अपने देश या जनता के हितों की नहीं अपितु अपने अस्तित्व को बचाने की चिन्ता थी । उनकी संकीर्ण सोच एवं अवसरवादी प्रवृत्ति ने बॉक्सर विद्रोह की असफलता में प्रमुख भूमिका निभाई थी ।
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