सूखे का अर्थ, प्रकार तथा भारत के सूखा प्रभावित क्षेत्र बताइए: सूखा ऐसी स्थिति को कहा जाता है जब लम्बे समय तक कम वर्षा, अत्यधिक वाष्पीकरण और जलाशयों तथ
सूखे का अर्थ, प्रकार तथा भारत के सूखा प्रभावित क्षेत्र बताइए।
सूखे का अर्थ: सूखा ऐसी स्थिति को कहा जाता है जब लम्बे समय तक कम वर्षा, अत्यधिक वाष्पीकरण और जलाशयों तथा भूमिगत जल के अत्यधिक प्रयोग से भूतल पर जल की कमी हो जाए। अथवा भारतीय मौसम विभाग के अनुसार 'उस दशा को सूखा कहा जाता है जब किसी क्षेत्र में होने वाली सामान्य वर्षा से वास्तविक वर्षा 75 प्रतिशत से कम हो।'
सूखे के प्रकार (Types of Droughts)
कारण, स्वरूप तथा विशेषताओं के आधार पर सूखे के निम्नलिखित चार वर्ग हैं- (1) मौसम विज्ञान सम्बन्धी सूखा, (2) कृषि सूखा, (3) जल विज्ञान सम्बन्धी सूखा तथा (4) पारिस्थितिक सूखा।
(1) मौसम विज्ञान सम्बन्धी सूखा- इसमें लम्बे समय तक अपर्याप्त वर्षा होने से सामयिक और स्थानिक वितरण असंतुलित हो जाता है, तब यह सूखा पड़ता है। इस प्रकार के सूखे में वार्षिक वर्षा सामान्य से 25% कम होती है।
(2) कृषि सूखा - इसे भूमि आर्द्रता सूखा कहते हैं। इसमें मिट्टी में आर्द्रता की कमी हो जाती है जिससे फसलें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।
(3) जल विज्ञान सम्बन्धी सूखा- इसमें धरातलीय और भूमिगत जलाशयों में जलस्तर एक निश्चित सीमा से नीचे गिर जाए। ऐसा तब होता है जब जलाशय, जलभूत तथा झीलों इत्यादि का जल स्तर वृष्टि द्वारा की जाने वाली जलापूर्ति के पश्चात् नीचे गिर जाए।
(4) पारिस्थितिक सूखा - जब जल की कमी से उत्पादकता में कमी हो जाए जिससे पारिस्थितिक तंत्र में तनाव उत्पन्न हो जाए है तथा यह क्षतिग्रस्त हो जाए तब पारिस्थितिक सूखा कहलाता है।
भारत के सूखा प्रभावित क्षेत्र (Drought Prone Areas in India)
भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 19 प्रतिशत भाग तथा कुल जनसंख्या का लगभग 12 प्रतिशत भाग प्रतिवर्ष सूखे से प्रभावित रहता है। भारत में सूखा दक्षिणी-पश्चिमी मानसून के कमजोर होने पर पड़ता है। ऐसा होने पर देश में सामान्य से कम वर्षा होती है या निश्चित समय से देर से वर्षा आती है जो देश के विभिन्न भागों में सूखा दशाएँ उत्पन्न कर देती हैं।
सूखे की तीव्रता के आधार पर भारत को निम्नलिखित तीन सूखा प्रभावित क्षेत्रों में विभक्त किया जाता है-
(1) अत्यधिक सूखा प्रभावित क्षेत्र - राजस्थान राज्य में अरावली श्रेणियों के पश्चिम में स्थित मरुस्थली भाग तथा गुजरात राज्य का कच्छ क्षेत्र भारत के अत्यधिक सूखा प्रभावित क्षेत्रों में सम्मिलित हैं। इसमें राजस्थान के जैसलमेर तथा बाड़मेर जनपद भी सम्मिलित हैं जहाँ वार्षिक वर्षा का औसत 10 सेमी. से भी कम है।
(2) अधिक सूखा प्रभावित क्षेत्र - इस वर्ग में राजस्थान राज्य का पूर्वी भाग, मध्य प्रदेश के अधिकांश भाग, पूर्वी महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश के आन्तरिक भाग, कर्नाटक का पठार, तमिलनाडु का उत्तरी भाग, झारखण्ड का दक्षिणी भाग तथा ओडिशा के आन्तरिक भाग सम्मिलित हैं।
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