पंचायती राज के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए: 1959 में भारत में पंचायती राज की स्थापना की गई। इसके उद्देश्य हैं (1) प्रजातांत्रिक विकेंद्रीकरण, (2) स्वस्थ
पंचायती राज के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए (Panchayati Raj Ke Uddeshya Ka Varnan Kijiye)
1959 में भारत में पंचायती राज की स्थापना की गई। 1992 के 73वें संविधान संशोधन अधिनियम ने इसे संवैधानिक मान्यता दी है। इसके दो उद्देश्य इस प्रकार प्रस्तुत किए जा सकते हैं।
- यह ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को इस योग्य बनाता है कि वे रोशनी, सफाई, प्राथमिक शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य आदि से संबंधित विषयों का स्वयं प्रबंधन करें।
- यह लोगों को धरातल पर लोकतांत्रिक व्यवस्था के संचालन का प्रशिक्षण देता है।
पंचायती राज के उद्देश्य (Aims of Panchayati Raj)
- प्रजातांत्रिक विकेंद्रीकरण (Democratic decentralization)
- स्वस्थ जनमत का निर्माण (Formation of healthy public opinion)
- नागरिक प्रशिक्षण (Citizenship training)
- जन सहभागिता (People’s participation)
- नेतृत्व का विकास (Development of leadership)
- ग्रामीण विकास (Rural development)
(1) प्रजातांत्रिक विकेंद्रीकरण (Democratic decentralization)—पंचायती राज का प्रमुख उद्देश्य प्रजा तान्त्रिक विकेन्द्रीकरण है। बी० आर० मेहता के अनुसार, ‘‘यह स्वीकार किया जाता है कि कोई भी प्रजातंत्र बिना विकेंद्रीकरण के सफल नहीं हो सकता है।’’ यह सत्ता का संसद से ग्राम पंचायत की ओर पलायन है। पंचायतें प्रजातांत्रिक परम्पराओं को ठोस आधार प्रदान करती हैं। महात्मा गांधी ने पंचायती राज अथवा प्रजातांत्रिक विकेंद्रीकरण पर आधारित रामराज्य की कल्पना की थी तथा यह व्यवस्था रामराज्य का ही प्रतीक मानी जाती है।
(3) नागरिक प्रशिक्षण (Citizenship training)—पंचायती राज जनता को शासन में सहभागिता के लिए अनिवार्य नागरिक प्रशिक्षण प्रदान करता है। यह प्रशिक्षण प्रजातंत्र की सफलता के लिए आवश्यक होता है। ग्राम पंचायतें अनेक प्रकार के कार्यक्रमों द्वारा नैतिकता, अनुशासन, स्वशासन आदि की शिक्षा देती है।
(4) जन सहभागिता (People’s participation)—सामाजिक समस्याओं एवं कुरीतियों के समाधान तथा ग्रामीण पुर्निनर्माण हेतु जन सहभागिता की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन का उद्देश्य ग्रामीण समुदायों की समस्याओं को ग्रामवासियों की सक्रिय सहभागिता से सुलझाना है।
(5) नेतृत्व का विकास (Development of leadership)—प्रजातंत्र में नेतृत्व का महत्त्वपूर्ण स्थान होता है। पंचायतें ग्रामीण स्तर पर नेतृत्व का विकास करने में सहायता देती हैं।
(6) ग्रामीण विकास (Rural development)—पंचायती राज की स्थापना का उद्देश्य ग्रामीण विकास करना है। कृषि एवं उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख आधार हैं तथा पंचायतें इन दोनों को विकसित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
- जिला परिषद के गठन एवं कार्यों का वर्णन करें।
- पंचायत समिति का गठन एवं कार्य बताइए।
- खंड विकास अधिकारी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- 73वें संविधान संशोधन में ग्राम पंचायत से संबंधित प्रावधान का वर्णन कीजिये।
- स्थानीय शासन और स्थानीय स्व-शासन में अन्तर बताइए।
- वार्ड समिति किस प्रकार गठित की जाती हैं?
- पंचायती राज की त्रिस्तरीय संरचना से क्या तात्पर्य है।
- ग्राम सभा तथा इसके कार्य पर टिप्पणी लिखिए।
- ग्राम पंचायत के कार्यों का वर्णन कीजिए।
- ग्राम पंचायत की आय के किन्हीं चार स्रोतों का वर्णन कीजिए।
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