मानसून विच्छेद किसे कहते हैं? इसके उत्तरदायी कारक बताइए: दक्षिणी-पश्चिमी मानसून काल में एक बार कुछ दिनों तक मानसूनी वर्षा होने के बाद एक या अधिक सप्ता
मानसून विच्छेद किसे कहते हैं? इसके उत्तरदायी कारक बताइए
मानूसन में विच्छेद: दक्षिणी-पश्चिमी मानसून काल में एक बार कुछ दिनों तक मानसूनी वर्षा होने के बाद एक या अधिक सप्ताहों तक यदि वर्षा न हो तो इसे मानसून का टूटना या विच्छेद कहा जाता है। दूसरे शब्दों में मानसून विच्छेदन, मानसून के दौरान होने वाली वर्षा में अचानक कमी या रुकने की स्थिति को कहते हैं। मानसून विच्छेदन के कारण कृषि, जल संसाधन, और अन्य क्षेत्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।दक्षिणी-पश्चिमी मानूसन में विच्छेद होने के लिए निम्नलिखित तीन कारक उत्तरदायी होते हैं-
- उत्तरी भारत के विशाल मैदान में मानसून का विच्छेद उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों की संख्या कम हो जाने से और अन्तः उष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र की स्थिति में बदलाव आने से होता है।
- पश्चिमी तट पर मानसून विच्छेद तब होता है जब आर्द्र पवनें तट के सामानांतर बहने लगें।
- राजस्थान में मानसून विच्छेद तब होता है जब वायुमंडल के निम्न स्तरों पर तापमान की विलोमता वर्षा करने वाली आर्द्र हवाओं को ऊपर उठने से रोक देती है।
- एल-निनो: एल-निनो एक मौसमी घटना है जो पूर्वी प्रशांत महासागर में होती है। इस दौरान, पूर्वी प्रशांत महासागर में समुद्र का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है। एल-निनो के दौरान, भारत में मानसून कमजोर होता है, जिससे मानसून विच्छेदन की संभावना बढ़ जाती है।
- चक्रवात: चक्रवात एक शक्तिशाली मौसमी घटना है जो भारत के तटीय क्षेत्रों में होती है। चक्रवात के कारण मानसून की पवनें विचलित हो सकती हैं, जिससे मानसून विच्छेदन हो सकता है।
- भू-तापीय कारक: भारत में मानसून की गतिविधि को प्रभावित करने वाले भू-तापीय कारकों में शामिल हैं:
- हिमालय: हिमालय पर्वत मानसून की पवनों को रोकते हैं, जिससे भारत में वर्षा होती है।
- अरब सागर: अरब सागर से आने वाली गर्म, आर्द्र हवाएं भारत में वर्षा करती हैं।
- भारतीय उपमहाद्वीप की स्थलाकृति: भारत की स्थलाकृति मानसून की पवनों के मार्ग को प्रभावित करती है।
मानसून विच्छेदन के प्रभावों को कम करने के लिए उपाय
जल संसाधनों का संरक्षण: मानसून विच्छेदन के दौरान जल संसाधनों का संरक्षण करना आवश्यक है। इसके लिए जल संचय, जल पुनर्भरण, और जल उपयोग दक्षता में सुधार जैसे उपाय किए जा सकते हैं।
फसलों की विविधता: मानसून विच्छेदन के कारण फसलों को नुकसान हो सकता है। फसलों की विविधता से मानसून विच्छेदन के प्रभावों को कम किया जा सकता है।
मौसम पूर्वानुमान: मानसून विच्छेदन की संभावना के बारे में मौसम पूर्वानुमान से किसानों को सतर्क किया जा सकता है। इससे किसानों को फसलों की तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सकता है।
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