ग्राम पंचायत के कार्यों का वर्णन कीजिए (Functions of Gram Panchayat in Hindi) ग्राम पंचायत के क्षेत्र का प्रशासन करना, ग्राम पंचायत के क्षेत्र में कान
ग्राम पंचायत के कार्यों का वर्णन कीजिए (Functions of Gram Panchayat in Hindi)
ग्राम पंचायतें भारत की स्थानीय सरकार की सबसे छोटी इकाई हैं। वे ग्रामीण क्षेत्रों में विकास और प्रशासन के लिए जिम्मेदार हैं। ग्राम पंचायतों का गठन विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति हेतु किया गया है। इन उद्देश्यों को पंचायतों द्वारा किए जाने वाले निम्नलिखित कार्यों द्वारा भी स्पष्ट किया जा सकता है—
ग्राम पंचायतों के कार्यों को निम्नलिखित दो भागों में विभाजित किया जा सकता है:
सामान्य कार्य: वे सभी कार्य जो सभी ग्राम पंचायतों के लिए समान हैं ग्राम पंचायतों के सामान्य कार्य कहलाते हैं।
- ग्राम पंचायत के क्षेत्र का प्रशासन करना।
- ग्राम पंचायत के क्षेत्र में कानूनों और नियमों को लागू करना।
- ग्राम पंचायत के क्षेत्र में सार्वजनिक सुविधाओं और सेवाओं को प्रदान करना।
- ग्राम पंचायत के क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना।
विशिष्ट कार्य: ग्राम पंचायतों के ऐसे कार्य जो स्थानीय जरूरतों और परिस्थितियों के आधार पर भिन्न होते हैं, ग्राम पंचायत के विशिष्ट कार्य कहलाते हैं:
- ग्राम पंचायत के क्षेत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को प्रदान करना।
- ग्राम पंचायत के क्षेत्र में कृषि और पशुपालन को बढ़ावा देना।
- ग्राम पंचायत के क्षेत्र में ग्रामीण विकास परियोजनाओं को लागू करना।
- ग्राम पंचायत के क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना।
ग्राम पंचायतों के अन्य महत्वपूर्ण कार्यों निम्नलिखित है:
(1) कृषि एवं कृषि का विस्तार:
- कृषि और बागवानी का विकास (Development) और प्रोन्नति (Promotion)।
- बंजर भूमि और चरागाह भूमि का विकास और उनके अनधिकृत संक्रमण और प्रयोग की रोकथाम करना।
(2) भूमि विकास, भूमि सुधार का कार्यान्वयन, चकबन्दी और भूमि संरक्षण :
- भूमि विकास, भूमि सुधार और भूमि संरक्षण में सरकार और अन्य एजेन्सियों की सहायता करना।
- भूमि चकबन्दी में सहायता करना।
(3) लघु सिंचाई, जल व्यवस्था और जल आच्छादन विकास:
- लघु सिंचाई परियोजनाओं से जल वितरण में प्रबन्ध और सहायता करना।
- लघु सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण, मरम्मत और अनुरक्षण, सिंचाई के उद्देश्य से जलापूर्ति का विनियमन।
(4) पशुपालन, दुग्ध उद्योग और कुक्कुट पालन:
- पालतू जानवरों, कुक्कुटों और अन्य पशुधनों की नस्लों का सुधार करना।
- दुग्ध उद्योग, कुक्कुट पालन, सूअर पालन इत्यादि की प्रोन्नति।
(5) मत्स्य पालन: गाँवों में मत्स्य पालन का विकास।
(6) सामाजिक और कृषि वानिकी:
- सड़कों और सार्वजनिक भूमि के किनारों पर वृक्षारोपण और परिरक्षण।
- सामाजिक व कृषि वानिकी और रेशम उत्पादन का विकास और प्रोन्नति।
(7) लघु वन उत्पाद: लघु वन उत्पादों की प्रोन्नति और विकास।
(8) लघु उद्योग:
- लघु उद्योगों के विकास में सहायता करना।
- स्थानीय व्यापारों की प्रोन्नति।
(9) कुटीर और ग्राम उद्योग:
- कृषि और वाणिज्यिक उद्योगों के विकास में सहायता करना।
- कुटीर उद्योगों की प्रोन्नति।
(10) ग्रामीण आवास:
- ग्रामीण आवास कार्यक्रमों का कार्यान्वयन।
- आवास स्थलों का वितरण और उनसे सम्बन्धित अभिलेखों का अनुरक्षण।
(11) पेय जल: पीने, कपड़ा धोने, स्नान करने के प्रयोजनों के लिए जल संभरण के लिए सार्वजनिक कुओं, तालाबों और पोखरों का निर्माण, मरम्मत और अनुरक्षण और पीने के प्रयोजन के लिए जल संभरण के स्रोतों का विनियमन।
(12) ईंधन और चारा भूमि:
- ईंधन और चारा भूमि से सम्बन्धित घास और पौधों का विकास।
- चारा भूमि के अनियमित अंतरण पर नियन्त्रण।
(13) सड़कें, पुलिया, पुलों, नौकाघाट, जलमार्ग और संचार के अन्य साधन:
- ग्राम की सड़कों, पुलियों, पुलों और नौकाघाटों का निर्माण और अनुरक्षण।
- जलमार्गों का अनुरक्षण।
- सार्वजनिक स्थानों पर से अतिक्रमण को हटाना।
(14) ग्रामीण विद्युतीकरण: सार्वजनिक मार्गों और अन्य स्थानों पर प्रकाश उपलब्ध कराना और अनुरक्षण करना।
(15) गैर-पारम्परिक ऊर्जा स्रोत: ग्राम में गैर-पारम्परिक ऊर्जा स्रोतों के कार्यक्रमों का विकास, प्रोन्नति और उनका अनुरक्षण।
(16) गरीबी उपशमन (Poverty alleviation) कार्यक्रम: गरीबी उपशमन कार्यक्रमों की प्रोन्नति और कार्यान्वयन।
(17) शिक्षा, जिसके अन्तर्गत प्रारम्भिक और माध्यमिक विद्यालय भी सम्मिलित हैं: शिक्षा के बारे में सार्वजनिक चेतना।
(18) तकनीकी प्रशिक्षण और व्यावसायिक शिक्षा: ग्रामीण कला और शिल्पकारी की प्रोन्नति।
(9) प्रौढ़ और अनौपचारिक शिक्षा: प्रौढ़ साक्षरता की प्रोन्नति।
(20) पुस्तकालय: पुस्तकालयों और वाचनालयों की स्थापना और अनुरक्षण।
(21) खेलकूद और सांस्कृतिक कार्य:
- सामाजिक और सांस्कृतिक क्रियाकलापों की प्रोन्नति।
- विभिन्न त्योहारों पर सांस्कृतिक संगोष्ठियों का आयोजन।
- खेलकूद के लिए ग्रामीण क्लबों की स्थापना और अनुरक्षण।
(22) बाजार और मेले: पंचायत क्षेत्रों में मेलों, बाजारों और हाटों का विनियमन।
(23) चिकित्सा और स्वच्छता:
- ग्रामीण स्वच्छता की प्रोन्नति।
- महामारियों के विरुद्ध रोकथाम।
- मनुष्य और पशु टीकाकरण के कार्यक्रम।
- छुट्टा पशुओं के विरुद्ध निवारक कार्यवाही।
- जन्म, मृत्यु और विवाह का रजिस्ट्रीकरण।
(24) परिवार कल्याण: परिवार कल्याण कार्यक्रमों की प्रोन्नति और क्रियान्वयन।
(25) आर्थिक विकास के लिए योजना: ग्राम पंचायत के क्षेत्र के र्आिथक विकास के लिए योजना तैयार करना।
(26) प्रसूति और बाल विकास:
- ग्राम पंचायत स्तर पर महिला एवं बाल विकास कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में भाग लेना।
- बाल स्वास्थ्य और पोषण कार्यक्रमों की प्रोन्नति।
(27) समाज कल्याण जिसके अन्तर्गत विकलांगों और मानसिक रूप से मन्द व्यक्तियों का कल्याण भी सम्मिलित है:
- वृद्धावस्था और विधवा पेंशन योजनाओं में सहायता करना।
- विकलांगों और मानसिक रूप से मन्द व्यक्तियों के कल्याण को सम्मिलित करते हुए समाज कल्याण कार्यक्रमों में भाग लेना।
(28) कमजोर वर्गों और विशिष्टतया अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का कल्याण:
- अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के लिए विशिष्ट कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में भाग लेना।
- सामाजिक न्याय के लिए योजनाओं की तैयारी और कार्यान्वयन।
- अत्यावश्यक वस्तुओं के वितरण के सम्बन्ध में सार्वजनिक चेतना की प्रोन्नति।
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली का अनुश्रवण (Monitoring)।
(30) सामुदायिक आस्तियों का अनुरक्षण: सामुदायिक आस्तियों (Assets) का परिरक्षण और अनुरक्षण।
- पंचायत क्षेत्र में स्थित किसी वन की व्यवस्था और अनुरक्षण,
- पंचायत क्षेत्र के भीतर स्थित सरकार की बंजर भूमि, चरागाह भूमि या खाली पड़ी भूमि की व्यवस्था
- किसी कर या भू-राजस्व का संग्रह और सम्बन्धित अभिलेखों का अनुरक्षण।
- जिला परिषद के गठन एवं कार्यों का वर्णन करें।
- पंचायत समिति का गठन एवं कार्य बताइए।
- खंड विकास अधिकारी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- 73वें संविधान संशोधन में ग्राम पंचायत से संबंधित प्रावधान का वर्णन कीजिये।
- स्थानीय शासन और स्थानीय स्व-शासन में अन्तर बताइए।
- वार्ड समिति किस प्रकार गठित की जाती हैं?
- पंचायती राज की त्रिस्तरीय संरचना से क्या तात्पर्य है।
- ग्राम सभा तथा इसके कार्य पर टिप्पणी लिखिए।
- पंचायती राज के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
- ग्राम पंचायत की आय के किन्हीं चार स्रोतों का वर्णन कीजिए।
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