हिमालय और प्रायद्वीपीय पठार में अंतर: हिमालय क्षेत्र भारत के उत्तरी भाग में स्थित है, जबकि प्रायद्वीपीय पठार भारत के दक्षिणी भाग में स्थित है। दोनों क
हिमालय और प्रायद्वीपीय पठार भारत के दो प्रमुख भौगोलिक क्षेत्र हैं। हिमालय क्षेत्र भारत के उत्तरी भाग में स्थित है, जबकि प्रायद्वीपीय पठार भारत के दक्षिणी भाग में स्थित है। दोनों क्षेत्रों के बीच कई महत्वपूर्ण अंतर हैं।
हिमालय और प्रायद्वीपीय पठार में अंतर | Difference between Himalayan Region and Peninsular Plateau in Hindi
हिमालय | प्रायद्वीपीय पठार |
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हिमालय अपेक्षाकृत नवीन वलित पर्वत है। जिसका निर्माण तलछटी शैलों से हुआ है। | प्रायद्वीप पठार भारतीय उप महाद्वीप का अपेक्षाकृत पुराना भाग है। जिसका निर्माण कठोर आग्नेय तथा कायान्तरित शैलों से हुआ है। |
हिमालय क्षेत्र भारत के उत्तरी भाग में स्थित है। यह तिब्बत के पठार से लेकर हिंद महासागर तक फैला हुआ है। | प्रायद्वीपीय पठार भारत के दक्षिणी भाग में स्थित है। यह तीन ओर से समुद्र से घिरा हुआ है। |
हिमालय क्षेत्र का निर्माण टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने से हुआ था। यह दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला है। | प्रायद्वीपीय पठार का निर्माण गोंडवाना महाद्वीप के टूटने से हुआ था। यह एक प्राचीन पठार है। |
हिमालय क्षेत्र की औसत ऊंचाई 5,000 मीटर से अधिक है। इस क्षेत्र में कई हिमनद और ग्लेशियर हैं। | प्रायद्वीपीय पठार की औसत ऊंचाई 600 से 1,000 मीटर है। इस क्षेत्र में कई पहाड़ी श्रृंखलाएं और घाटियां हैं। |
हिमालय क्षेत्र की जलवायु ठंडी और शुष्क है। इस क्षेत्र में बर्फबारी भी होती है। | प्रायद्वीपीय पठार की जलवायु भिन्न होती है। इस क्षेत्र में गर्मियों में गर्मी और सर्दियों में ठंड पड़ती है। |
हिमालय क्षेत्र में देवदार, चीड़, ओक और अन्य वृक्षों के जंगल हैं। इस क्षेत्र में हिम तेंदुआ, भालू, हिरण और अन्य जानवर पाए जाते हैं। | प्रायद्वीपीय पठार में घास के मैदान, जंगल और अन्य आवास हैं। इस क्षेत्र में शेर, बाघ, हाथी और अन्य जानवर पाए जाते हैं। |
हिमालय को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा गया है: महान हिमालय, मध्य हिमालय, शिवालिक। | प्रायद्वीपीय पठार के दो भाग हैं: मालवा का पठार तथा दक्कन का पठार। |
हिमालय से निकलने वाली नदियां बर्फीले पर्वतों से निकलने के कारण सारा साल बहती हैं। | प्रायद्वीपीय पठार की नदियां बरसाती नदियां हैं। शुष्क ऋतु में इनमें पानी का अभाव हो जाता है। |
सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र, झेलम नदी तथा चिनाब नदी आदि हिमालयी क्षेत्र से निकलने वाली प्रमुख नदियाँ हैं। | नर्मदा, तापी, कावेरी, कृष्णा, गोदावरी, महानदी, पेरियार आदि प्रायद्वीपीय पठार से निकलने वाली नदियाँ हैं। |
हिमालय क्षेत्र के प्रमुख शिखर हैं: माउंट एवरेस्ट, के2, कांचनजंघा, लहोत्से, मकालू, गौरीशंकर और धौलागिरी आदि। | प्रायद्वीप पठार के प्रमुख शिखर हैं: अनाईमुडी, डोडाबेटा, महेंद्रगिरि, मालाविरुम्बुम और उदगमंडल आदि। |
हिमालय क्षेत्र का आर्थिक महत्व जलविद्युत उत्पादन, पर्यटन और अन्य उद्योगों के लिए है। | प्रायद्वीपीय पठार का आर्थिक महत्व कृषि, उद्योग और अन्य क्षेत्रों के लिए है। |
हिमालय क्षेत्र में कम आबादी है। इस क्षेत्र में रहने वाले लोग ज्यादातर कृषि और पशुपालन से जुड़े हैं। | प्रायद्वीपीय पठार में अधिक आबादी है। इस क्षेत्र में रहने वाले लोग विभिन्न प्रकार के व्यवसायों में लगे हुए हैं। |
हिमालय क्षेत्र: हिमालय क्षेत्र एशिया का एक विशाल पर्वतीय क्षेत्र है। हिमालय क्षेत्र की रचना तब हुई जब भारतीय प्लेट यूरेशियाई प्लेट से टकरा गई। इस टक्कर से हिमालय क्षेत्र की ऊँची-ऊँची पर्वत श्रृंखलाएँ बन गईं। यह क्षेत्र भारत, नेपाल, भूटान, चीन और पाकिस्तान के क्षेत्रों में फैला हुआ है। हिमालय की लंबाई लगभग 2,400 किलोमीटर और चौड़ाई लगभग 200 किलोमीटर है। हिमालय में 100 से अधिक शिखर हैं जो 8,000 मीटर से अधिक ऊँचे हैं।
प्रायद्वीप पठार: प्रायद्वीप पठार भारत के दक्षिणी भाग में स्थित है। यह एक त्रिभुजाकार पठार है जिसकी लंबाई लगभग 1500 किलोमीटर और चौड़ाई लगभग 1000 किलोमीटर है। इस पठार की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 600 से 1000 मीटर तक है। प्रायद्वीपीय पठार की रचना लगभग 500 मिलियन वर्ष पहले हुई थी। इस क्षेत्र की रचना गोंडवाना महाद्वीप के टूटने से हुई थी। गोंडवाना महाद्वीप एक विशाल महाद्वीप था जो आज के भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और अंटार्कटिका के क्षेत्रों में फैला हुआ था।
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