74वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 का वर्णन कीजिये: नगरीय स्थानीय संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने के लिए दिसंबर, 1991 में 74वां संविधान संशोधन
74वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 का वर्णन कीजिये
नगरीय स्थानीय संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने के लिए दिसंबर, 1991 में 74वां संविधान संशोधन पेश किया गया जिसे दिसंबर, 1992 में संसद द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गई। अप्रैल, 1993 तक आधे से अधिक राज्यों द्वारा अनुमोदन कर दिए जाने के बाद अप्रैल, 1993 में ही राष्ट्रपति ने 74वें संविधान संशोधन विधेयक पर अपने हस्ताक्षर कर दिए और इसी के साथ ही इस विधेयक ने अधिनियम का रूप ले लिया। अप्रैल, 1994 से यह पूरे देश में लागू हो गया। 73वें संविधान संशोधन द्वारा संविधान में एक नया अध्याय 9 (क) जोड़ा गया जिसमें कुल 18 अनुच्छेद हैं और एक नई अनुसूची 12वीं जोड़ी गई। 12वीं अनुसूची में उन विषयों का उल्लेख किया गया जिनके संदर्भ में नगरपालिकाएं कानून बनाकर अपने नागरिकों का जीवन सुखी बना सकती है।
74वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के प्रमुख प्रावधान निम्नवत् हैं-
• अनुच्छेद-243 (क) राज्य में स्वतंत्र संस्थाओं का गठन किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र से नगरीय क्षेत्र में संक्रमणगत क्षेत्र के लिए नगर पंचायत चाहे जो नाम दे तथा लघुत्तर क्षेत्र के लिए नगरपालिका परिषद् और किसी बृहत्तर नगरीय क्षेत्र के लिए नगर निगम का गठन किया जाएगा।
• अनुच्छेद-243 (द) में नगरपालिकाओं के संरचना संबंधी प्रावधान निहित हैं। अनुच्छेद-243 (द) के खंड 2 के अतिरिक्त किसी नगरपालिका में सभी नगरपालिका क्षेत्र को प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजित किया जाएगा जिसको वार्ड की संज्ञा दी गई है।
• अनुच्छेद-243 में नगरपालिकाओं में अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इस प्रकार आरक्षित स्थानों की संख्या का अनुपात यथासाध्य नगरपालिका में प्रत्यक्ष निर्वाचन से भरे जाने वाले कुल संख्या के अनुपात में होगा जो उस क्षेत्र में ऐसे वर्गों के सदस्यों की जनसंख्या के अनुपात में होगा तथा ऐसे स्थानों के निर्वाचन क्षेत्रों को नगरपालिकाओं के विभिन्न निर्वाचन में चक्रानुक्रम से आवंटित किया जाएगा। आरक्षित सीटों की संख्या समग्र सीटों की 1/3 होगी।
• प्रत्येक नगरपालिका के प्रत्यक्ष निर्वाचन के माध्यम से भरे जाने वाले स्थानों की कुल संख्या 1/3 स्थान ( जिसके अंतर्गत अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की स्त्रियों के लिए आरक्षित स्थानों की संख्या भी सम्मिलित है) स्त्रियों के लिए आरक्षित किए जाएंगे और ऐसे स्थान नगरपालिका के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में चक्रानुक्रम से आवंटित किए जाएंगे।
• अनुच्छेद 243 ( झ ) के अंतर्गत यह प्रावधान किया गया है कि 74वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के लागू होने के 1 वर्ष के अंदर तथा प्रत्येक 5 वर्ष बाद एक वित्त आयोग का गठन किया जाएगा जो नगरपालिकाओं की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करेगा तथा इस संबंध में राज्यपाल को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा ।
• अनुच्छेद 243 ब में यह प्रावधानित है कि संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए किसी राज्य की विधानसभा विधि बनाकर नगरपालिकाओं को ऐसी शक्तियां और अधिकार प्रदान कर सकती है जो वह उनको स्वायत्त शासन की संस्थाओं के रूप में कार्य करने योग्य बनाने के लिए आवश्यक समझें।
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