निश्चयवाद और संभववाद में अंतर: निश्चयवाद के अनुसार प्रकृति एक सक्रिय कारक है और मनुष्य आश्रित। प्रकृति ही मानव को निर्देशित करती है। संभववाद मानता है
निश्चयवाद और संभववाद में अंतर - Sambhav vad aur Nishchay vad mein Antar
निश्चयवाद और संभववाद में अंतर: निश्चयवाद के अनुसार प्रकृति एक सक्रिय कारक है और मनुष्य आश्रित। प्रकृति ही मानव को निर्देशित करती है। संभववाद मानता है कि प्रकृति एक निष्क्रिय कारक है, जबकि मानव एक सक्रिय कारक है। मनुष्य अपने अस्तित्व के लिए निष्क्रिय प्रकृति को ही संशोधित करता रहता है।
निश्चयवाद और संभववाद में अंतर
निश्चयवाद | संभववाद |
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निश्चयवाद की विचारधारा के अनुसार मनुष्य के प्रत्येक क्रियाकलाप को पर्यावरण से नियन्त्रित माना जाता है। | संभववाद की विचारधारा के अनुसार मनुष्य अपने पर्यावरण में परिवर्तन करने में समर्थ है तथा वह प्रकृतिदत्त अनेक सम्भावनाओं का अपने लाभ के लिए इच्छानुसार उपयोग कर सकता है। |
निश्चयवादी सामान्यतः मानव को एक निष्क्रिय कारक समझते हैं, जो पर्यावरणीय कारकों से प्रभावित होता है। | संभववादी सामान्यतः प्रकृति की तुलना में मनुष्य को महत्त्वपूर्ण स्थान देते हैं और उसे सक्रिय शक्ति के रूप में देखते हैं। |
निश्चयवादी विचारधारा को मानने वाले मानव के आचरण, निर्णय क्षमता, कार्यकुशलता तथा जीवन पद्धति आदि को भी पर्यावरण के भौतिक कारकों द्वारा प्रभावित मानते हैं। | संभववादी विचारधारा के अनुसार निश्चयवाद का यह सिद्धान्त कि मनुष्य प्रकृति का दास है, अस्वीकृत कर दिया गया। |
निश्चयवादी विचारधारा के अनुसार प्राकृतिक पर्यावरण सर्वप्रमुख है जो मानव के समस्त क्रियाकलापों को नियन्त्रित करता है । | संभववादी विचारधारा के अनुसार इस बात पर बल दिया गया है कि मनुष्य प्रकृति के तत्त्वों को अपने लाभ के लिए चुनने के लिए स्वतन्त्र होता है और इस दृष्टि से मनुष्य को उसके भौतिक पर्यावरण की अपेक्षा महत्त्वपूर्ण स्थान दिया जाता है। |
हिप्पोक्रेट्स, अरस्तू, हेरोडोटस, स्ट्रैबो आदि रोम और यूनानी विद्वानों ने निश्चयवाद का समर्थन किया। रैटजेल, रिटर, हम्बोल्ट, काण्ट आदि ने भी इसी विचारधारा का समर्थन किया। | लूसियन फैब्रे, पॉल विडाल डी-ला ब्लाश आदि ने व्यवस्थित तरीके से संभववादी विचारधारा का प्रसार-प्रचार किया। |
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