बांगर और खादर में अंतर - Difference between Bhangar and Khadar in Hindi: उत्तरी भारत के पुरातन जलोढ़ को बांगर कहते हैं जबकि खादर उस भू-भाग को कहा जाता
बांगर और खादर में अंतर - Difference between Bhangar and Khadar in Hindi
बांगर प्रदेश: ये पुरानी जलोढ़ मिट्टी वाले भू-भाग है। इस प्रकार की जलोढ़ मिट्टी के लगातार एकत्रित होने पर छज्जे जैसी संरचना बन जाती है जो बढ़ प्रभावी मैदान के स्तर जितनी ऊपर उठ जाती है। कंकरों के संरक्षण के कारण यह प्रदेश कम उपजाऊ होता है।
खादर प्रदेश: खादर उस भू-भाग को कहा जाता है, जहाँ प्रतिवर्ष नदियों की बाढ़ का पानी पहुँचता रहता है। इस भाग की मिट्टी सदैव नवीन होती रहती है। मिट्टी की इस नवीनता के कारण भूमि की उपजाऊ शक्ति निरंतर बनी रहती है। खादर के भू-भाग की यह विशेषता है की यहाँ मिट्टी सदैव पोषक तत्वों से भरपूर रहती है।
बांगर और खादर में अंतर
बांगर मिट्टी | खादर मिट्टी |
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उत्तरी भारत के पुरातन जलोढ़ को बांगर कहते हैं। | बाढ़ के मैदानों के नवीन और युवा जलोढ़ को खादर कहते हैं। |
बांगर मिट्टी कम उपजाऊ होती है तथा खेती के लिए आदर्श नहीं है। | खादर मिट्टी अधिक उपजाऊ होती है तथा खेती के लिए आदर्श मानी गयी है। |
ये नदियों के बाढ़ वाले मैदान के ऊपर स्थित हैं जहाँ बाढ़ का पानी नहीं पहुँच पता है। | इन क्षेत्रों में बाढ़ के समय नदी का पानी सम्पूर्ण क्षेत्र में फ़ैल जाता है तथा नई जलोढ़ परत जम जाती है। |
इनका प्रतिवर्ष पुनर्निर्माण नहीं होता है। | इनका प्रत्येक वर्ष पुनर्निर्माण होता है। |
बांगर प्रदेशों में अपरदन के कारण मुलायम मिट्टी की जगह कंकरीली मिट्टी की प्रधानता मिलती है। | खादर प्रदेशों में मुलायम मिट्टी प्रतिवर्ष परत जमती रहती है। |
यह प्रदेश मुख्यतः उत्तर-प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी भाग व उत्तराखंड में अधिक मिलता है। | खादर प्रदेश का विस्तार मुख्यतः उत्तरप्रदेश, झारखण्ड, बिहार व पश्चित बंगाल राज्यों में अधिक मिलता है। |
बांगर मिट्टी में कंकड़ होते हैं तथा इसमें कैल्सियम कार्बोनेट पाया जाता है। | खादर मिट्टी प्रायः चिकनी होती है तथा इसमें कैल्शियम का अभाव होता है। |
यह मृदा नदी के बेसिन से दूर पाई जाती है। | यह मृदा नदी के बेसिन के पास पाई जाती है। |
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