अधिकार अंतरण और विकेंद्रीकरण में अंतर: अधिकारों के अन्तरण से तात्पर्य एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति का अधिकार व दायित्व सौंपने से है ।
अधिकार अंतरण और विकेंद्रीकरण में अंतर स्पष्ट कीजिये
अधिकार अंतरण: ऐसी गतिविधि जिसके द्वारा दूसरों को कार्य के किसी हिस्से की जिम्मेदारी और अधिकार सौंपे जाते हैं और इस तरह उन्हें कार्य के लिए जवाबदेह बनाया जाता है, उसे अंतरण कहा जाता है। अंतरण के तीन तत्त्व होते है:- (1) उत्तरदायित्व को सौंपना, (2) अधिकार सौंपना और (3 जवाबदेही निर्धारित करना।
विकेंद्रीकरण: विकेंद्रीकरण का अर्थ उन क्रमबद्ध प्रयत्नों से है जिनके द्वारा प्रबंधन के सभी स्तरों और समस्त विभाग में अधिकार अंतरण होता है। इससे योजनाबद्ध तरीके से निर्णय लेने के अधिकारों को निचले स्तरों को निचले स्तर तक पहुँचाया जा सकता है।
अधिकार अंतरण और विकेंद्रीकरण में अंतर
अंतर का आधार | अधिकारों का अंतरण | विकेंद्रीकरण |
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अर्थ | अंतरण जिम्मेदारियों और अधिकारों को सौंपकर जवाब देही सुनिश्चित करने की प्रक्रिया है। | विकेंद्रीकरण एक योजनाबद्ध प्रतिनिधित्व का परिणाम है। |
प्रकृति | अधिकार अंतरण आवश्यक कार्य है; क्योंकि कोई भी व्यक्ति सभी कार्य स्वयं अकेला नहीं कर सकता है। | विकेंद्रीकरण एक ऐच्छिक नीति निर्धारण है। यह शीघ्र प्रबन्धक के विवेकानुसार किया जाता है। |
उद्देश्य | अधिकार अंतरण का उपयोग प्रबन्धक या उच्च प्रबन्ध का भार करने के लिए होता है। | विकेंद्रीकरण का उपयोग अधीनस्थों का संगठन में भूमिका में वृद्धि करने के लिए उन्हें अधिक स्वायत्तता देकर किया जाता है। |
स्थिति | अधिकार अंतरण एक प्रक्रिया है जिसका कार्य- विभाजन में अनुसरण किया जाता है। | विकेंद्रीकरण शीर्ष प्रबन्धकों द्वारा निर्धारित नीतियों का परिणाम है। |
क्षेत्र | अधिकार अंतरण का क्षेत्र सीमित होता है; क्योंकि इसकी सीमा उच्चाधिकारियों तथा उनके अधीनस्थों तक ही सीमित होती है। | विकेंद्रीकरण का क्षेत्र विस्तृत होता है; क्योंकि इसमें अधिकारों का अंतरण निम्नतम स्तर तक बढ़ाया जाता है। |
कार्य की स्वतन्त्रता | अधिकार अंतरण में उच्चाधिकारियों का अधिक नियन्त्रण होता है। अतः अपने निर्णय लेने की स्वतन्त्रता कम ही होती है। | विकेंद्रीकरण में कार्यकारी प्रबन्धकों पर नियन्त्रण कम होता है, अतः कार्य करने की स्वतन्त्रता अधिक होती है। |
समरूपता | अधिकारों के अंतरण की नीतियों में समरूपता का पाया जाना आवश्यक नहीं है। | विकेंद्रीकरण में समरूपता होती है। |
लक्षण | अधिकारों का अंतरण एक प्रक्रिया है। | विकेंद्रीकरण अधिकार अंतरण से कुछ अधिक है। |
प्रक्रिया का अन्त | अधिकार अंतरण में एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को अधिकार सौंपने के बाद प्रक्रिया का अन्त हो जाता है। | विकेंद्रीकरण में प्रक्रिया का अंत सम्पूर्ण कार्य को सभी व्यक्तियों के बीच बांटने पर ही होता है। |
अनिवार्यता | अधिकारों का अंतरण व्यवसाय के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए किया जाता है। | संस्था के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए विकेंद्रीकरण किया जाना अनिवार्य नहीं है। |
क्रिया | अधिकरण अंतरण एक सामरिक क्रिया है। | विकेंद्रीकरण एक व्यूह-रचनात्मक क्रिया है। |
नियंत्रण की मात्रा | अधिकारों के अंतरण में नियन्त्रण की मात्रा यथावत् रहती है। | विकेंद्रीकरण में नियन्त्रण की मात्रा उच्च स्तर पर कम हो जाती है। |
आवश्यकता | अधिकार अंतरण से काम की गति बढ़ जाती है और यह हर संगठन में आवश्यक है। | विकेंद्रीकरण वैकल्पिक होता है और आमतौर पर इसका चलन बड़े स्तर के संगठनों में देखा जाता है। |
अंतिम अधिकार | अधिकार अंतरण के मामले में अंतरिणियों को जो जिम्मेदारी और अधिकार दिये जाते हैं। उन्हें अधिकार प्रदान करने वाला अधिकारी वापस भी ले सकता है। | विकेन्द्रीकरण के मामले में ऐसा करना आसान नहीं होता है। |
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