परंपरावादी सिद्धांत और कीन्स का सिद्धांत में अंतर: परंपरावादी सिद्धांत दीर्घकालीन मान्यता पर पर आधारित है जबकि कीन्स का सिद्धांत अल्पकालीन मान्यता पर
परंपरावादी सिद्धांत और कीन्स का सिद्धांत में अंतर
परंपरावादी सिद्धांत और कीन्स का सिद्धांत में अंतर: परंपरावादी सिद्धांत दीर्घकालीन मान्यता पर पर आधारित है जबकि कीन्स का सिद्धांत अल्पकालीन मान्यता पर आधारित है। परंपरावादी सिद्धांत जे .बी से के बाजार नियम की मान्यताओं पर आधारित है जबकि कीन्स का सिद्धांत उपभोग के मनोवैज्ञानिक नियम पर आधारित है ।
परंपरावादी सिद्धांत और कीन्स का सिद्धांत में अंतर
परंपरावादी सिद्धांत | कीन्स का सिद्धांत |
---|---|
परंपरावादी सिद्धांत के अनुसार आय तथा रोजगार का निर्धारण पूर्ण - रोजगार स्तर पर होता है । | कीन्स के सिद्धांत के अनुसार आय तथा रोजगार का निर्धारण उस बिन्दु पर होगा, जहाँ पर समग्र माँग समग्र पूर्ति के बराबर होती है । इसके लिए पूर्ण - रोजगार स्तर का होना जरूरी है। |
परंपरावादी सिद्धांत के अनुसार पूर्ण रोजगार पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की एक सामान्य स्थिति है। | अपूर्ण-रोजगार सन्तुलन की एक सामान्य स्थिति है। पूर्ण रोजगार की स्थिति तो एक आदर्श स्थिति है । |
कीमत मजदूरी नम्यता के कारण पूर्ण रोजगार की स्थिति पायी जाती है। | कीमत मजदूरी अनम्यता के कारण आपूर्ति पूर्णत: लोचशील होती है और अर्थव्यवस्था अपूर्ण रोजगार स्तर से पूर्ण रोजगार स्तर की ओर बढ़ सकती है। |
समग्र पूर्ति कीमत के प्रति पूर्णत: लोचहीन होती है। | समग्र पूर्ति कीमत के प्रति पूर्णतः लोचशील होती है |
परंपरावादी सिद्धांत जे .बी से के बाजार नियम की मान्यताओं पर आधारित है। | कीन्स का सिद्धांत उपभोग के मनोवैज्ञानिक नियम पर आधारित है । |
इस सिद्धांत में प्रतिबन्धात्मक / स्वैच्छिक बेरोजगारी हो सकती है। | कीन्स के सिद्धांत में अभावी माँग के कारण बेरोजगारी की अवस्था हो सकती है। |
परंपरावादी सिद्धांत के अनुसार पूंजीवादी अर्थव्यवस्था कीमत - तंत्र द्वारा संचालित होती है आर्थिक शक्तियों की स्वतंत्र क्रियाशीलता अर्थव्यवस्था में संतुलन स्थापित कर देती है। | कीन्स ने आर्थिक क्रियाओं में सरकारी हस्ताक्षेप का समर्थन किया क्योंकि इनका मानना था कि कुल माँग और कुल पूर्ति में स्वत: समायोजन नहीं होता। इसके लिए सरकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता पड़ती है। |
यह सिद्धांत दीर्घकालीन मान्यता पर पर आधारित है। | कीन्स का सिद्धांत अल्पकालीन मान्यता पर आधारित है। |
परंपरावादी अर्थशास्त्रियों के अनुसार अर्थव्यवस्था में सामान्य अति-उत्पादन तथा सामान्य बेरोजगारी की कोई संभावना नहीं हो सकती । | सामान्य अति उत्पादन तथा सामान्य बेरोजगारी संभव है। |
COMMENTS