आदर्शवाद का अर्थ और परिभाषा (Meaning and Definition of Idealism in Hindi) आदर्शवाद, जिसे हम अंग्रेजी में (Idealism) कहते हैं, दो शब्दों से मिलकर बना ह
आदर्शवाद का अर्थ और परिभाषा (Meaning and Definition of Idealism in Hindi)
आदर्शवाद का अर्थ: आदर्शवाद, जिसे हम अंग्रेजी में (Idealism) कहते हैं, दो शब्दों से मिलकर बना है- Ideal+ism लेकिन कुछ विचारक यह मानते हैं कि इसमें दो शब्द है - Idea+ism इसमें l सुविधा के लिए जोड़ दिया गया है। वास्तव में यदि देखा जाये तो इसे Idea या विचार से ही उत्पन्न होना माना जाना चाहिए। चूंकि इसके प्रवर्तक दार्शनिक विचार की निरन्तर सत्ता में विश्वास करते हैं, इस कारण इसे विचारधारा के प्रत्ययवाद की संज्ञा दी जाती है। परन्तु प्रचलन में हम आदर्शवाद का प्रयोग ही करते हैं। यह दर्शन वस्तु की अपेक्षा विचारों, भावों तथा आदर्शों को महत्व देते हुए यह स्वीकार करता है कि जीवन का लक्ष्य आध्यात्मिक मूल्यों की प्राप्ति तथा आत्मा का विकास है। इसी कारण यह आध्यात्मिक जगत को उत्कृष्ट मानता है और उसे ही सत्य व यथार्थ के रूप में स्वीकार करता है।
आदर्शवाद की परिभाषाएं Definition of Idealism in Hindi
रॉस (Ross) के अनुसार - “आदर्शवादियों के अनेक रूप हैं, किन्तु सबका सार यह है कि मन या आत्मा ही इस जगत का पदार्थ है और मानसिक स्वरूप सत्य है।” (Idealism Philosophy takes many and varied from, but the postulate underlying all is that mind or sprit is essential word stuff that the true reality is of a Mental character)
ब्रूवेकर (Brubacher) “आदर्शवादियों के अनुसार- इस जगत को समझने के लिए मन केन्द्रीय बिन्दु है। इस जगत को समझने हेतु मन की क्रियाशीलता से बढ़कर उनके लिए अन्य कोई वास्तविकता नहीं है।” (The Idealism point out that It is mind that is central in understanding the world. To them nothing gives greater sense of reality then the activity of mind lugged in typing to comprehended its words.
हैण्डरसन (Handerson) के अनुसार - “आदर्शवाद मनुष्य के आध्यात्मिक पक्ष पर बल देता है, क्योंकि आदर्शवादियों के लिए आध्यात्मिक मूल्य जीवन के तथा मनुष्य के सर्वाधिक महत्वपूर्ण पहलू है। एक तत्वज्ञानी आदर्शवादी का विश्वास है कि मनुष्य का सीमित मन असीमित मन से पैदा होता है। व्यक्ति और जगत दोनों बुद्धि की अभिव्यक्ति है और भौतिक जगत की व्याख्या मन से की जा सकती है।”
डी.एम.दत्ता के अनुसार - “आदर्शवाद वह सिद्धान्त है जो अन्तिम सत्ता आध्यात्मिकता को मानता है।”
राजन के अनुसार - “आदर्शवादियों का विश्वास है कि ब्रह्माण्ड की अपनी बुद्धि एवं इच्छा है और सब भौतिक वस्तुओं को उनके पीछे विद्यमान मन द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है।”
आदर्शवाद की प्रक्रिया (Process of Idealism in Hindi)
आदर्शवाद जीवन की एक प्राचीन विचारधारा है। आज भी इस बात का पर्याप्त सम्मान है। जीवन दर्शन के रूप में इसने विश्व के उच्च कोटि के दार्शनिकों को आकृष्ट किया है।
आदर्शवाद विकास में विश्वास करता है, किन्तु उसका विकासवाद प्रकृतिवादी विकासवाद से भिन्न है। आदर्शवाद के अनुसार विकास का अन्तिम लक्ष्य आत्मा की प्राप्ति ही है न कि निचले स्तर से ऊंचे स्तर के प्राणी में विकास करना। आदर्शवाद के अनुसार पदार्थ अन्तिम सत्य नहीं है। पदार्थ प्रत्यय वास्तविक है, पदार्थ का भौतिक रूप असत्य है। भौतिक जगत नश्वर है, परिवर्तनशील है। सत्य को स्थायी एवं अपरिवर्तनशील होना चाहिए। अतः सत्य विचारात्मक एवं मानसिक है, क्योंकि विचार एवं प्रत्यय में स्थायित्व होता है। इस आधार पर शरीर नश्वर है, अतः असत्य है, आत्मा अनश्वर सत्य है। अंतिम सत्य का ज्ञान ही वास्तविक ज्ञान है, शेष तो अज्ञान अथवा ज्ञानाभास है। यह ज्ञान तर्कजन्य है, चिन्तन एवं मनन तथा अंतदृष्टि का परिणाम है। यह इन्द्रियों का विषय नहीं है। आदर्शवाद अनेकता में एकता का दर्शन करता है । सत्य मानसिक है। सृष्टि के अनेक रूपों में उस एक चरम सत्य को देखना ही अनेकता में एकता का दर्शन करना है।
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