औद्योगिक उत्पादन में सूक्ष्मजीवों की भूमिका का वर्णन कीजिये। (1) वाइन, बीयर तथा अन्य किण्वित ऐल्कोहॉलीय पेय पदार्थों का औद्योगिक उत्पादन में साइट्रि
औद्योगिक उत्पादन में सूक्ष्मजीवों की भूमिका का वर्णन कीजिये।
औद्योगिक उत्पादन में सूक्ष्मजीवों की भूमिका
- वाइन, बीयर तथा अन्य किण्वित ऐल्कोहॉलीय पेय पदार्थों का औद्योगिक उत्पादन में
- साइट्रिक ऐसिड (Citric Acid) के उत्पादन में
- ग्लूकोनिक व गेलिक ऐसिड के उत्पादन में
- सिरका व ऐसीटिक ऐसिड के उत्पादन में
- ऐल्कोहॉल व ऐसीटोन के उत्पादन में
- चाय व तम्बाकू की पत्तियों को पकाना
- जूट व पटसन बनाने में
- बेकरी उद्योग के विभिन्न उत्पाद बनाने में
- पनीर उद्योग में
(1) वाइन, बीयर तथा अन्य किण्वित ऐल्कोहॉलीय पेय पदार्थों का औद्योगिक उत्पादन (Industrial Production of Beer, Wine and Alcohols) : वाइन, बीयर, व्हिस्की, रम व वोडका आदि ऐल्कोहॉलीय पेय यीस्ट कोशिकाओं द्वारा तैयार किये जाते हैं। अंगूर के रस के सकेरोमाइसीज सेरेविसी ( Saccharomyces cerevisiae) तथा सैकेरोमाइसीज एलिप्सोइडियस (Saccharom- yces ellipsodideus) द्वारा किण्वन से वाइन बनती है। माल्ट या जौ रस से बीयर तैयार की जाती है। ब्यूटाइल ऐल्कोहॉल (butyl alcohol) तथा ऐसीटोन आदि बैक्टीरिया द्वारा किण्वन से निर्मित होते हैं।
(2) साइट्रिक ऐसिड (Citric Acid): यह मोल्ड (moulds) द्वारा किण्वन से बनता है । Penicillium शर्करा से साइट्रिक ऐसिड बनाता है। साइट्रिक ऐसिड साइट्रेट्स व पेय पदार्थों के निर्माण में काम आता है ।
(3) ग्लूकोनिक व गेलिक ऐसिड (Gluconic Acid and Gallic Acid): Aspergillus niger शर्करा से ग्लूकोनिक ऐसिड बनाता है। Calcium gluconate गाय में Cow fever के निदान में उपयोगी होता है । गेलिक अम्ल Aspergillus galomyces द्वारा निर्मित होता है। फ्यूमेरिक ऐसिड, सक्सीनिक ऐसिड तथा ऑक्लेजिक ऐसिड Aspergillus terreus द्वारा निर्मित होते हैं।
(4) सिरका व ऐसीटिक ऐसिड (Vinegar and Acetic Acid): Mycoderma aceti या ऐसीटोबैक्टर ऐसीटी (Acetobacter aceti) नामक बैक्टीरिया द्वारा शर्करा के घोल का किण्वन करके सिरका व ऐसीटिक ऐसिड बनाये जाते हैं ।
(5) ऐल्कोहॉल व ऐसीटोन (Alcohol and Acetone): शर्करा के घोल से ब्यूटाइन ऐल्कोहॉल व ऐसीटोन बनाने के लिए क्लॉस्ट्रिडियम ऐसीटोब्यूटाइलिकम ( Clostridium acetobutylicum) जीवाणु का प्रयोग किया जाता है।
(6) चाय व तम्बाकू की पत्तियों को पकाना (Curing of Tobacco and Tea): कुछ बैक्टीरिया चाय व तम्बाकू की पत्तियों पर किण्वन करके उनमें विशेष प्रकार की सुगन्ध व स्वाद उत्पन्न करते हैं। इसी प्रकार कॉफी व कोको के उत्पाद की विधि भी बैक्टीरिया काम में लाये जाते हैं। कोको में चॉकलेट का स्वाद बैक्टीरिया की किण्वन क्रिया के कारण होता है।
(7) जूट व पटसन बनाना (Retting of Hemp): पटुआ या जूट के पौधों में रेशों को अलग करने के लिए इन्हें पानी के हौज में रख दिया जाता है। बैक्टीरिया की प्रतिक्रिया के कारण फ्लोएम के रेशे तने के अन्य ऊतकों से अलग हो जाते हैं। इन रेशों का प्रयोग रस्सी व अन्य कई प्रकार का समान बनाने में किया जाता है।
(8) बेकरी उद्योग में (In Baking Industry) : डबल रोटी बनाने में यीस्ट कोशिकाओं जैसे सैकेरामाइसीज सेरेविसी (Saccharomyces cerevisiae ) का उपयोग किया जाता है।
(9) पनीर उद्योग में (In Cheese Industry): पेनिसिलियम कोमेमबर्टी (Penicillium comemberti) तथा पेनिसिलियम रोकफोर्टी (Penicillium roquiforti) द्वारा पनीर को रंग व स्वाद दिया जाता है।
COMMENTS