अभिवृत्ति का अर्थ और परिभाषा (Attitude Meaning and Definition in Hindi) अभिवृत्ति या मनोवृत्ति शब्द का व्यवहार हम प्रायः अपने दैनिक जीवन में करते रहते
अभिवृत्ति का अर्थ और परिभाषा (Attitude Meaning and Definition in Hindi)
अभिवृत्ति का अर्थ: अभिवृत्ति या मनोवृत्ति शब्द का व्यवहार हम प्रायः अपने दैनिक जीवन में करते रहते हैं। अतः इस शब्द से हम सभी परिचित हैं। लेकिन, मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से मनोवृत्ति शब्द काफी जटिल तथा विवादग्रस्त है। इसकी एक भी वैज्ञानिक परिभाषा उपलब्ध नहीं है, जिस पर सभी मनोवैज्ञानिक तथा समाज- वैज्ञानिक (sociologists) सहमत हों। इस असहमति का कारण उनका अपना-अपना सैद्धांतिक दृष्टिकोण है।
अधिकांश समाज मनोवैज्ञानिकों ने मनोवृत्ति के मूल्यांकन पक्ष ( evaluative aspect ) को ध्यान में रखकर इसे परिभाषित करने का प्रयास किया।
अभिवृत्ति की परिभाषा (Attitude Definition in Hindi)
गरगेन (Gergen, 1974 ) ने मूल्यांकन - पक्ष को ध्यान में रखते हुए मनोवृत्ति की परिभाषा दी है कि, "विशिष्ट वस्तुओं के प्रति विशेष रूपों में व्यवहार करने की प्रवृत्ति ( झुकाव ) को मनोवृत्ति कहते हैं।"
इसी तरह फिशबीन एवं आजेन ( Fishbein & Ajzen, 1975 ) ने कहा है, "किसी वस्तु के प्रति संगत रूप से अनुकूल या प्रतिकूल प्रतिक्रिया करने की अर्जित पूर्वप्रवृत्ति को मनोवृत्ति कहते हैं।’’
कुछ समाज मनोवैज्ञानिकों ने मनोवृत्ति के भाव-पक्ष ( affect aspect ) को ध्यान में रखते हुए इसे परिभाषित करने का प्रयास किया है। एडवार्ड्स (Edwards, 1957 ) के अनुसार, “किसी मनोवैज्ञानिक वस्तु से सम्बद्ध सकारात्मक या नकारात्मक भाव की मात्रा को मनोवृत्ति कहते हैं।"
सियर्स आदि (Sears et al; 1991 ) ने मनोवृत्ति के तीनों पक्षों अर्थात् संज्ञानात्मक, भावात्मक तथा क्रियात्मक पक्षों को ध्यान में रखते हुए इसकी परिभाषा दी है कि, “मनोवृत्ति वह स्थाई प्रतिक्रिया-प्रवृत्ति है, जिसमें संज्ञानात्मक संघटक, भावात्मक संघटक तथा व्यवहारात्मक संघटक शामिल होते हैं।"
लेकिन, उपर्युक्त परिभाषाओं में कोई भी परिभाषा मनोवृत्ति या अभिवृत्ति की समुचित व्याख्या करने में सफल नहीं है।
लिण्ड्जेय तथा एरॉनसन (Lindzey & Aronson, 1969) के अनुसार आलपोर्ट (Allport, 1935) के द्वारा दी गयी परिभाषा अधिक समग्र तथा संतोषजनक है। उनके अनुसार, "मनोवृत्ति - प्रतिक्रिया करने का तत्परता की वह मानसिक एवं स्नायु-स्थिति है जो अनुभव के कारण संगठित होती है, और जिसका दिशासूचक तथा/अथवा सक्रिय प्रभाव व्यवहार पर पड़ता है।"
इस परिभाषा के अनुसार अभिवृत्ति या मनोवृत्ति की निम्नलिखित विशेषता हैं :-
1. मानसिक तथा स्नायु-स्थिति ( Mental and neural state ) — मनोवृत्ति एक बिचवई संप्रत्यय( mediational concept ) या मध्यवर्ती संप्रत्यय ( intervening concept ) है। इसे परिकल्पित संचरण (hypothetical construct ) भी कहते हैं। यह एक अमूर्त संप्रत्यय ( abstract concept ) है, क्योंकि यह एक मानसिक तथा स्नायु-स्थिति है, जिसे मूर्त रूप में देखना संभव नहीं है। मनोवृत्ति के दो मुख्य पक्ष हैं, जिन्हें मानसिक पक्ष ( mental realm) तथा स्नायु पक्ष (neural realm) कहते हैं। इन दोनों पक्षों का मापन क्रमशः शाब्दिक प्रतिवेदन ( verbal report ) तथा स्वायत्त प्रतिक्रिया ( automatic reaction ) की तीव्रता के रूप में संभव होता है।
2. प्रतिक्रिया करने की तत्परता ( Readiness to respond ) — आलपोर्ट (Allport, 1935 ) के अनुसार मनोवृत्ति कोई प्रतिक्रिया ( response) नहीं है, बल्कि प्रतिक्रिया करने की तत्परता (readiness to respond ) है। कई मनोवैज्ञानिकों ने मनोवृत्ति को प्रतिक्रिया (response ) के अर्थ में परिभाषित किया है ( Bain, 1928, Horowits, 1944; Defleur & Westie, 1963)। लेकिन, मनोवैज्ञानिकों की एक बड़ी संख्या ने आलपोर्ट का समर्थन करते हुए मनोवृत्ति को प्रतिक्रिया करने की तत्परता के अर्थ में परिभाषित करना अधिक सही माना है ( Doob, 1947; Chein, 1948; Campbell, 1963; Lippa, 1990)। अतः आधुनिक मनोवैज्ञानिक इस विचार से सहमत हैं कि मनोवृत्ति का तात्पर्य प्रतिक्रिया करने की मानसिक तत्परता से है।
3. संगठित ( Organized ) — आलपोर्ट (Allport) के अनुसार मनोवृत्ति संगठित होती है। मनोवृत्ति के विभिन्न संघटक ( components) संज्ञानात्मक ( cognitive), भावात्मक ( affective ) तथा क्रियात्मक ( behavioural) के बीच घनिष्ठ सम्बन्ध होता है।
4. अनुभव के कारण ( Through experience ) — मनोवृत्ति के सम्बन्ध में एक आवश्यक बात यह है कि मनोवृत्ति अर्जित होती है। व्यक्ति अपने अनुभवों के आधार पर नाना प्रकार की मनोवृत्तियों को सीख लेता है। आलपोर्टके विचार को डूब ( Doob, 1947) तथा चीन (Chein, 1948 ) ने जोरदार शब्दों में समर्थन किया। आधुनिक मनोवैज्ञानिक भी इस विचार से सहमत हैं कि मनोवृत्तियाँ प्रधानतः अर्जित होती हैं। कुछ अध्ययनों से मनोवृत्ति के विकास में जननिक कारकों (genetic factors) के महत्व का भी संकेत मिलता है ( Carthy & Ebling, 1964; Lorenz, 1966; Scolt and Fuller, 1965, Slavin, 1991)।
5. दिशासूचक तथा अथवा सक्रिय प्रभाव (Directive and/or dynamic influence) — मनोवृत्ति का प्रभाव व्यक्ति के व्यवहार पर दिशासूचक रूप से पड़ता है। मनोवृत्ति व्यक्ति की शक्ति को एक खास दिशा में लगा देती है, जिसके कारण वह अन्य दिशाओं को छोड़ कर एक निश्चित दिशा में व्यवहार करने लगता है। इसे ही मनोवृत्ति का दिशासूचक प्रभाव ( directive influence ) कहते हैं । फ्रायड आदि ने मनोवृत्ति के केवल इसी प्रभाव का उल्लेख किया है। डूब ( Doob, 1947 ) ने आलपोर्ट (Allport, 1935 ) का समर्थन करते हुए कहा कि मनोवृत्ति में गतिक प्रभाव ( dynamic effect ) भी पाया जाता है। मनोवृत्ति न केवल व्यवहार की दिशा निर्धारित करती है, बल्कि व्यवहार करने की शक्ति भी प्रदान करती है। जैसे- हरिजनों के प्रति एक ब्राह्मण की नकारात्मक मनोवृत्ति ( negative attitude ) न केवल उसके व्यवहार की प्रतिकूल दिशा को निश्चित करती है, बल्कि उस दिशा में वैरपूर्ण व्यवहार ( hostile behaviour) करने की शक्ति भी प्रदान करती है। इस प्रकार स्पष्ट हो जाता है कि मनोवृत्ति के उपर्युक्त पाँच पक्ष हैं। आलपोर्ट ( Allport ) की उपर्युक्त परिभाषा मनोवृत्ति के सभी पक्षों की व्याख्या करने में सफल है। इसलिए, इस परिभाषा को अन्य परिभाषाओं की अपेक्षा अधिक सफल, समग्र तथा संतोषप्रद माना जाता है।
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