नया रास्ता उपन्यास की तात्विक समीक्षा कीजिए। नया रास्ता उपन्यास एक सामाजिक उपन्यास है जिसकी उपन्यास के तत्वों के आधार पर समीक्षा इस प्रकार है। नया रास
नया रास्ता उपन्यास की तात्विक समीक्षा कीजिए
नया रास्ता उपन्यास एक सामाजिक उपन्यास है जिसकी उपन्यास के तत्वों के आधार पर समीक्षा इस प्रकार है।
कथानक - कथानक किसी भी उपन्यास का एक महत्वपूर्ण तत्व है कथानक संक्षिप्त, प्रभावशाली एवं सुसंगठित होना अति आवश्यक है इसी प्रकार नया रास्ता उपन्यास का कथानक भी अत्यधिक प्रभावशाली है इस उपन्यास का कथानक एक लड़की की कथा को लेकर आगे बढ़ता है जिसके लिए शादी के रिश्ते सिर्फ इसलिए वापिस चले जाते थे क्योंकि वो देखने में अधिक सुन्दर नहीं थी। परन्तु इसके बाद वह अपने पैरों पर खड़ी होती है वकालत करती है और वकील बनती है और वही अमित के घरवाले उसके लिए दोबारा रिश्ता लेकर आते हैं। इस प्रकार उपन्यास का कथानक 26 अध्यायों में विस्तृत है जो सम्पूर्ण कथा को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करता है।
चरित्र-चित्रण - 'नया रास्ता' उपन्यास में चरित्र भी कथानुसार है। मुख्य पात्र मीनू है जो उपन्यास की केन्द्रीय पात्रा है इसके अतिरिक्त मीनू के पिता दयाराम है मीनू की माता है, उसके भाई बहन अमित, धनीमल, मायाराम इत्यादि जो सहायक पात्रों की भूमिका निभाते हुए कथा को आगे लेकर जाते हैं। प्रत्येक पात्र अपने चरित्र की विशिष्टताओं को समेटे हुए हैं।
संवाद - उपन्यास के संवाद भी भावों के अनुकूल एवं पात्रों के अनुकूल है। संवाद संक्षिप्त है तथा प्रत्येक के भावों को अभिव्यक्त करने में सक्षम है। छोटे- छोटे संवादों के माध्यम् से भी कथा को प्रभावशाली बनाया गया है।
देशकाल वातावरण - प्रत्येक विधा किसी न किसी वातावरण को प्रस्तुत करती है प्रस्तुत उपन्यास का वातावरण सामाजिक है उपन्यास में दहेज प्रथा जैसी समस्या को भी उजागर किया गया है कि किस प्रकार सिर्फ पाँच लाख रुपयों के लालच में मायाराम एवं उनकी पत्नी मीनू का रिश्ता ठुकरा कर धनीमल की बेटी के साथ तय कर देते हैं। स्त्री की अबला स्थिति को प्रस्तुत करने के साथ-साथ उसके सबला रूप को भी प्रस्तुत किया गया है जब मीनू वकालत पास करके वकील बन जाती है।
भाषा शैली- किसी भी रचना की भाषा उसका श्रंगार होती है प्रस्तुत उपन्यास की भाषा भी अत्यधिक प्रभावशाली है। भाषा संक्षिप्त, पात्रानुकूल एवं भावों के अनुकूल है। छोटे-छोटे प्रभावशाली वाक्य भाषा को और अधिक समृद्ध एवं प्रभावशाली बनाते हैं भाषा प्रत्येक पात्र की भावात्मकता को प्रस्तुत करने में सफल रही है।
शीर्षक - प्रस्तुत उपन्यास का शीर्षक भी सार्थक एवं समीचीन है मीनू अपने जीवन से हताश व निराश होकर एक नया रास्ता ढूंढती है वह वकालत करती है अपने पाँव पर खड़ी होती है और वकील बन कर अपने जीवन में 'नया रास्ता' प्राप्त करती है।
उद्देश्य – प्रस्तुत उपन्यास एक सामाजिक उपन्यास है जो समाज की विभिन्न कुरीतियों को हमारे समक्ष रखता है दहेज प्रथा, समाज की नाकारत्मक सोच को प्रस्तुत करता यह उपन्यास यह सिद्ध करता है कि नारी अबला नहीं सबला है उसमें सामर्थय एवं साहस है जिसके बल पर ही मीनू अपनी मंजिल तक पहुँचती है।
इस प्रकार उपन्यास के तत्वों के आधार पर नया रास्ता एक सफल उपन्यास है।
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