रामशरण का चरित्र चित्रण - Ram Sharan ka Charitra Chitran: 'आतिथ्य' कहानी में रामशरण के चरित्र को उभारने में लेखक सफल रहा है। रामशरण के चरित्र में निम
रामशरण का चरित्र चित्रण - Ram Sharan ka Charitra Chitran
रामशरण का चरित्र-चित्रण: 'आतिथ्य' कहानी में रामशरण के चरित्र को उभारने में लेखक सफल रहा है। रामशरण के चरित्र में निम्नलिखित विशेषताएँ हैं—
1) कर्मचारी :- रामशरण भारत सरकार के अर्थ विभाग का एक कर्लक है। वह तीन सालों से इसी विभाग से काम कर रहा है। भारत सरकार की तरफ से उसे सारी सुख सुविधाएँ प्राप्त हैं। जिसके चलते छः महीने शिमला और छः महीने दिल्ली रहता है। उसे किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं होती।
2) व्यक्तित्व :– रामशरण का जन्म मेरठ जिले के एक गाँव में हुआ था। उसे प्रकृति से बहुत प्रेम है। इसीलिए प्रकृति के प्रति उसका आकर्षण बढ़ता जाता है। प्रकृति की सौंदर्यता को देखने के लिए वह शिमला की सौंदर्यभरी पहाडियों तथा वहाँ के परिवेश को देखने की इच्छा रखता है क्योंकि वह प्रकृति का आनंद लेना चाहता था। रामशरण कल्पनाशील व्यक्ति है। वह अपनी स्मृतियों में हमेशा खोया रहता है। वह एक साहसी व्यक्ति के रूप में भी उभरकर सामने आया है। प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए वह नौकरी से तीन माह की छुट्टी लेकर पहाड़ी क्षेत्र की यात्रा में निकल पड़ता है। इस यात्रा के दौरान उसे अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है फिर भी वह हार नहीं मानता। परिणामस्वरूप इस यात्रा में आगे बढ़ता जाता है। वह जानता है कि जंगल में उसे रीछ, बाध, चीता, घुरड़ आदि नोंच खाएँगे तभी भी वह पीछे नहीं मुड़ता। खर्श के कँटीले पत्ते बार-बार उसके गालों और हाथों को खरोंच देते थे तब भी वह रूकता नहीं है। वह रास्ते में आए सँकटों से घबराता नहीं है।
3) स्पष्टवादी :- रामशरण स्पष्टवादी भी है। जब वह जंगल पार करके एक गाँव में पहुँचता है तो उन पहाड़ी लोगों से सहायता माँगता है। पहाड़ी लोग सहायता करने के बजाए उसके साथ कठोर व्यवहार करते हुए कहते हैं., ... चले जाओ। यहाँ दुकान-सहाय नहीं है। बदमाश ! चोर !... आए सैर करने वाले ! भाग जाओ।" पहाड़ी लोगों से मद्द माँगना रामशरण की स्पष्टवादिता को दर्शाता है। पहाड़ी लोगों की अवहेलना तथा कटु वचन सुनने के पश्चात् भी वह स्पष्ट रूप से पिघले गले से बोलता है, “.. सड़क से भटका परदेशी हूँ। रात काटने के लिए कोई जगह दे दो, गरीब की मेहरबानी होगी।" गाँव के लोगों का दुर्व्यवहार सहने के पश्चात् भी वह अपनी बात कहने से नहीं कतराता।
4) सहनशीलता :– 'आतिथ्य' कहानी का पात्र रामशरण एक सहनशील व्यक्ति के रूप में भी उभरकर आया है....गाँव वालों का तिरस्कार सहने के पश्चात् भी वह अपनी सहनशीलता को बनाए रखता है। वह उन्हें भला-बुरा नहीं कहता बल्कि शांत रहकर उनके कटु वचन तथा अवलेहना को सहता है। इस प्रकार रामशरण ने सहनशीलता का भी परिचय दिया है।
5) परिश्रमी :- रामशरण बहुत ही परिश्रमी व्यक्ति है। वह अपना कार्य मन लगा कर करता है। वह सरकार के आय-व्यय का हिसाब तथा अपनी जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा के साथ निभाता है क्योंकि वह परिश्रम करने से बिल्कुल नहीं घबराता है। स्पष्ट है कि 'आतिथ्य' कहानी में रामशरण एक ऐसा व्यक्ति है जिसे प्रकृति के प्रति प्रेम है और इसी प्रकृति प्रेम के कारण उसे बहुत-सी कठिनाइयों से जूझना पड़ता है। उसके चरित्र की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वह विपरीत परिस्थितियों के पश्चात् भी अपनी सहनशीलता तथा हिम्मत को बरकरार रखता है।
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