नमक का दरोगा कहानी के आधार पर वंशीधर का चरित्र चित्रण कीजिए- वंशीधर ‘नमक का दारोगा' कहानी का नायक है । कहानी का कथानक अथवा सभी प्रमुख घटनाएँ वंशीधर के
नमक का दरोगा कहानी के आधार पर वंशीधर का चरित्र चित्रण कीजिए
उत्तर- वंशीधर ‘नमक का दारोगा' कहानी का नायक है । कहानी का कथानक अथवा सभी प्रमुख घटनाएँ वंशीधर के चरित्र के इर्द-गिर्द ही घूमती हैं। कहानी के प्रमुख लक्ष्य की प्राप्ति भी उसके चरित्र के माध्यम से हुई है। अतः वंशीधर ही कहानी का प्रमुख पात्र एवं नायक है।
वंशीधर के चरित्र की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं-
- कर्त्तव्यनिष्ठ युवक
- ईमानदार
- कठोर स्वभाव एवं दृढ़ निश्चय
- संवेदनशील
- स्वाभिमानी
- विचारवान
कर्त्तव्यनिष्ठ युवक
कहानी के पढ़ने पर हमें पता चलता है कि वंशीधर एक कर्त्तव्यनिष्ठ युवक है। उसके लिए अपना कर्त्तव्य पालन करना ही सबसे बड़ा धर्म है। वह रात को भी अपनी ड्यूटी के प्रति सतर्क रहता है। जैसे ही उसे रात को पुल पर से गुजरती हुई गाड़ियों की गड़गड़ाहट सुनाई दी तो वह तुरन्त वर्दी पहनकर अपने मातहत सिपाही के साथ मौके पर पहुँच जाता है। वह मौके पर पहुँचकर गाड़ियों को रोककर भली-भाँति छानबीन करता है और उन्हें आगे नहीं जाने देता। जब उसके मातहत गाड़ियों में लदे माल का नाम नहीं लेना चाहते तो वह स्वयं जाकर गाड़ियों में लदे माल का परीक्षण करता है तथा सारी परिस्थिति को समझ जाता है।
ईमानदार
ईमानदारी मानव-जीवन का महत्त्वपूर्ण गुण है। इसी के रहते मनुष्य सम्मान का पात्र बन जाता है। ‘नमक का दारोगा' कहानी का नायक वंशीधर भी एक ईमानदार युवक है। किसी लालच या लोभ में आकर वह अपने इस अमूल्य गुण को नहीं छोड़ता। धन के आगे बड़े-बड़ों की ईमानदारी बिक जाती है, किन्तु वंशीधर अलोपीदीन द्वारा तीस हजार का लालच दिए जाने पर भी अपनी ईमानदारी पर अडिग रहा। सेठ अलोपीदीन ने न्यायालय के कर्मचारियों, वकीलों व न्यायाधीशों को भी अपने धन की शक्ति से खरीद रखा था। वंशीधर के आगे उसके धन की शक्ति कोई काम न कर सकी और हथकड़ी पहनाकर उसे हिरासत में ले लिया। ऐसा साहस का कार्य वंशीधर जैसा ईमानदार व्यक्ति ही कर सकता है। वंशीधर अलोपीदीन को स्पष्ट शब्दों में समझा देता है- “हम उन नमकहरामों में नहीं हैं जो कौड़ियों पर अपना ईमान बेचते फिरते हैं।" अतः वंशीधर की ईमानदारी की प्रवृत्ति के प्रति पाठक भी प्रभावित है।
कठोर स्वभाव एवं दृढ़ निश्चय
वंशीधर कठोर स्वभाव एवं दृढ़ निश्चय वाला अधिकारी है। वह अपनी बात मनवाने के लिए कठोरता से काम लेता है। उसके मन में अपराधी के प्रति जरा भी दया भाव नहीं है। एक अफसर के मन में कर्त्तव्य के प्रति जैसी भावना होनी चाहिए वह वंशीधर में देखी जा सकती है। वंशीधर दृढ़ निश्चय वाला युवक है। वह जिस कार्य को करने का निश्चय कर लेता है, उसे हर कीमत पर करके ही रहता है भले ही उसे स्वयं कितने भी कष्ट क्यों न उठाने पड़ें। अलोपीदीन जैसे भ्रष्टाचारी व्यक्ति को उसके किए का दण्ड दिलवाने के लिए उसने उसके सारे प्रलोभनों को ठुकरा दिया। मार्ग की कोई भी बाधा उसे उसके मार्ग से डिगा नहीं सकती। यह उसके दृढ़ निश्चय का प्रमाण है।
संवेदनशील
भले ही वंशीधर कठोर स्वभाव वाला व्यक्ति है, किन्तु उसकी यह कठोरता कर्त्तव्य के प्रति है। मूलतः वह संवेदनशील युवक है। सद्वृत्तियों के प्रति वह सदा संवेदनशील दिखलाई पड़ता है। जब उसे पता चला कि पंडित अलोपीदीन उनके घर आए हैं और उसे प्रबन्धक के पद पर नियुक्त करना चाहते हैं तो वह उनके प्रति कृतकृत्य हो उठता है। उसकी आँखों में आनन्द एवं संवेदना के आँसू भर जाते हैं। अतः स्पष्ट है कि वंशीधर एक संवेदनशील युवक है।
स्वाभिमानी
वंशीधर के व्यक्तित्व की अन्य प्रमुख विशेषता उसका स्वाभिमानी होना है। नौकरी से मुअत्तल होने पर भी वह किसी के सामने गिड़गिड़ाता नहीं है और न ही उसके मन में किसी प्रकार का पश्चात्ताप ही है। जब अलोपीदीन उसके घर उसे मिलने के लिए आता है उसके साथ स्वाभिमानपूर्ण व्यवहार करता है। उसे अपनी कर्त्तव्यनिष्ठता और सत्यनिष्ठता पर पूर्ण अभिमान है।
विचारवान
कहानी को पढ़ने पर पता चलता है कि वंशीधर एक विचारवान व्यक्ति है। वह किसी भी कार्य को अत्यन्त सोच-समझकर करता है। हर बात व कार्य के विविध पक्षों पर विचार करने पर उसे आगे बढ़ाता है। उसकी नज़रों में भ्रष्टाचार और रिश्वत देना और लेना दोनों ही असत्य एवं अनैतिक हैं। सारा संसार भले ही भ्रष्टाचार के पक्ष में हो तो भी वह अकेला पड़ जाने पर भी निराश नहीं होता क्योंकि उसने बहुत सोच-समझकर भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम उठाया है। वह समझता है कि ये बड़े-बड़े पदवीधारी और ओहदेदार निरादर के योग्य हैं। सब निकम्मे हैं। उसके यह शब्द उसके विचारवान होने को प्रमाणित करते हैं।
निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि वंशीधर ईमानदार, दृढ़चरित्र, स्वाभिमानी, सत्यनिष्ठ, धर्मपरायण, कर्त्तव्यनिष्ठ आदि महान् गुणों वाला नायक है। उसकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठता से सब प्रभावित होते हैं।
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