प्रदूषण पर शिक्षक और छात्र के बीच हिंदी में संवाद लेखन- शिक्षक: गुड मॉर्निंग बच्चों ! क्या कोई मुझे बता सकता है कि प्रदूषण क्या है? छात्र: प्रदूषण तब
प्रदूषण पर शिक्षक और छात्र के बीच संवाद लेखन
शिक्षक: गुड मॉर्निंग बच्चों ! आज हम एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे - प्रदूषण। क्या कोई मुझे बता सकता है कि प्रदूषण क्या है?
छात्र: प्रदूषण तब होता है जब हानिकारक पदार्थ पर्यावरण में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे उसे नुकसान होता है।
शिक्षक: बहुत अच्छा! क्या कोई प्रदूषण का उदाहरण दे सकता है?
छात्र: हाँ, प्रदूषण का एक उदाहरण वायु प्रदूषण है, जो कारखानों और वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन के कारण होता है।
शिक्षक: बहुत बढ़िया! और वायु प्रदूषण का हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है?
छात्र: वायु प्रदूषण से अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस की समस्याएं हो सकती हैं। यह वायु की गुणवत्ता को कम करके और जलवायु परिवर्तन में योगदान देकर पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
शिक्षक: बहुत सही कहा! अब, क्या कोई वायु प्रदूषण को कम करने के कुछ उपाय सुझा सकता है?
छात्र: हम अकेले गाड़ी चलाने के बजाय सार्वजनिक परिवहन, कारपूलिंग या बाइकिंग का उपयोग करके वायु प्रदूषण को कम कर सकते हैं। हम पवन और सौर ऊर्जा जैसे स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों का भी उपयोग कर सकते हैं।
शिक्षक: महान विचार! और जल प्रदूषण क्या है? क्या कोई मुझे बता सकता है कि जल प्रदूषण का कारण क्या है?
छात्र: जल प्रदूषण कई कारणों से होता है, जिनमें सीवेज, तेल रिसाव और कृषि अपवाह शामिल हैं।
शिक्षक: बहुत बढ़िया! और जल प्रदूषण को रोकने के लिए हम क्या कर सकते हैं?
छात्र: हम खतरनाक कचरे का सही ढंग से निपटान करके, रसायनों के अपने उपयोग को कम करके और पानी का संरक्षण करके जल प्रदूषण को रोक सकते हैं। हम प्राकृतिक आवासों की रक्षा के लिए दूषित जलमार्गों को साफ करने के प्रयास भी कर सकते हैं।
शिक्षक: बहुत अच्छा! हम सभी को प्रदूषण कम करने और अपने पर्यावरण की रक्षा करने में भूमिका निभानी होगी। ज्ञानवर्धक बातचीत के लिए धन्यवाद।
प्रदूषण पर अध्यापक और विद्यार्थी के बीच संवाद लेखन
शिक्षक – सुप्रभात बच्चों।
विद्यार्थी – सुप्रभात गुरुजी।
अध्यापक – आज हम प्रदूषण के के बारे में जानेंगे। प्रदूषण क्या होता है? इसका क्या कारण है? और इससे होने वाले नुकसान और प्रदूषण को कैसे नियंत्रित किया जाए इस विषय पर हम जाणकारी प्राप्त करेंगे।
अध्यापक – क्या कोई बच्चा प्रदूषण की परिभाषा बता सकता है ?
राकेश (विद्यार्थी) – गुरुजी, पृथ्वी के वातावरण में हानिकारक, जीवन नाशक, विषैले पदार्थों के एकत्रित होने को प्रदूषण कहते हैं।
अध्यापक – बिलकुल सही, फैक्टरियों से निकलने वाला कचरा तथा अन्य गतिविधियों से उत्पन्न हुए अनेक प्रकार के प्रदूषक, मिट्टी, पानी, हवा/वायु को दूषित करते हैं और यही है प्रदूषण। प्रदूषण अनेक प्रकार के होते हैं। कोई बता सकता है कि प्रदूषण कितने प्रकार के होते हैं? संध्या तुम बताओ।
संध्या (विद्यार्थीनी) – गुरुजी प्रदूषण कई प्रकार के होते हैं जैसे जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, रेडियोधर्मी प्रदूषण इत्यादि।
अध्यापक – बिलकुल सही कहा शिल्पा ने। प्रदूषण कई प्रकार के होते हैं, वायु-प्रदूषण, ध्वनि-प्रदूषण, जल-प्रदूषण तथा भू-प्रदूषण। जिसे हम कहते है पर्यावरण प्रदूषण। शहरों में बढ़ते वाहनों के प्रदूषण से वातावरण और ताजी हवा प्रदूषित होती है, जो सांस लेने के लिए हानिकारक है। प्रदूषित वायु में साँस लेने से मनुष्य को फेफड़ों और श्वास-संबंधी अनेक रोगों का सामना करना पड़ रहा हैं। बड़े-बड़े सीवरेज सिस्टम से गंदा पानी निकलकर नदियों, झरनों तथा महासागरों में मिलता है और यह प्रदूषित जल पीने से पेट संबंधी रोग जैसे कालरा, आंत्र ज्वर, पीलिया फैलते हैं। ध्वनि प्रदूषण से मानसिक तनाव उत्पन्न होता है। इससे अशांति, बहरापन, चिंता इत्यादि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह बताओ कि इस बढ़ते प्रदूषण को कैसे रोका जा सकता है।
सक्षम (विद्यार्थी) – गुरुजी, धुआं उत्पन्न करने वाले वाहनों के स्थान पर स्कूल जाने के लिए साइकिल का उपयोग कर सकते हैं। सब जगह, खास तौर से नदियों के जल में कूड़ा फेंकने की आदत छोड़कर प्रदूषण कम करने में सहायता कर सकते हैं।
निलेश (विद्यार्थी) – गुरुजी, प्रदूषण से निजात पाने के लिए सार्वजनिक स्तर पर सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम चलाकर लोगों को जागरूक किया जा सकता है।
नेहा (विद्यार्थी) – गुरुजी, अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाकर, सौर ऊर्जा से चलने वाले यंत्रो का इस्तेमाल करके भी प्रदूषण को रोका जा सकता है।
अध्यापक – बिलकुल सही कहा बच्चों। प्रदूषण फैलने का मुख्य कारण कोई और नहीं, खुद मनुष्य ही है। वह खुद स्वयं में के लिए तथा पृथ्वी के अन्य जीवों के लिए प्रदूषण रुपी गड्ढा खोद रहा है। और इसे रोकना सिर्फ मनुष्य के हाथों में ही हैं। मैं आप सबको गृहकार्य देता हूँ। कल प्रदूषण विषय पर सभी निबंध लिखकर लाएंगें।
सभी विद्यार्थी – ठीक है गुरुजी।
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