छोटा जादूगर का चरित्र-चित्रण - ‘छोटा जादूगर' कहानी का पात्र छोटा जादूगर आर्थिक विपन्नता से ग्रसित एक 'स्ट्रीट बॉय' है जो गलियों और मेलों में अपना जादू
छोटा जादूगर का चरित्र चित्रण - Chota Jadugar ka Charitra Chitran
छोटा जादूगर का चरित्र-चित्रण - ‘छोटा जादूगर' कहानी का पात्र छोटा जादूगर आर्थिक विपन्नता से ग्रसित एक 'स्ट्रीट बॉय' है जो गलियों और मेलों में अपना जादू दिखाकर पेट पालने के लिए पैसे कमाता है। माँ के प्रति अपना कर्त्तव्य निभाता यह बालक चतुर, चालाक, मधुर व्यवहार और मातृ - प्रेम की झलक कहानी में बार-बार दिखाता है।
छोटा जादूगर चतुराई से मेले में पैसा कमाता है और बीमार माँ के इलाज की चिन्ता उसे सताती है। कथाकार जब उस बालक से मिलता है तो वह उसे शरबत पिलाने ले जाता है तब उसकी वास्तविक स्थिति पाठक के सामने आती है- "तमाशा देखने नहीं; दिखाने निकला हूँ। कुछ पैसे ले जाऊँगा, तो माँ को पथ्य दूँगा। मुझे शरबत न पिलाकर अपने मेरा खेल देखकर मुझे कुछ दे दिया होता, तो मुझे अधिक प्रसन्नता होती ।"
उस छोटे बालक को घर की दयनीय स्थिति के कारण अपना बचपन तो याद ही नहीं अपितु माँ की दवा-दारू की चिंता है ताकि वह स्वस्थ हो जाए। उसकी चतुराई भी कहानी को रूचिकर बनाती है वह कथाकार से आग्रह करता है कि आइए मैं आपको तमाशा दिखाता हूँ ताकि उसे भी कुछ पैसे मिल जाएं। कथाकार के परिवार को वह अपना तमाशा दिखाता है और उसकी श्रीमती जी के द्वारा एक रूपया देने पर खुश हो जाता है। जब वह उसे 'लड़के' कहकर बुलाती है तो वह बड़ी चतुराई से उत्तर देता है - "छोटा जादूगर कहिए । यही मेरा नाम है। इसी से मेरी जीविका है।"
छोटा जादूगर व्यवहार कुशल जिससे वह दूसरों के हृदय में अपनी जगह भी बना लेता है । कथाकार भी उसे भूल नहीं पाता और जब-तब उसे मिलता है ताकि उसकी बीमार माँ की स्थिति को जान सके। छोटा जादूगर को वह जब भी मिलता उसे माँ की चिन्ता होती कि बीमार माँ किसी तरह ठीक हो जाए। एक बार उदास मन स्थिति से सड़क के किनारे जादू दिखाता हुआ वह कथाकार से मिलता है तब वह बताता है कि माँ ने कहा है कि आज जल्दी आ जाना मेरी घड़ी समीप है और अन्ततः उसकी माँ की मृत्यु हो जाती है। वह माँ से लिपटकर रोता है।
संक्षेप में हम कह सकते हैं कि छोटा जादूगर कहानी का पात्र छोटा जादूगर अपनी आर्थिक स्थिति के कारण समय से पहले जिम्मेवारियों के बोझ तले दबा हुआ है और अपनी चतुराई, मधुरता और मातृ - प्रेम के फलस्वरूप माँ का और अपना पेट पालता है। वह कहानी का सशक्त और प्रभावशाली पात्र है।
COMMENTS