अंधा क्या चाहे दो आँखें मुहावरे का अर्थ - इच्छित वस्तु प्राप्त होना, मनचाही चीज की कामना करना, जिस वस्तु का अभाव हो उसके मिलने की कामना करना। वाक्य
अंधा क्या चाहे दो आँखें मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग
अंधा क्या चाहे दो आँखें मुहावरे का अर्थ - इच्छित वस्तु प्राप्त होना, मनचाही चीज की कामना करना, जिस वस्तु का अभाव हो उसके मिलने की कामना करना।
अंधा क्या चाहे दो आँखें मुहावरे का वाक्य प्रयोग
वाक्य प्रयोग: व्यापर में घाटे से मेरी दुर्दशा देखकर मेरे मित्र सोहन ने मुझे दोबारा व्यापर करने के लिए आर्थिक सहायता देने की बात कही तो मेरे लिए अंधा क्या चाहे दो आँखें जैसी बात हो गयी।
वाक्य प्रयोग: रमन को स्कूल जाने में दिक्कत होती थे, उसे स्कूल बस मिल गयी। उसके लिए तो अंधा क्या चाहे दो आँखें वाली कहावत सिद्ध हो गयी।
वाक्य प्रयोग: रमेश विद्यालय से अवकाश लेने की सोच ही रहा था कि वर्षा के कारण विद्यालय में अवकाश हो गया। यह तो वही बात हुई कि अंधा क्या चाहे दो आँखें।
वाक्य प्रयोग: यद्यपि नितिन का गणित का पेपर अच्छा नहीं हुआ था, वह निराश था किन्तु परिणाम आने पर उसके लिए अँधा क्या चाहे दो आँखें वाली कहावत चरितार्थ हो गयी।
वाक्य प्रयोग: राजेश बाबू के आर्थिक हालात बहुत ख़राब थे ऐसे में जब उनके लड़के की सरकारी नौकरी लगने की खबर आयी तो उनके लिए अँधा क्या चाहे दो आँखें वाली बात हो गयी।
वाक्य प्रयोग: बारिश न होने से परेशां किसानों को अचानक हुई बारिश ने अंधा क्या चाहे दो आँखें जैसी कहावत सिद्ध कर दी।
यहाँ हमने "अंधा क्या चाहे दो आँखें मुहावरे का अर्थ" और उसका वाक्य प्रयोग समझाया है। अंधा क्या चाहे दो आँखें मुहावरे का अर्थ होता है - इच्छित वस्तु प्राप्त होना, मनचाही चीज की कामना करना, जिस वस्तु का अभाव हो उसके मिलने की कामना करना। जब किसी व्यक्ति को किसी विशेष वस्तु की बहुत आवश्यकता हो और भाग्यवश उसे वह वस्तु मिल जाए तो इस कहावत का प्रयोग करते हैं।
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