Few Lines on Kuchipudi Dance in Hindi : इस निबंध में हम आपको कुचिपुड़ी नृत्य पर 10 वाक्य का निबंध दे रहे हैं जिसको पढ़कर विद्यार्थी 10 lines on Kuchipud
Few Lines on Kuchipudi Dance in Hindi : इस निबंध में हम आपको कुचिपुड़ी नृत्य पर 10 वाक्य का निबंध दे रहे हैं जिसको पढ़कर विद्यार्थी 10 lines on Kuchipudi Dance in Hindi आसानी से लिख सकेंगे।
5 lines on Kuchipudi Dance in Hindi
(1) कुचिपुड़ि आंध्र प्रदेश की एक स्वदेशी नृत्य शैली है।
(2) कुचिपुड़ि नृत्य का मूल नाम कुचेलापुरी या कुचेलापुरम था।
(3) प्राचीनकाल में कुचिपुडी़ नृत्य मूलत: केवल पुरुषों द्वारा किया जाता था।
(4) कुचिपुड़ी भारतीय शास्त्रीय नृत्य की नाटकीय नृत्य शैली है।
(5) कुचीपुडी नृत्य का सबसे अधिक लोकप्रिय रूप मटका नृत्य है।
10 lines on Kuchipudi Dance in Hindi
(1) कुचिपुड़ि आंध्र प्रदेश की एक शास्त्रीय नृत्य शैली है।
(2) कुचिपुड़ी में कलाकार पीतल की थाली पर पैर रखकर और सिर पर पानी भरे कलश रखकर नृत्य करते है।
(3) कुचिपुड़ी नृत्य में संगीत के लिए मृदंगम, बांसुरी, व मंजीरे का प्रयोग होता है।
(4) कुचिपुड़ि नृत्य का नाम कृष्णा जिले के कुचिपुड़ी गांव के नाम पर पड़ा है।
(5) प्राचीनकाल में कुचिपुडी़ नृत्य मूलत: केवल पुरुषों द्वारा किया जाता था।
(6) 16वीं शताब्दी के शिलालेखों और साहित्यिक स्रोतों में कुचिपुड़ी नृत्य का उल्लेख मिलता है।
(7) कुचिपुड़ी नृत्य का प्रदर्शन आंध्र प्रदेश के मंदिरों में वार्षिक उत्सव के अवसर पर किया जाता है।
(8) कुचिपुड़ि नृत्य कई प्रकार से भरतनाट्यम के साथ समानतायें रखता है।
(9) वेदांतम लक्ष्मी नारायण, चिंता कृष्णा मूर्ति और तादेपल्ली पेराया आदि प्रमुख कुचिपुड़ी नर्तक हैं।
(10) कुचिपुड़ी नृत्य के प्रदर्शन में एक विशिष्ट गरिमा और लयात्मकता का सन्निवेश होता है।
15 lines on Kuchipudi Dance in Hindi
(1) कुचिपुड़ि आंध्र प्रदेश की एक स्वदेशी नृत्य शैली है।
(2) कुचिपुड़ि नृत्य का मूल नाम कुचेलापुरी या कुचेलापुरम था।
(3) कुचिपुड़ि नृत्य का नाम कृष्णा जिले के कुचिपुड़ी गांव के नाम पर पड़ा है।
(4) प्राचीनकाल में कुचिपुडी़ नृत्य मूलत: केवल पुरुषों द्वारा किया जाता था।
(5) कुचिपुड़ी भारतीय शास्त्रीय नृत्य की नाटकीय नृत्य शैली है।
(6) कुचिपुड़ि नृत्य के नाटक तेलुगु भाषा में लिखे जाते हैं।
(7) कुचीपुडी नृत्य का सबसे अधिक लोकप्रिय रूप मटका नृत्य है।
(8) कुचिपुड़ी में कलाकार पीतल की थाली पर पैर रखकर और सिर पर पानी भरे कलश रखकर नृत्य करते है।
(9) कुचिपुड़ि नृत्य कई प्रकार से भरतनाट्यम के साथ समानतायें रखता है।
(10) कुचिपुड़ि नृत्य में नृतक पात्र का रूप धारण कर नाट्य प्रस्तुत करता है।
(11) कुचिपुड़ि नृत्य में तांडव व लास्य की प्रमुख भूमिका होती है।
(12) कुचिपुड़ी नृत्य में संगीत के लिए मृदंगम, बांसुरी, व मंजीरे का प्रयोग होता है।
(13) कुचिपुड़ी नृत्य के प्रदर्शन में एक विशिष्ट गरिमा और लयात्मकता का सन्निवेश होता है।
(14) 16वीं शताब्दी के शिलालेखों और साहित्यिक स्रोतों में कुचिपुड़ी नृत्य का उल्लेख मिलता है।
(15) कुचिपुड़ी नृत्य का प्रदर्शन आंध्र प्रदेश के मंदिरों में वार्षिक उत्सव के अवसर पर किया जाता है।
(16) वेदांतम लक्ष्मी नारायण, चिंता कृष्णा मूर्ति और तादेपल्ली पेराया आदि प्रमुख कुचिपुड़ी नर्तक हैं।
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