एक मुरझाये फूल की आत्मकथा लिखिए : In This article, We are providing मुरझाए फूल की आत्मकथा हिंदी निबंध and Murjhaye Phool ki Atmakatha Essay in Hindi f
एक मुरझाये फूल की आत्मकथा लिखिए : In This article, We are providing मुरझाए फूल की आत्मकथा हिंदी निबंध and Murjhaye Phool ki Atmakatha Essay in Hindi for Students and teachers.
एक मुरझाये फूल की आत्मकथा हिंदी निबंध
Murjhaye Phool ki Atmakatha Essay in Hindi : मैं एक फूल हूँ - "एक मुरझाया हुआ फूल", जब मेरा जन्म हुआ तो मैंने खुद को ढेर सारी पत्तियों के बीच ढका हुआ पाया। काफी इन्तजार के बाद सूरज निकला और पत्तियां खिलीं और मैंने आकार लिया एक फूल का। मैंने देखा की मेरे चारों ओर कई और फूल थे, चारों ओर हरियाली ही हरियाली थी और शीतल हवा बह रही थी।
मेरा जन्म गढ़वाल में स्थित फूलों की घाटी में हुआ था। आप इस जगह को फूलों की जन्नत कह सकते हो। फूलों की घाटी एक उच्च ऊंचाई वाली हिमालय घाटी है। किंवदंती है कि रामायण काल में हनुमान संजीवनी बूटी की खोज में इसी घाटी में पधारे थे। इस घाटी में चारों ओर फूल ही फूल हैं। यहां हर साल लाखों की तादाद में पर्यटक आते हैं और फूलों की घाटी की सुंदरता का लुत्फ उठाते हैं।
मेरा जन्म एक छोटी कली के रूप में हुआ था परन्तु समय के साथ मैं एक पूर्ण फूल के रूप में विकसित हो गया। हालाँकि मैं गुलाब जैसे सुन्दर और सुगन्धित पुष्प नहीं था परन्तु मेरा आकार अन्य पुष्पों से बड़ा था। मेरे इस विशेष आकार के कारण सभी मेरी और विशेष रूप से आकर्षित होते थे। जब भी कोई पर्वतारोही या पर्यटक यहाँ आता तो मेरी तस्वीर लेना जरूर लेता।
जब तितलियाँ मेरे पास आकर मंडराती तो मुझे बहुत अच्छा लगता। जब भँवरे आसपास के वातावरण को गुंजायमान करते तो मैं बहुत आनंदित होता। जब सुबह की ओस के पहली बूँद मेरी पंखुड़ियों पर गिरती तो वह मोती सामान लगती। जब मधुमक्खियां शहद बनाने के लिए मुझसे पराग ले जाती तो मुझे बहुत प्रसन्नता होती।
परन्तु मैं एक पुष्प हूँ इसलिए मैं इस बात से भलीभांति अवगत था की हमारा जीवन लघु होता है। समय से साथ हम मुरझा जाते हैं या हमें तोड़ लिया जाता है। इस प्रकार हमारे जीवन का अंत हो जाता है। परन्तु मैं ईश्वर का आभारी हूँ की मेरा जन्म एक ऐसे स्थान पर हुआ जहाँ फूल तोड़ना मना था। इस प्रकार मुझे अपना पूरा जीवन जीने का अवसर मिला। इस समय मैं मुरझाया हुआ अपनी टहनी पर अंतिम साँसें गिन रहा हूँ। और अपने आस-पास की नन्हीं कलियों को देखकर अपने पुराने दिन याद रहा हूँ।
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