किसी शिक्षक की प्रशंसा करते हुए दो छात्रों के मध्य हुए वार्तालाप को संवाद रूप में लिखिए : In This article, We are providing किसी शिक्षक की प्रशंसा करत
किसी शिक्षक की प्रशंसा करते हुए दो छात्रों के मध्य हुए वार्तालाप को संवाद रूप में लिखिए : In This article, We are providing किसी शिक्षक की प्रशंसा करते हुये दो छात्रों के बीच वार्तालाप and Kisi Shikshak ki Prashansa karte hue Do Chatro Ke Beech Samvad Lekhan for Students and teachers.
किसी शिक्षक की प्रशंसा करते हुये दो छात्रों के बीच वार्तालाप
प्रांजुल : भाई, हमारे अंग्रेजी के शिक्षक कितना बढ़िया पढ़ाते हैं। तुम्हारी उनके के बारे में क्या राय है ?
सौरभ : मुझे भी अपने अंग्रेजी के नए टीचर बहुत बढियाँ लगे। मैं तो उनकी कक्षा का बेसब्री से इन्तजार करता हूँ।
प्रांजुल : अच्छा तुम्हे उनमें ऐसा क्या ख़ास लगा ?
सौरभ : सबसे पहली बात तो ये कि वे अपने विषय के पूर्ण जानकार हैं। दुसरे कि उनके पढ़ाने का तरीका भी बहुत प्रभावशाली है।
प्रांजुल : हाँ भाई, पहले तो मैं अंग्रेजी के नाम से ही डरता था, लेकिन मुझे अंग्रेजी समझ आने लगी है।
सौरभ : भाई, मुझे तो वो अंग्रेजी के इनसाइक्लोपीडिया लगते है। उनकी फर्राटेदार इंग्लिश सुनकर तो मजा ही आ जाता है। सबसे बड़ी बात कि जबसे वे आये हैं, मेरे अंग्रेजी में बढियाँ नंबर आने लगे हैं।
प्रांजुल : मुझे तो पडोसी टोकने लगे हैं कि भई किससे अंग्रेजी सीख रहे हो।
सौरभ : हाँ भाई, अब वो दिन दूर नहीं जब हम भी फर्राटेदार इंग्लिश बोलने लगेंगे।
किसी शिक्षक की प्रशंसा करते हुये दो छात्रों के मध्य संवाद
राजीव और अमन दो छात्र हैं जो अपने केमिस्ट्री के शिक्षक की प्रशंसा में वार्तालाप कर रहे हैं।
राजीव : अमन, आज तो राम नरेश सर के पीरियड में तो मजा ही आ गया।
अमन : सचमुच मजा आ गया। उनके पीरियड का मुझे हमेशा इंतजार रहता है।
राजीव : मुझे भी, मैं तो उनका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। उनका पढ़ाने का तरीका बड़ा ही रोचक है। केमिस्ट्री जैसे कठिन विषय को इतनी रोचक तरीके से पढ़ाते हैं कि केमिस्ट्री पढ़कर मजा आ जाता है, जबकि पहले केमिस्ट्री बड़ी उबाऊ लगती थी।
अमन : हां तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो। अगर हमारे सारे शिक्षक रामनरेश सर की तरह ही पढ़ायें तो कितना अच्छा हो।
राजीव : तुम सही कह रहे हो। बाकी विषयों के शिक्षक तो बस वही पुराने पारंपरिक और बोरिंग तरीके से पढ़ाकर बस औपचारिकता निभा के चले जाते हैं। लेकिन वास्तव में पढ़ा कर जाते हैं तो केवल रामनरेश सर।
अमन : हां बिल्कुल! वो केमिस्ट्री के कठिन से कठिन फार्मूला भी खेल-खेल में हमें सिखा देते हैं।
राजीव : तुम्हे उनकी सबसे बड़ी विशेषता क्या लगती है?
अमन : दरअसल वो पीरियड के आरंभ में कोई छोटी से रोचक कहानी या घटना सुनाते हैं जिससे छात्र उनसे बंध जाता है। फिर कहानी सुनाते सुनाते ही कब केमिस्ट्री के विषय पर आ जाते हैं पता ही नही चलता।
राजीव : और बीच-बीच में वो कोई न कोई मजेदार प्रसंग द्वारा या हँसी-मजाक द्वारा माहौल को हल्का बनाये रखते हैं जिससे छात्र बोर नही होते और उनके पढ़ाये पाठ को भी अच्छी तरह सीख जाते हैं।
राजीव : अच्छा चलो अब चलते हैं, इंटरवेल ख़त्म होने वाला है।
प्रतीक : हाँ, चलो।
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