दो मित्रों के बीच हिंदी के महत्व पर संवाद लेखन : In This article, We are providing दो मित्रों के बीच हिंदी भाषा के महत्व पर संवाद and Do Mitro Ke Beec
दो मित्रों के बीच हिंदी के महत्व पर संवाद लेखन : In This article, We are providing दो मित्रों के बीच हिंदी भाषा के महत्व पर संवाद and Do Mitro Ke Beech Hindi Ke Mahatva par Samvad Lekhan for Students and teachers.
दो मित्रों के बीच हिंदी के महत्व पर संवाद लेखन
राम : अरे भाई श्याम क्या बात है तुम प्रत्येक विषय हिंदी में ही पढ़ते हो पंडित बनने का इरादा है क्या ?
श्याम : नहीं मित्र, दरअसल मुझे हिंदी भाषा बहुत अच्छी लगती है। पर मेरी अंग्रेजी से भी कोई दुश्मनी नहीं।
राम : तो फिर तुम सभी विषयों को अंग्रेजी भाषा में क्यों नहीं पढ़ते हो?
श्याम : क्योंकि और यह हमारे राष्ट्र की मातृभाषा है तो मैं इसे ज्यादा महत्व देता हूं।
राम : ऐसा क्या ख़ास है हिंदी में जो अंग्रेजी में नहीं ?
श्याम : हिंदी सिर्फ एक भाषा ही नहीं बल्कि भारत की पहचान है। यह हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। बहुत सरल, सहज और सुगम भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की संभवतः सबसे वैज्ञानिक भाषा है।
राम : अच्छा तो यह बात है तो तुम्हें क्या लगता है यदि हम हिंदी भाषा पढ़ेंगे तभी हम इसके महत्व को समझेंगे?
श्याम : हाँ तुमने एकदम सही समझा यदि हम लोग ही अपनी भाषा को भूल जाएंगे तो बाकी कोई भी हमारी भाषा को महत्व नहीं देगा।
राम : अच्छा तो यह बात है तब तो मैं भी अपनी मातृभाषा के महत्व को दूसरे लोगों को समझाने के लिए सभी विषयों को हिंदी भाषा में पढ़ूंगा।
दो मित्रों के बीच हिंदी भाषा के महत्व पर संवाद
अनिल : अरे कमल, क्या तुम्हे पता है कि आज 14 सितम्बर है ?
कमल : तो इसमें क्या ख़ास है ?
अनिल : क्या तुम्हे नहीं पता कि 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
कमल : अच्छा ! मुझे इस बारे में नहीं पता था। इसका क्या उद्देश्य है ?
अनिल : इसका उद्देश्य हिंदी के महत्व की जानकारी देना और इसका प्रचार-प्रसार कर लोगों को जागरूक करना है।
कमल : ये तो बहुत अच्छी बात है क्योंकि हिंदी भारत में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है।
अनिल : सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विश्व की सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषाओं में हिन्दी का स्थान दूसरा आता है।
कमल : वैसे भी आजकल हिन्दी के क्षेत्र में लोगों का रुझान बहुत कम और अंग्रेजी की तरफ रुझान ज़्यादा हो गया है।
अनिल : इस कारण हिन्दी दिवस की दिन सभी लोगों को प्रेरित किया जाता है कि वे अपने बोलचाल की भाषा में भी हिंदी का ही उपयोग करें।
कमल : मैं भी आज से वादा करता हूँ की मैं अधिक से अधिक हिंदी भाषा का प्रयोग करूँगा।
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