10 Lines on Sant Ravidas in Hindi - संत रविदास पर 10 वाक्य का निबंध
10 Lines on Sant Ravidas in Hindi - संत रविदास पर 10 वाक्य का निबंध
10 Lines on Sant Ravidas in Hindi
- संत रविदास जी का जन्म संवत 1377 माघ पूर्णिमा के दिन वाराणसी में हुआ था।
- संत रविदास के पिता संतोख दास तथा माता का नाम कलसांं देवी था।
- संत रविदास की पत्नी का नाम लोना देवी बताया जाता है।
- रविदास जी चर्मकार कुल से होने के कारण वे जूते बनाते थे।
- संत रविदास जी प्राय: मूल्य लिये बिना जूते भेंट कर दिया करते थे।
- संत रविदास जी ने रैदासिया अथवा रविदासिया पंथ की स्थापना की।
- रैदास ने साधु-सन्तों की संगति से पर्याप्त आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया।
- निर्गुण धारा के संत रविदास की ईश्वर में अटूट श्रद्धा थी।
- संत रविदास जी को मीरा बाई का आध्यात्मिक गुरु भी माना जाता है।
- उनका सहज भक्ति मार्ग आज भी संपूर्ण मानव समाज का पथप्रदर्शन कर रहा है।
रविदास जयंती पर 10 लाइन का निबंध
- संत रविदास जी का जन्म माघ पूर्णिमा दिन संवत 1377 को हुआ था।
- प्रतिवर्ष रविदास जी के जन्मदिवस को रविदास जयंती के रूप में मनाया जाता है।
- संत रविदास जी ने रैदासिया अथवा रविदासिया पंथ की स्थापना की।
- संत रविदास का पूरा जीवन काल 1450 से 1520 तक माना जाता है।
- संत रविदास जी का जन्म वाराणसी के पास के गांव में हुआ था।
- संत रविदास के पिता संतोख दास तथा माता का नाम कलसांं देवी था।
- संत रविदास की पत्नी का नाम लोना देवी बताया जाता है।
- रविदास जी चर्मकार कुल से होने के कारण वे जूते बनाते थे।
- संत रविदास जी प्राय: मूल्य लिये बिना जूते भेंट कर दिया करते थे।
- संत रविदास ने सबको परस्पर मिलजुल कर प्रेमपूर्वक रहने का उपदेश दिया।
20 lines about Raidas in Hindi
- संत रविदास जी का जन्म माघ पूर्णिमा दिन संवत 1377 को हुआ था।
- संत रविदास जी ने रैदासिया अथवा रविदासिया पंथ की स्थापना की।
- संत रविदास का पूरा जीवन काल 1450 से 1520 तक माना जाता है।
- संत रविदास जी का जन्म वाराणसी के पास के गांव में हुआ था।
- संत रविदास के पिता संतोख दास तथा माता का नाम कलसांं देवी था।
- संत रविदास के पिता मल साम्राज्य के राजा नगर के सरपंच थे।
- संत रविदास की पत्नी का नाम लोना देवी बताया जाता है।
- रविदास जी चर्मकार कुल से होने के कारण वे जूते बनाते थे।
- संत रविदास जी प्राय: मूल्य लिये बिना जूते भेंट कर दिया करते थे।
- संत रविदास को रैदासजी के नाम से भी जाना जाता है।
- संत रविदासजी बचपन में ही भक्ति में लीन रहते थे।
- रैदास ने साधु-सन्तों की संगति से पर्याप्त आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया।
- निर्गुण धारा के संत रविदास की ईश्वर में अटूट श्रद्धा थी।
- संत रविदास जी को मीरा बाई का आध्यात्मिक गुरु भी माना जाता है।
- उनके भक्ति छंद सिख धर्मग्रंथों, गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल हैं।
- रविदास ने समाज को बदलने के लिए काव्य रचनाओं का प्रयोग किया।
- संत रविदास ने सबको परस्पर मिलजुल कर प्रेमपूर्वक रहने का उपदेश दिया।
- हर साल उनकी जयंती पर देशभर में आध्यात्मिक कार्यक्रम होते हैं।
- इन्हीं गुणों के कारण संत रविदास को आज भी लोग श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हैं।
- उनका सहज भक्ति मार्ग आज भी संपूर्ण मानव समाज का पथप्रदर्शन कर रहा है।
COMMENTS